क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

मोटेरा में भारत के ख़िलाफ़ गुलाबी गेंद वाले टेस्ट में इन वजहों से इंग्लैंड कर सकता है वापसी

भारत और इंग्लैंड के बीच खेले जा रहे टेस्ट सिरीज़ का तीसरा टेस्ट अहमदाबाद के मोटेरा स्टेडियम में 23 फरवरी से शुरू होगा.

By स्टीफ़न शेमिल्ट
Google Oneindia News
मोटेरा में भारत के ख़िलाफ़ गुलाबी गेंद वाले टेस्ट में इन वजहों से इंग्लैंड कर सकता है वापसी

अहमदाबाद के मोटेरा स्टेडियम में भारत और इंग्लैंड के बीच मौजूदा सिरीज़ का तीसरा टेस्ट बुधवार से शुरू हो रहा है.

सिरीज़ का पहला टेस्ट इंग्लैंड ने जीता, जबकि दूसरे टेस्ट में भारतीय टीम ने शानदार वापसी की. यानी सिरीज़ में मुक़ाबला 1-1 से बराबरी पर है.

चेन्नई में खेले गए दूसरे टेस्ट में 317 रनों की करारी हार के बाद इंग्लैंड के कप्तान जो रूट ने पिच को हार की वजह नहीं माना था. हालाँकि इंग्लैंड की बल्लेबाज़ी के दौरान पिच को लेकर सवाल ज़रूर उठे थे.

वास्तव में एशियाई उपमहाद्वीप की पिचों पर इंग्लैंड की टीम के लिए पिच मुश्किल का सबब बनते रहे हैं. ऐसे में श्रीलंका पर 2-0 की जीत और भारत के साथ 1-1 की बराबरी इंग्लैंड के लिए बेहतर प्रदर्शन माना जाएगा.

इंग्लैंड की टीम को अपने प्रदर्शन से ख़ुशी ज़रूर हो सकती है, लेकिन टीम जिस तरह से सिरीज़ में बढ़त हासिल करने के बाद दूसरा टेस्ट हारी है, उसको लेकर सवाल भी कई हैं.

गुलाबी गेंद से टेस्ट

इंग्लैंड की टीम को जब भी असहज परिस्थितियों में खेलना होता है, उनकी टीम का प्रदर्शन दूसरे टेस्ट की प्रदर्शन की तरह हो जाता है.

चेन्नई टेस्ट के दौरान इंग्लैंड के बल्लेबाज़ों ने लापरवाही में अपने विकेट गँवाए, जबकि स्पिनर भारतीय बल्लेबाज़ों पर दबाव नहीं बना पाए. वहीं दूसरी ओर टर्न लेती पिच पर भारतीय टीम ने काफ़ी चतुराई और परिपक्वता दिखाई.

बहरहाल, सिरीज़ के तीसरे टेस्ट में पहले दो टेस्ट के मुक़ाबले एक बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा. ये टेस्ट मैच फ़्लड लाइट्स में गुलाबी गेंद से खेला जाएगा.

इससे पहले भारत में एकमात्र डे-नाइट टेस्ट मैच नवंबर, 2019 में खेला गया था. भारत ने बांग्लादेश को इस मुक़ाबले में एक पारी और 46 रनों से हराया था. लेकिन भारत की इस जीत की एक ख़ास बात यह थी कि इसमें भारतीय स्पिनरों को कोई कामयाबी नहीं मिली थी.

ये इकलौता टेस्ट है, जिसें भारतीय टीम अपने मैदान पर स्पिनरों के योगदान के बिना जीतने में कामयाब रही है.

हालाँकि इंग्लैंड की टीम को अहमदाबाद में ऐसी स्थिति में बदलाव दिख सकता है और हो सकता है कि एक बार फिर से तेज़ गेंदबाज़ी हाशिए पर हो. बावजूद इसके जेम्स एंडरसन और स्टुअर्ड ब्रॉड का उत्साह थोड़ा ज़्यादा होगा और इंग्लैंड की टीम उसका फ़ायदा उठाने की कोशिश करेगी.

मोटेरा में भारत के ख़िलाफ़ गुलाबी गेंद वाले टेस्ट में इन वजहों से इंग्लैंड कर सकता है वापसी

इंग्लैंड की रोटेशन पॉलिसी

इंग्लैंड अपने खिलाड़ियो को आराम देने के लिए रोटेशन पॉलिसी अपना रहा है. इस पॉलिसी को इस तरह से डिज़ाइन किया गया है कि इस साल के संभावित 17 टेस्ट और ट्वेंटी-20 वर्ल्ड कप के लिए तरोताज़ा रखा जा सके और कोरोना संक्रमण के दौरान खिलाड़ी ख़ुद को फ़िट भी रखें.

ऑस्ट्रेलियाई वनडे टीम के कप्तान एरॉन फिंच ने भी कहा है कि इंग्लैंड की इस रोटेशन पॉलिसी को अपनाया जाना चाहिए, ज़ाहिर है इस पॉलिसी में कुछ तो ख़ासियत होगी.

वैसे तथ्य यही है कि इंग्लैंड ने दक्षिण अफ़्रीका में क्रिसमस से पहले खेली गई टी-20 सिरीज़ और भारत के ख़िलाफ़ मौजूदा सिरीज़ के दौरान ही पूरी दमखम वाली टीम का ऐलान किया है. श्रीलंका और भारत के ख़िलाफ़ अब तक खेली गई चार टेस्ट में इंग्लैंड ने 19 खिलाड़ियों को आज़माया है.

टेस्ट मैचों के दौरान आराम और आईपीएल के लिए खिलाड़ियों की उपलब्धता भी बहस का एक मुद्दा है.

हालाँकि लोगों को एक वास्तविकता का अहसास होना चाहिए कि किसी भी खिलाड़ी के लिए इंडियन प्रीमियर लीग में खेलने से इनकार करना बेहद मुश्किल होता है. इस दौरान मिले अपने अनुभवों का इस्तेमाल भी वे इंग्लैंड की टीम के लिए ही करते हैं.

हालाँकि खिलाड़ियों के लिए इंग्लैंड टीम प्रबंधन की नीति पूरी तरह से सार्वजनिक नहीं हुई है. उदाहरण के लिए टीम के कुछ खिलाड़ी इस सीजन में सभी टेस्ट मैच में हिस्सा ले रहे हैं, लेकिन ये खिलाड़ी कुछ वनडे मैचों में नहीं खेलेंगे.

वहीं दूसरी ओर इस साल जून में कुछ खिलाड़ी आईपीएल में हिस्सा लेने के लिए न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ टेस्ट सिरीज़ में हिस्सा नहीं लेंगे.

हालाँकि इसकी एक वजह यह भी है कि इंग्लैंड टीम प्रबंधन टी-20 वर्ल्ड कप से पहले मॉर्गन की टीम को मज़बूत देखना चाहता है. हालाँकि इस रोटेशन पॉलिसी के तहत कुछ खिलाड़ियों को भारतीय होटल में क्वारंटीन रहना पड़ा, क्योंकि वे श्रीलंका के बाद इंग्लैंड चले गए थे और वहाँ से वापस आए हैं.

इंग्लैंड की इस रणनीति की तारीफ़ ज़रूर हो रही है, लेकिन क्या इससे ज़्यादा समस्याएँ उत्पन्न हो रही हैं?

हालाँकि यह भी देखना होगा कि इस दौरान टीम का प्रदर्शन अच्छा रहा है, इसलिए इस रणनीति की पूरी समीक्षा आने वाले समय में हो पाएगी.

क्या अगले साल इंग्लैंड की टीम ऐशेज़ पर अपना कब्ज़ा बरक़रार रख पाएगी और क्या टी-20 वर्ल्ड कप पर कब्ज़ा जमा पाएगी. अगर ऐसा नहीं हुआ, तो टीम के कई खिलाड़ियों की जगह ख़तरे में होगी.

रोटेशन पॉलिसी के तहत ही मोइन अली अहमदाबाद टेस्ट के लिए उपलब्ध नहीं होंगे. उनकी कमी टीम को खलेगी. इंग्लैंड के पास अच्छे बल्लेबाज़ और तेज़ गेंदबाज़ हैं, विकेटकीपर भी उम्दा है, लेकिन भारतीय पिचों पर असर छोड़ने वाले स्पिन गेंदबाज़ों की कमी है.

हालाँकि टीम के पास जैक लीच और डॉम बेस के तौर पर दो स्पिनर ज़रूर मौजूद हैं.

मोटेरा में भारत के ख़िलाफ़ गुलाबी गेंद वाले टेस्ट में इन वजहों से इंग्लैंड कर सकता है वापसी

शीर्ष बल्लेबाज़ों पर भरोसा

इंग्लैंड के टीम में अच्छे बल्लेबाज़ों की कमी नहीं है. जैक क्राउले की कलाई की चोट ठीक होने के बाद इंग्लैंड को अपने शीर्ष बल्लेबाज़ी क्रम को लेकर निर्णायक फ़ैसला करना होगा.

प्लेइंग इलेवन में पहले तीन स्थानों के लिए इंग्लैंड के पाँच खिलाड़ियों में मुक़ाबला है. जैक क्राउले, डॉम सिब्ले, रॉरी बर्न्स, जॉनी बैरिस्टो और डैन लॉरैंस. पिछले कुछ समय में ये सभी खिलाड़ी अलग-अलग वजहों से टीम के लिए एक वक्त में उपलब्ध नहीं थे, लेकिन अहमदाबाद टेस्ट के लिए ये सभी उपलब्ध हैं.

डॉम सिब्ले ने पहले टेस्ट ओपनिंग करते हुए 87 रनों की पारी खेली थी, इसिलए दो स्थानों के लिए चार खिलाड़ियों में भिड़ंत होगी. ऐसे में जॉनी बैरिस्टो और जैक क्राउले की दावा मज़बूत लग रहा है.

बैरिस्टो ने श्रीलंकाई पिचों पर अच्छी बल्लेबाज़ी की थी और वे स्पिन को अच्छे से खेलते हैं. वहीं जैक क्राउले ने पाँच पारी पहले ही पाकिस्तान के ख़िलाफ़ 267 रनों की पारी खेली थी.

वैसे इंग्लैंड की पारी काफ़ी हद तक कप्तान जो रूट की बल्लेबाज़ी पर निर्भर होगी. पहले टेस्ट में दोहरा शतक लगाकर उन्होंने टीम को जीत दिलाई. दूसरे टेस्ट में वे बड़ी पारी नहीं खेल सके, तो दोनों पारियों को मिलाकर भी इंग्लैंड 300 का स्कोर नहीं बना सका. लेकिन जो रूट को दूसरे बल्लेबाज़ों की मदद की ज़रूरत भी है.

मोटेरा में भारत के ख़िलाफ़ गुलाबी गेंद वाले टेस्ट में इन वजहों से इंग्लैंड कर सकता है वापसी

अश्विन से निपट पाएँगे स्टोक्स?

बीते जुलाई महीने में बेन स्टोक्स दुनिया के बेहतरीन टेस्ट बल्लेबाज़ों की रैंकिंग में तीसरी पायदान पर थे. लेकिन इसके बाद भारत के ख़िलाफ़ सिरीज़ से पहले लीव और रोटेशन पॉलिसी के तहत उन्हें केवल तीन पारियों में खेलने का मौक़ा मिला.

भारत के ख़िलाफ़ पहले टेस्ट की पहली पारी में उन्होंने बेहतरीन 82 रन बनाए थे. लेकिन इसके बाद तीन पारियों में वे महज 33 रन बना सके हैं और हर बार अश्विन ने उन्हें अपना शिकार बनाया है.

दरअसल टेस्ट क्रिकेट में अश्विन ने बेन स्टोक्स को सबसे ज़्यादा बार अपना शिकार बनाया है. अश्विन बेन स्टोक्स को 10 बार अपना शिकार बना चुके हैं, किसी दूसरे गेंदबाज़ की तुलना में चार बार ज़्यादा.

हालाँकि चेन्नई में खेले गए दूसरे टेस्ट की पहली पारी में स्टोक्स जिस गेंद पर बोल्ड हुए थे, उसे खेलना वास्तव में मुश्किल था, लेकिन दूसरी पारी में वे लापरवाही भरे अंदाज़ में आउट हुए.

दूसरे टेस्ट में स्टोक्स ने महज दो ओवरों की गेंदबाज़ी की थी. उन्होंने दूसरी पारी में अश्विन का कैच भी टपकाया था, जिसके बाद उन्होंने निर्णायक शतकीय पारी खेली.

बेन स्टोक्स के ऑलराउंड प्रदर्शन के बिना इंग्लैंड की टीम सिरीज़ में ज़ोरदार प्रदर्शन कर पाएगी, इसकी कल्पना भी मुश्किल है. अगर वे गेंदबाज़ी नहीं भी करते हैं, तो उन्हें बल्ले से ज़ोरदार खेल दिखाना होगा, इसके लिए उन्हें अश्विन की काट निकालनी होगी.

BBC Hindi
Comments
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
English summary
England may return in pink ball test against India at Motera for these reasons
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X