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राकेश टिकैत बोले- अनदेखी करने वाली सरकारों को सबक सिखाना जानता है किसान

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नई दिल्ली, 24 जुलाई: भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने एक बार फिर केंद्र सरकार को कृषि कानूनों को वापस लेने और एमएसपी पर कानून बनाने को कहा है। टिकैत ने शनिवार को कहा कि सरकार किसान को कमजोर ना समझे, अगर किसान की अनदेखी होती है तो किसान सबक सिखाना भी जानता है। उन्होंने ये भी कहा कि आंदोलन को खत्म करने का कोई सवाल ही नहीं है, आंदोलन चलता रहेगा।

kisan andolan

कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली-यूपी को जोड़ने वाले गाजीपुर बॉर्डर पर धरना का नेतृत्व कर रहे राकेश टिकैत ने कहा, किसान संसद से किसानों ने गूंगी-बहरी सरकार को जगाने का काम किया है। किसान संसद चलाना भी जानता है और अनदेखी करने वालों को गांव में सबक सिखाना भी जानता है। भुलावे में कोई ना रहे। उन्होंने ये भी कहा कि भारत की आत्मा किसान है, किसान बचेगा, तभी भारत की आत्मा और आजादी बचेगी।

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किसान इन दिनों जंतर मंतर पर जाकर संसद भी लगा रहे हैं और अपना विरोध सरकार तक पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं। इसको लेकर टिकैत ने कहा कि जंतर-मंतर पर मानसून सत्र के दौरान किसान संसद चल रही है। रोजाना 200 किसान संसद में पहुंच रहे है। जब तक मानसून सत्र चलेगा तब तक किसान संसद चलेगी। किसान अपनी बात से पीछे हटने वाले नहीं है। उन्होंने कहा कि हम हमेशा बातचीत के लिए तैयार है लेकिन सरकार शर्त लगाकर बातचीत करना चाहती है जो हमें मंजूर नहीं है।

क्या है किसानों का विरोध

केंद्र सरकार बीते साल जून में तीन कृषि कानून लेकर आई थी, जिनमें सरकारी मंडियों के बाहर खरीद, अनुबंध खेती को मंजूरी देने और कई अनाजों और दालों की भंडार सीमा खत्म करने जैसे प्रावधान हैं। इसको लेकर किसान बीते साल जून के महीने से लगातार आंदोलनरत हैं और इन कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। किसानों का आंदोलन जून, 2020 से नवंबर तक मुख्य रूप से हरियाणा और पंजाब में चल रहा था। सरकार की ओर से प्रदर्शन पर ध्यान ना देने की बात कहते हुए 26 नवंबर को किसानों ने दिल्ली के लिए कूच कर दिया। इसके बाद यानी 26 नवंबर, 2020 से देशभर के किसान लगातार दिल्ली और हरियाणा को जोड़ने वाले सिंधु बॉर्डर, टिकरी बॉर्डर , गाजीपुर बॉर्डर और दिल्ली के दूसरे बॉर्डर पर धरना दे रहे हैं।

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English summary
farmers protest BKU rakesh tikait to centre kisan know how to teach a lesson
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