हिंदुत्व सावरकर या विवेकानंद का नहीं, हिंदुत्व एक है और अंत तक वही रहेगा- RSS प्रमुख मोहन भागवत
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने मंगलवार को एक पुस्तक के विमोचन पर कहा कि हिंदुत्व एक है और अंत तक वही रहेगा।
नई दिल्ली, 12 अक्टूबर। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने मंगलवार को एक पुस्तक के विमोचन पर कहा कि हिंदुत्व एक है और अंत तक वही रहेगा। वीर सावरकर पर एक पुस्तक के विमोचन पर उन्होंने कहा कि सावरकर को लेकर लोगों में सही जानकारी का अभाव है। भागवत ने कहा कि आज के राजनीतिक परिदृश्य में हिंदुत्व का झंडा लेकर चलने वाले लोगों के विचारों की बहुत आवश्यकता है। स्वतंत्रता के बाद वीर सावरकर को बदनाम करने की मुहीम चली है।
सावरकर के बार में सही जानकारी का अभाव
'वीर सावरकर: वह आदमी जो विभाजन को रोक सकता था' नाम की पुस्तक के विमोचन पर मोहन भागवत ने कहा कि आज के भारत में वीर सावरकर के बारे में सही जानकारी का अभाव है। सावरकर के विचारों की आवश्यकता है। सावरकर की जिन चीजों की आज के भारत को जरूरत है वह सब इस किताब में है। मोहन भागवत ने आगे कहा कि सर सैयद अहमद मुस्लिम असंतोष के पिता हैं।
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मुस्लिम देशभक्तों को सम्मान दिया जाना चाहिए
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उन्होंने मुस्लिमों के नाम पर रखे गए सड़कों के नाम बदले जाने पर आपत्ति जताते हुऐ कहा कि ऐसा नहीं किया जाना चाहिए, क्योंकि कई मुस्लिम देशभक्त भी थे और उन्हें सम्मान दिया जाना चाहिए।
फिर आ रहा है सावरकर युग
भागवत ने कहा कि जब देश में विभाजन की बात हुई उस समय सावरकर ने हिंदुत्व की बात की। हिंदुत्व वह है जो शाश्वत है। हम जानते हैं कि आजादी के 75 सालों बाद अब हिंदुत्व को जोर से बोलने की आवश्यकता है। सावरकर जी का हिन्दुत्व, विवेकानंद का हिन्दुत्व ऐसा बोलने का फैशन हो गया, हिन्दुत्व एक ही है, वो पहले से है और आखिर तक वो ही रहेगा। सावरकर जी ने परिस्थिति को देखकर इसका उद्घोष जोर से करना जरूरी समझा। मोहन भागवत ने कहा कि सावरकर का युग फिर से आ रहा है। पुस्तक को लेकर उन्होंने कहा कि यह किताब काफी रिसर्च और कठिन परिश्रम के बाद लिखी गई है। मैं इसके लेखक को बधाई देता हूं। राष्ट्रवादी सावरकर के बारे में अध्ययन करना आसान नहीं है। यह किताब सावरकर के बारे में गलत फहमियों को दूर करेगी। उन्होंने कहा कि सावरकर एक महान देशभक्त थे। उसकी उपेक्षा करना और उसका अपमान करना क्षमा योग्य नहीं है।