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कोरोना को लेकर चीन के खिलाफ अमेरिका में पहला केस दर्ज

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नई दिल्ली- कोरोना वायरस के जरिए पूरी मानवता को खतरे में डालने के आरोपों के बीच चीन के खिलाफ अमेरिका में पहला मुकदमा दर्ज हो गया है। मिसौरी अमेरिका का पहला ऐसा राज्य है जिसने इस मामले में चीन खिलाफ कानून का सहारा लिया है। मुकदमे में चीन पर आरोप लगाया है कि उसने कोरोना वायरस के बारे में जानबूझकर जानकारी छिपाई, व्हीस्लब्लोअरों को गिरफ्तार किया और इसके बेहद संक्रामक प्रवृत्ति के होने की आशंकाओं से इनकार करता रहा, जिसके चलते पूरी दुनिया को इतना नुकसान हो रहा है, जिसकी कभी भी भरपाई नहीं हो सकती।

कोरोना पर चीन के खिलाफ पहला मुकदमा

कोरोना पर चीन के खिलाफ पहला मुकदमा

अमेरिकी राज्य मिसौरी की एक जिला अदालत में वहां के अटॉर्नी जनरल इरिक स्मिट ने यह केस चीन की सरकार, सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी और कुछ चीनी अधिकारियों और संस्थाओं के खिलाफ दर्ज कराया है। आरोपों के मुताबिक इस बात के पुख्ता सबूत मौजूद हैं कि जब कोरोना वायरस का संक्रमण शुरू हुआ, तब पहले चीन ने पहले के सबसे महत्वपूर्ण हफ्तों में जनता को धोखा दिया, बेहद आवश्यक जानकारियों को दबाए रखा, व्हीस्लब्लोअरों को ही गिरफ्तार कर लिया, इसके इंसान से इंसान में फैलने की आशंकाओं से इनकार करता रहा, बेहद अहम मेडिकल रिसर्च को नष्ट कर दिया, लाखों लोगों को वायरस से संक्रमित होने दिया और यहां तक की निजी सुरक्षा सामग्रियों (पीपीई) को भी जमा किए रखा, जिसके चलते बेवजह में वैश्विक महामारी फैल गई, जिसे कि रोका भी जा सकता था।

चीन ने जानबूझकर दुनिया को संकट में डाला

चीन ने जानबूझकर दुनिया को संकट में डाला

इरिक स्मिट ने चीन पर आरोप लगाया है कि,' कोविड-19 ने दुनिया भर के देशों को इतना नुकसान पहुंचाया है, जिसकी भरपाई नहीं हो सकती। इसने बीमारी दी है, मौत दी है, अर्थव्यवस्था चौपट हो गई है और इंसान संकट में है। मिसौरी में वायरस का प्रभाव बहुत ही वास्तविक है- हजारों लोग संक्रमित हुए हैं और कई लोगों की मौत हो चुकी है, परिवारों को मौत की आगोश में समाते अपनों से दूर करना पड़ा है, छोटे कारोबारियों की दुकानें बंद हो रही हैं और जो लोग कमाते-खाते हैं उन्हें दो वक्त की रोटी के लिए जूझना पड़ रहा है।' उनका स्पष्ट आरोप है कि 'चीन की सरकार ने कोविड-19 के खतरे और इसकी संक्रामक प्रवृत्ति के बारे में दुनिया से झूठ बोला,व्हीस्लब्लोअरों का मुंह बंद कर दिया और बीमारी को फैलने से रोकने के लिए कुछ नहीं किया। उन्होंने जो कुछ किया है, उसके लिए उन्हें जिम्मेदार ठहराया ही जाना चाहिए। '

इंसान से इंसान में फैलने की जानकारी थी, लेकिन चुप रहा

इंसान से इंसान में फैलने की जानकारी थी, लेकिन चुप रहा

इस केस में साफ दावा किया गया है कि चीन के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के पास पिछले साल दिसंबर के अंत में ही कोरोना वायरस के मानव से मानव में फैलने के पुख्ता सबूत हाथ लग चुके थे। इसके बावजूद उन्होंने 31 दिसंबर से पहले विश्व स्वास्थ्य संगठन को इसके फैलने की भी सूचना नहीं दी। यही नहीं जब उन्होंने डब्ल्यूएचओ को संक्रमण फैलने की सूचना दी भी तब भी इसके मानव से मानव में फैलने की बात को दबा दिया। यानि, कोरोना वायरस के खतरे की पूरी जानकारी होते हुए भी चीन ने इसके संक्रमण को रोकने के लिए कुछ भी नही किया। न्यू यॉर्क टाइम्स ने जो आंकड़े जुटाए हैं, उसके मुताबिक अकेले इस साल 1 जनवरी को ही वुहान से 1,75,000 लोग नया साल मनाने के लिए यात्राओं पर निकल गए। चीन सरकार ने भी नए साल का जश्न नहीं रोका, जबकि उसे संक्रमण के खतरे के बारे में सारी जानकारी थी।

अमेरिका को है संकट से उबरने का इंतजार

अमेरिका को है संकट से उबरने का इंतजार

अमेरिकी सीनेटर और सीनेट के सेलेक्ट कमेटी ऑन इंटेलिजेंस के एक सदस्य बेन सासे ने इस मुकदमे का स्वागत किया है। उन्होंने कहा, 'चेयरमैन शी ने डॉक्टरों की जुबान बंद करा दी, महत्वपूर्ण वैज्ञानिक डेटा को छिपाया, फरवरी के मध्य तक स्वास्थ्य अधिकारियों को जाने से रोका, यूरोप में जो उपकरण भेजे वो बेकार थे और अमेरिका पर ही आरोप लगा दिया। जब अमेरिकी इस खतरनाक वायरस को हरा देंगे, तब हम चीन की भ्रष्ट सरकार को इसके लिए जिम्मेदार ठहराकर रहेंगे।' पिछले हफ्ते ही एक अमेरिकी सांसद ने एक बिल पेश किया था, जिसमें अमेरिकी जनता, कारोबारी या स्थानीय सरकार को लोगों की कोरोना वायरस से हुई मौत, उससे मिले दर्द और उसकी वजह से पैदा हुए संकट या आर्थिक नुकसान के लिए चीन या किसी भी दूसरे संप्रभु देशों के खिलाफ कानून का सहारा लेने की बात है जिसने जानबूझकर ऐसी परिस्थितियां पैदा होने दी।

चीन आरोपों से करता रहा है इनकार

चीन आरोपों से करता रहा है इनकार

बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पिछले शनिवार को ही चेतावनी दे चुके हैं कि चीन को इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे यदि यह साबित हो जाता है कि उसने जानबूझकर कोरोना वायरस फैलाया। हालांकि, चीन ने किसी भी तरह की बात छिपाने से लगातार इनकार किया है। कोरोना वायरस अमेरिका में 45 हजार से ज्यादा लोगों की जान ले चुका है, जबकि पीड़ितों की तादाद सवा आठ लाख को पार कर चुकी है। जबकि, दुनिया में संक्रमितों की संख्या 22 लाख को पार कर चुकी है और मरने वालों की संख्या पौने दो लाख से ज्यादा हो चुकी है।

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English summary
First case filed in America against China for coronavirus
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