फ्लाइट के पायलट ने किया मेजर मुकुंद को सलाम, सोशल मीडिया पर वायरल हुर्इ चिट्ठी
चेन्नई। शुक्रवार को कश्मीर के शोपियां सेक्टर में आतंकियों से मोर्चा लेते समय 44 राष्ट्रीय राइफल्स के बहादुर मेजर मुकुंद वरदराजन और सिपाही विक्रम सिंह शहीद हो गए।
चेन्नई में सोमवार को मेजर मुकुंद का अंतिम संस्कार किया गया। उनके अंतिम संस्कार के समय भारतीय सेना के इस बहादुर अफसर को सलामी देते समय सबकी आंखे नम हो गईं।
मेजर मुकुंद के अंतिम संस्कार के समय उनकी पत्नी इंदु रेबेका वर्गीस, उनकी तीन वर्ष की बेटी अर्शिया और उनके माता-पिता भी मौजूद थे। जिस समय मेजर की तीन वर्ष की बेटी ने अपने पापा को आखिर बार गुडबाय और गुडनाइट कहा तो माहौल और गमगीन हो गया।
जहां चेन्नई में मेजर मुकुंद को श्रद्धांजलि दी जा रही थी तो वहीं सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर भी लोग मेजर मुकुंद और सिपाही विक्रम सिंह से जुड़े फोटोग्राफ और जानकारियों को आपस में साझा करके उन्हें याद कर रहे थे और देश के इन दो बहादुरों की शहादत को सलामी दे रहे थे।
सोशल मीडिया पर एयर इंडिया के पायलट कैप्टन एस श्रीनिवासन की चिट्ठी वायरल हो गई है जो मेजर मुकुंद का शव दिल्ली से चेन्नई लाने वाली फ्लाइट को उड़ा रहे थे।
कैप्टन एस श्रीनिवासन ने मेजर मुकुंद के माता-पिता के नाम पर एक चिट्ठी लिख उनसे कहा है कि वह एक माता-पिता का दर्द समझ सकते हैं जिन्होंने अपना बेटा खो दिया है।
आगे की कुछ स्लाइड्स में देखिए कैसे मेजर मुकुंद और सिपाही विक्रम सिंह को सोशल मीडिया पर लोग याद कर रहे हैं और उनकी शहादत को सलाम करना नहीं भूल रहे हैं।
कैप्टन श्रीनिवासन की चिट्ठी
एयर इंडिया के पायलट एस श्रीनिवासन ने चिट्ठी लिखकर मेजर मुकुंद के माता-पिता को सांत्वना दी। उन्होंने यह भी कहा कि भले ही मेजर मुकुंद अब उनके साथ न हों लेकिन वह हमेशा उनके लिए मौजूद रहेंगे।
चेन्नई में लाया गया शव
मेजर मुकुंद का शव जैसे ही चेन्नई लाया गया ओटीए के प्रांगण में मौजूद हर किसी की आंख नम हो गर्इ। इस फोटो को प्रमुखता के साथ सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है।
अर्शिया की फोटो ने नम की आंखें
मेजर मुकुंद की तीन वर्ष की बेटी जैसे ही अपने पापा को आखिर बार गुडबाय कहने के लिए उनके शव के पास पहुंची, वहां पर मौजूद लोगों की आंखें नम हो गई। अर्शिया की यह फोटो फेसबुक पर भी खूब शेयर की गई।
पत्नी को सौंपी गई मेजर की यूनिफॉर्म
मेजर मुकुंद की पत्नी रेबेका को सेना की ओर से उनकी यूनिफॉर्म सौंपी गई। रेबेका ने भी हिम्मत के साथ इस परिस्थिति का सामना किया। रेबेका के साथ ही मेजर मुकुंद के माता-पिता भी मौजूद थे।
माता-पिता को रहेगी बेटे की याद
मेजर मुकुंद के माता-पिता ने भी अपने बेटे को आखिरी बार गुडबाय किया। मेजर मुकुंद अपने माता-पिता के इकलौते बेटे थे और वह एक बहादुरी अफसर के साथ ही अपने माता-पिता का नाम भी रोशन कर गए।
जिंदगी से जुड़ी कुछ यादें
फेसबुक और ट्विटर पर मेजर मुकुंद की व्यक्तिगत जिंदगी से जुड़ी कुछ खास फोटोग्राफ को भी आपस में खूब शेयर किया गया था।
मेजर के अहम साथी
मेजर मुकुंद के साथ ही शोपियां में 44 राइफल्स के बहादुर सिपाही विक्रम सिंह भी शहीद हो गए और उनकी शहादत न सिर्फ सेना के लिए बल्कि पूरे देश के लिए हमेशा यादगार रहेगी।