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महिलाएं कर रहीं अपने केश का दान, कैंसर पीड़ितों को दे रहीं नई जिंदगी

देश में बाल दान करने का अनोखा अभियान चलाया जा रहा है। इन बालों से कैंसर पीड़ितों की जिंदगी बदल रही है।

By Rajeevkumar Singh
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दिल्ली। देश में बाल दान करने का एक अनोखा अभियान चलाया जा रहा है। महिलाएं खुशी-खुशी अपने खूबसूरत बालों को दान करने के लिए इसे कटाकर छोटे करवा रही हैं। उनके डोनेट किए हुए बाल किसी की जिंदगी में नई खुशियां ला रहे हैं।

दरअसल, हम बात कर रहे हैं देश में बड़े पैमाने पर चलाए जा रहे हेयर डोनेशन कैंपेन की, जिसने कई कैंसर पीड़ित महिलाओं को नया जीवन दिया है।

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कीमोथेरेपी के दौरान गिर जाते हैं बाल

कीमोथेरेपी के दौरान गिर जाते हैं बाल

कैंसर पीड़ितों के इलाज के लिए जब कीमोथेरेपी किया जाता है तो बाल झर जाते हैं और ऐसे मरीजों को समाज में लोग अजीब निगाह से देखते हैं।

लोगों के रवैये से कैंसर पीड़ितों को दुख होता है। शालिनी मुरली को भी ऐसे बुरे अनुभवों से गुजरना पड़ा। उनका कहना है, 'लोग मेरे पास बैठते नहीं थे। समाज के रवैये ने मेरा दिल तोड़ दिया था और मैं जान देने के बारे में सोचने लगी थी।' लेकिन हेयर फॉर होप, शालिनी की जिंदगी में सच में नई उम्मीद लेकर आया।

29 साल की शालिनी को 2009 में पता चला कि उनको ब्रेस्ट कैंसर है। पति उनको छोड़कर चले गए। शालिनी ने छह साल के बेटे को पालने के साथ-साथ अपना इलाज भी कराया। उनके ऊपर बहुत सारा कर्ज था। सारी परेशानियों से जूझते हुए शालिनी ने कीमोथेरेपी कराया जिसके बाद उनके बाल गिर गए।

परिवार के लोगों ने शालिनी को जीने का हौसला दिया और दान किए गए बालों से बने विग को लगाने से उनमें नया विश्वास जगा। अब वह अपने पेशे में काफी सफल हैं। कैंसर से जूझ रहे पीड़ितों को हौसला देने के लिए वह एक बहुत बड़ी प्रेरणा बन चुकी हैं।

कई संस्थाएं चला रही हैं हेयर डोनेशन कैंपेन

कई संस्थाएं चला रही हैं हेयर डोनेशन कैंपेन

हेयर डोनेट करने के लिए कई संस्थाएं अभियान चला रही हैं। इनमें प्रमुख हैं - हेयर ऐड और हेयर ऑर होप इंडिया।

ये संस्थाएं महिलाओं से केश दान में लेती हैं। उन केशों से नेचुरल विग बनाए जाते हैं और फिर उसे मुफ्त में मरीजों को दिया जाता है।

हेयर फॉर होप कैंपेन चला रही प्रेमी मैथ्यू को इसकी प्रेरणा एक छह साल के बच्चे से मिली।

छह साल के बच्चे ने दी बड़ी प्रेरणा

छह साल के बच्चे ने दी बड़ी प्रेरणा

प्रेमी मैथ्यू का छह साल का भतीजा डिलन अपने घुंघराले बाल बढ़ा रहा था। मैथ्यू को यह जानकर हैरानी हुई कि दान करने के लिए वह ऐसा कर रहा है। पड़ोस की लड़की ने कैंसर पीड़ितों के लिए नेचुरल विग बनवाने की खातिर अपने लंबे बाल दान किए थे जिसे देखकर डिलन भी अपने बाल बढ़ा रहा था।

प्रेमी मैथ्यू इससे काफी प्रभावित हुईं उन्होंने अपने एनजीएओ प्रोटेक्ट योर मॉम के फेसबुक पेज पर इस स्टोरी को पब्लिश किया तो यह वायरल हो गया जिसके बाद कई देशों की महिलाएं केश दान करने के लिए आगे आईं।

मैथ्यू बताती हैं कि सबसे पहले खाड़ी के देशों, जर्मनी और भारत से ज्यादा महिलाओं ने अपने बाल देने की इच्छा जाहिर की। एक छह साल के बच्चे की प्रेरणा से इतना बड़ा अभियान खड़ा हुआ और कई मरीजों की जिंदगी में खुशी आई।

क्या कहती हैं बाल दान करने वाली महिलाएं

क्या कहती हैं बाल दान करने वाली महिलाएं

जिन महिलाओं ने केश दान करने के लिए इनको कटवाया उनसे भी समाज में लोगों ने सवाल-जवाब किए।

प्रेमी मैथ्यू इस बारे में कहती हैं कि बिना बालों और भौंह के मरीजों के लिए समाज का सामना करना बहुत मुश्किल हो जाता है। समाज को लगता है कि कैंसर पीड़ित ने कितना बड़ा पाप कर दिया।

शबनम अपने घुंघराले बालों के लिए समाज में पहचानी जाती थीं लेकिन जब उन्होंने बाल कटवाए तो लोग कहने लगे कि तुम लड़की हो, ऐसा क्यों किया? शबनम इस बारे में बताती हैं, 'मैंने जब उनको कहा कि कैंसर पीड़ितों के लिए बाल कटवाए हैं तो उनमें से कुछ प्रभावित हुए और कुछ ने सोचा कि मैं पागल हूं!'

कोच्ची की श्यामली ने अपने भाई की याद में बाल दान किए। कैंसर से सात साल पहले उनके भाई की मौत हो गई थी। वह कहती हैं, 'मैंने अपने लंबे बालों की बहुत देखभाल की थी और मुझे यह सोचकर अच्छा लगता है कि उसका इतना पॉजिटीव असर होगा। जिस लड़की ने मेरे बालों से बनाए हुए विग पहने, उसका मुस्कुराता चेहरा देखकर मुझे जिंदगी की सबसे बड़ी खुशी मिल गई।'

बाल दान कर चुकीं 22 साल की सांड्रा कहती हैं कि लोगों को अपना नजरिया बदलना चाहिए और बालों से किसी के बारे में जज नहीं करना चाहिए।

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English summary
Woman are donating their hairs to bring smile on the face of cancer patients. Natural wigs are made from donated hairs and they are changing the life of those patients.
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