हिजाब विवाद पर फैसला देने वाले कर्नाटक हाईकोर्ट के 3 जजों को Y श्रेणी की सुरक्षा
नई दिल्ली, 20 मार्च: कर्नाटक में हिजाब विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। कुछ छात्राओं ने इसके खिलाफ कर्नाटक हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी, जिस पर कोर्ट ने राज्य सरकार के आदेश को सही माना और क्लास में हिजाब पहनने पर बैन बरकरार रखा। इस आदेश को देने वाले हाईकोर्ट के तीन जजों को लगातार धमकी मिल रही थी, जिस पर अब राज्य सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है।
मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने रविवार को कहा कि स्कूलों-कॉलेजों में हिजाब बैन के फैसले को सुनाने वाले कर्नाटक हाईकोर्ट के तीन जजों को वाई श्रेणी का सुरक्षा कवर दिया जाएगा। हाल ही में दो लोगों ने जजों को जान से मारने की धमकी दी थी, जिसको देखते हुए राज्य सरकार ने ये फैसला लिया है। साथ ही दोनों आरोपियों को भी गिरफ्तार कर लिया गया। मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि मैंने पुलिस अधिकारियों से बात की है, साथ ही उनको इस मामले में जांच करने के आदेश दिए हैं।
क्या
था
हाईकोर्ट
का
फैसला?
कर्नाटक
हाईकोर्ट
में
तीन
जजों
की
बेंच
ने
छात्राओं
की
याचिका
को
खारिज
कर
दिया
था।
साथ
ही
कहा
था
कि
हिजाब
पहनना
इस्लाम
के
अनिवार्य
धार्मिक
प्रथा
का
हिस्सा
नहीं
है
और
ये
भारत
के
संविधान
के
अनुच्छेद
25
के
तहत
संरक्षित
अधिकार
भी
नहीं
है।
उन्होंने
आगे
कहा
कि
राज्य
सरकार
ने
जो
स्कूल
यूनिफॉर्म
निर्धारित
की
है,
वो
वाजिब
है।
साथ
ही
संवैधानिक
तौर
पर
जायज,
जिस
पर
छात्र
आपत्ति
नहीं
जता
सकते
हैं।
गुजरात के बाद कर्नाटक के स्कूलों में भी सिलेबस का हिस्सा होगी भगवतगीता!
सुप्रीम
कोर्ट
में
मामला
हाईकोर्ट
के
फैसले
को
कई
लोगों
ने
सुप्रीम
कोर्ट
में
चुनौती
दी
है।
याचिका
दायर
करने
वाली
छात्राओं
का
कहना
है
कि
अब
उन्हें
सुप्रीम
कोर्ट
से
ही
उम्मीद
है।
अगर
वहां
से
उनको
राहत
नहीं
मिली,
तो
वो
पढ़ाई
छोड़
देंगी।