Fact Check: क्या 12 घंटे तक ही जिंदा रहता है कोरोना वायरस, अगर नहीं तो फिर कितने दिन होती है इसकी Life
नई दिल्ली। आज सुबह सात बजे से पूरा देश रात नौ बजे तक जनता कर्फ्यू का पालन कर रहा है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों की सलाह के बाद भी महामारी के दौरान लोग कई ऐसी बातों को शेयर कर रहे हैं जो अफवाह से ज्यादा कुछ नहीं हैं। इससे पहले व्हाट्स एप पर कई ऐसे मैसेज फॉरवर्ड हो रहे हैं और इनमें से ही एक है कोरोना वायरस की लाइफ 12 घंटे होती है। इसलिए ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनता कर्फ्यू की अपील की है। जबकि यह बात पूरी तरह से गलत है।
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क्या है व्हाट्स एप पर आने वाले मैसेज
पीएम मोदी ने गुरुवार को देश के नाम संबोधन में जनता से अपील की थी कि वे 22 मार्च यानी रविवार को सुबह सात बजे से रात नौ बजे तक बाहर न निकलें। पीएम न इसके लिए 'जनता कर्फ्यू' शब्द का प्रयोग किया था। व्हाट्स एप इसके बाद ही एक मैसेज तैरने लगा जिसमें कहा गया कि यह अपील पीएम मोदी ने इसलिए की ताकि वायरस को एक ही दिन के अंदर रोका जा सके। फेक इनफॉर्मेशन के तहत लोगों ने कहा कि कोरोना वायरस की लाइफ एक जगह पर बस 12 घंटे होती है और इसलिए ही 14 घंटे के जनता कर्फ्यू की अपील की गई है। लोगों ने यह तक कहा है कि अगर ऐसा करते हैं तो भारत पूरी तरह से 'वायरस फ्री' हो जाएगा। एक और मैसेज व्हाट्स एप पर आ रहा है जिसमें कहा जा रहा है कि 24 घंटे तक अगर पूरे देश को रोक दिया जाए तो वायरस देश में जहां कहीं भी होगा वहीं मर जाएगा।
क्या कहना है WHO का
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लएचओ) की तरफ से कहा गया है कि अभी तक यह तय नहीं हो पाया है कि कोविड-19 कितनी देर तक सतह पर जिंदा रह सकता और उसे जिंदा रखने में कौन सी वजहें जिम्मेदार हैं। डब्लूएचओ ने यह भी कहा है कि यह वायरस दूसरे वायरस की ही तरह बर्ताव करता है। डब्लूएचओ के मुताबिक, 'कई अध्ययनों से यह बात पताचलती है कि कोविड-19 सतह पर कुछ घंटों या फिर कई दिनों तक जिंदा रह सकता है।' डब्लूएचओ के मुताबिक सतह पर वायरस कब तक जिंदा रहेगा यह अलग-अलग स्थितियों पर निर्भर है जैसे सतह किस तरह की है या फिर तापमान कैसा या वातावरण में उमस किस तरह की है।
किस तरह की सतह पर कितनी लाइफ
अमेरिका के नेशनल हेल्थ इंस्टीट्यूट (एनआईएच) के वायरोलॉजिस्ट नीलत्जे वैन डोरेमालेन की तरफ से एक स्टडी इस बात पर की गई थी कि वायरस अलग-अलग सतह पर कितनी देर तक जिंदा रह सकता है। यह स्टडी न्यू इंग्लैंड जनरल ऑफ मेडिसन में 17 मार्च को पब्लिश हुई थी। इस स्टडी के मुताबिक वायरस हवा में तीन घंटे तक रह सकता है। जबकि कार्डबोर्ड पर इसकी जिंदगी 24 घंटे तक होती है और किसी भी प्लास्टिक या स्टील की सतह पर वायरस की जिंदगी दो से तीन दिन तक रहती है।
नौ दिनों तक भी रह सकता है जिंदा
एक और स्टडी जनरल हॉस्पिटल ऑफ इंफेक्शन की तरफ से हुई थी। इस स्टडी में कहा गया था कि कोरोना वायरस की जिंदगी धातु, शीशे या फिर प्लास्टिक पर नौ दिनों तक रह सकती है। डब्लूएचओ की तरफ से सलाह दी गई थी कि अगर आपको लगता है कि सतह किसी वायरस से संक्रमित है तो इसे साधारण कीटाणुनाशक से साफ कर लीजिए ताकि वायरस खत्म हो जाए। डब्लूएचओ की तरफ से कहा गया है, 'अपने हाथों को या तो एल्कोहल आधारित सैनिटाइजर से साफ करें या फिर उसे साबुन और पानी से अच्छे से साफ करें। अपनी आंखों, मुंह या फिर नाक को छूने से बचें।'