क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

केरल से ग्राउंड रिपोर्ट: 'यक़ीन नहीं हो रहा कि मैंने माता-पिता को खो दिया है'

शाली का घर केरल के इडुक्की ज़िले में है. ये इलाका ख़ूबसूरत पहाड़ियों से घिरा है. इसलिए वो बारिश के मिज़ाज से वाकिफ़ हैं.

वो कहती हैं, "बारिश के दौरान गांव में अंधेरा छा जाता है और इसके बाद बूंदें गिरती हैं. लेकिन हमारी रोज़मर्रा की ज़िंदगी पर कभी असर नहीं होता. ये मॉनसून की बारिश होती है. उस दौरान हम घर में ही रहते हैं. पहले भी कुछ जगहों पर हमेशा ज़मीन धंसती थी, लेकिन हम कभी भूस्खलन से प्रभावित नहीं हुए थे

By BBC News हिन्दी
Google Oneindia News

"भूस्खलन में मैंने अपने माता-पिता को खो दिया. मैं उनका अंतिम संस्कार भी नहीं कर सकी."

46 बरस की शाली ने अपना दर्द कुछ इसी अंदाज़ में बयान किया.

शाली क़ुदरत के उस कोप से पीड़ित हैं जिसे केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन साल 1924 के बाद राज्य की सबसे बड़ी प्राकृतिक आपदा बता चुके हैं.

शाली से हमारी मुलाक़ात इडुक्की के बाढ़ राहत कैंप में हुई. इस कैंप में पांच सौ से ज़्यादा लोगों ने शरण ली हुई है.

कुंजाक्कुझी इलाके में हुए भूस्खलन में शाली के माता-पिता इलिक्कुट्टी (60) और अगस्ती (65) की मौत हो गई. यहां 11 अन्य लोगों ने भी जान गंवा दी.

शाली कहती हैं, "हर साल बारिश और भूस्खलन होता है, लेकिन मुझे यक़ीन नहीं हो रहा है कि इसमें मैंने अपने माता-पिता को खो दिया है. उस वक़्त वो सो रहे थे."

शाली और उनके बच्चे
BBC
शाली और उनके बच्चे

बदल गई बारिश की भाषा

शाली का घर केरल के इडुक्की ज़िले में है. ये इलाका ख़ूबसूरत पहाड़ियों से घिरा है. इसलिए वो बारिश के मिज़ाज से वाकिफ़ हैं.

वो कहती हैं, "बारिश के दौरान गांव में अंधेरा छा जाता है और इसके बाद बूंदें गिरती हैं. लेकिन हमारी रोज़मर्रा की ज़िंदगी पर कभी असर नहीं होता. ये मॉनसून की बारिश होती है. उस दौरान हम घर में ही रहते हैं. पहले भी कुछ जगहों पर हमेशा ज़मीन धंसती थी, लेकिन हम कभी भूस्खलन से प्रभावित नहीं हुए थे. जब मॉनसून की विदाई होती है तो भी हल्की बारिश के साथ होती है. मुझे लगा कि ऐसा ही होगा."

राहत शिवर में रह रही शाली कम से कम एक बार अपने माता-पिता के घर जाना चाहती हैं, लेकिन लगातार हो रही बारिश, भूस्खलन और ऐसे ही दूसरे ख़तरों की वजह से वो कहीं भी नहीं जा पा रही हैं. इन हालात ने उन्हें और ज़्यादा परेशान कर दिया है.

केरल में फंसे पर्यटकों को निकालने का काम जारी

भूस्खलन में तबाह हुए घर
BBC
भूस्खलन में तबाह हुए घर

बारिश में बरसते आंसू

शाली कहती हैं हादसे के एक दिन पहले उन्होंने अपने माता-पिता से बात की थी.

वो कहती हैं, "उन्होंने मुझसे कहा था कि चिंता मत करो. लेकिन अब उनके घर का नामो-निशान तक नहीं है. मेरे पड़ोसियों ने मुझे सिर्फ़ उनकी मौत के बारे में बताया. दीवार ने उनके घर से बाहर निकलने का रास्ता बंद कर दिया. बाद में वो बाढ़ के पानी में घिर गए. ये परिवार के लिए बहुत दुखद घटना है."

शाली के पति को दिल की बीमारी है. माता-पिता उनके लिए संबल की तरह थे. उनके बेटे बिबिन और बेटी स्नेहा पढ़ाई पूरी कर चुके हैं.

वो कहती हैं, "मैं अपने माता-पिता की मदद करने के बारे में सोचती थी. मुझे लगता था कि मेरे बच्चे इस स्थिति में हैं कि वो मेरी देखभाल कर सकते हैं. मुझे बहुत अफ़सोस है कि मैं कभी अपने माता-पिता की मदद नहीं कर सकी."

शाली कहती है, "हम हमेशा बारिश के साथ रहे हैं. अब इसने हमारी ज़िंदगी को जख़्म दे दिया है."

विक्रमन की उम्र 65 बरस है. वो इडुक्की के किसान हैं. वो कहते हैं कि उन्होंने पहले कभी ऐसी प्राकृतिक आपदा नहीं देखी.

विक्रमन कहते हैं, "हममें से कई ने अपने घर गंवा दिए. घर का सामान भी चला गया. शाली की स्थिति सबसे ख़राब है. हम उन्हें दिलासा दे रहे हैं. साल 1974 में इडुक्की में कई जगह भूस्खलन हुआ था, लेकिन मौजूदा बारिश की तरह तब इतनी जनहानि नहीं हुई थी."

राहत शिविर में रहने वाले लोग एक दूसरे को दिलासा दे रहे हैं. सभी एक साथ खाना खाते हैं.

विक्रमन कहते हैं, "कई बार हम लोगों के रोने की आवाज़ सुनते हैं. कुछ लोग चुपचाप सोए रहते हैं."

इस राहत शिविर में क़रीब 70 बच्चे भी हैं. कुछ मौकों पर वो बूंदाबांदी में निकल आते हैं और खेलने लगते हैं.

ये भी पढ़ें:

क्या है निपाह वायरस, जिसने केरल में फैलाया डर

केरल में बाहरी मज़दूर सीख रहे हैं मलयालम

केरल में 'माहवारी का जश्न'

BBC Hindi
Comments
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
English summary
Ground report from Kerala Not sure that I have lost my parents
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X