पूर्व RAW प्रमुख की चेतावनी- Huawei के भारत में आने से कई बड़े जोखिम
नई दिल्ली: पिछले पांच महीने से लद्दाख में भारत और चीन के बीच विवाद जारी है। इस बीच चीनी कंपनी Huawei के भारत में निवेश और परिचालन का पूर्व RAW प्रमुख विक्रम सूद ने विरोध किया है। सूद 31 साल देश की सेवा करने के बाद मार्च 2003 में रिटायर हो गए थे। उनके मुताबिक अगर Huawei का कारोबार भारत में बढ़ा, तो इसके कई जोखिम हो सकते हैं, क्योंकि इसके पीछे चीनी सरकार का हाथ है।
मौजूदा वक्त में भारत को 5जी कनेक्टिविटी से जोड़ने की प्लानिंग चल रही है। अभी इसके स्पेक्ट्रम का आवंटन सरकार ने नहीं किया है, ऐसे में पूर्व RAW प्रमुख का बयान इस प्रक्रिया पर काफी असर डाल सकता है। अपनी किताब 'The Ultimate Goal' में उन्होंने लिखा कि Huawei खुद को स्वतंत्र संस्था कहती है, लेकिन ये सबको पता है कि चीनी सरकार उसकी फंडिंग करती है। अमेरिका में जो इंस्टेलिजेंस प्रापर्टी की चोरी हुई थी, उसमें इसी कंपनी का हाथ था।
भारत-जापान ने Cyber-Security के क्षेत्र में मिलाया हाथ, ऐसे चकनाचूर करेगा चीन का मंसूबा
उनके मुताबिक कोरोना वायरस के बाद से चीन के प्रति सभी देशों का रवैया बदल गया है। इससे चीन के कॉर्पोरेट हितों को भी नुकसान पहुंचेगा। इसके अलावा भारत के प्रति जब तक चीन अपना रवैया पूरी तरह से नहीं बदलता है, तब तक Huawei या अन्य किसी चीन कंपनी के साथ ऐसे प्रस्तावों से दूर रहना चाहिए। आपको बता दें कि लद्दाख में शुरू हुए विवाद के बाद से भारत ने चीनी कंपनियों के प्रति अपना रवैया बदला है। हाल ही में भारत सरकार ने सुरक्षा के मद्देनजर टिकटॉक जैसे 100 से ज्यादा मोबाइल ऐप को बैन किया था।