तबलीगी जमात के मौलाना की बढ़ी मुश्किलें, ED ने साद के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया
नई दिल्ली। निजामुद्दीन स्थित जमात के कार्यक्रम में लोगों को बुलाने वाले मौलाना साद की मुश्किलें बढ़ गई हैं। प्रवर्तन निदेशालय/ईडी (ED) ने मौलाना साद और अन्य के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट/पीएमएलए (PMLA) के तहत मामला दर्ज कर लिया है। सूत्रों की मानें तो इसके साथ ही मौलाना साद और उनके करीबी सहयोगियों को जल्द ही पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा।
दिल्ली पुलिस की एफआईआर के आधार पर केस दर्ज किया
बता दें ईडी ने दिल्ली पुलिस की एफआईआर के आधार पर केस दर्ज किया है। इन पर बड़े पैमाने पर देश और विदेश से फंडिंग लेने और हवाला के जरिये पैसा जुटाने का आरोप है। मालूम हो कि बीते महीने निजामुद्दीन मरकज में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था, जो देश में कोरोना का बड़ा हॉटस्पॉट बना था. देश के कई राज्यों से आए जमाती इस कार्यक्रम में शामिल हुए थे, जिनमें से हजारों की संख्या में कोरोना संक्रमित पाए गए।
बड़ी मात्रा में चंदे के नाम पर रुपये जमा हुए
क्राइम ब्रांच के अधिकारियों के अनुसार इस आयोजन से पहले साद के दिल्ली में स्थित एक बैंक अकाउंट में अचानक विदेशों से बड़ी मात्रा में चंदे के नाम पर रुपये जमा हुए। इस मामले में पुलिस ने मौलाना साद के सीए को बुला कर भी पूछताछ की थी और मौलाना से मिलने की बात कही थी, लेकिन सीए ने कहा था कि मौलाना बड़े आदमी हैं और वे ऐसे किसी से नहीं मिलते। अब क्राइम ब्रांच को मरकज के ट्रांजेक्शन पर शक है और इसका हवाला कनेक्शन तलाशने में जुटी है।
बैंक ने भी दी थी हिदायत
इससे पहले मौलाना साद का अकाउंट जिस बैंक में है, वहां से भी उसे ऐसे ट्रांजेक्शनों पर रोक लगाने की हिदायत दी गई थी. बैंक ने साद को इस संबंध में 31 मार्च को सूचित किया था. लेकिन ऐसा हुआ नहीं और ये ट्रांजेक्शन लगातार जारी रहे.
गैर इरादतन हत्या की धारा भी जोड़ दी है
मालूम हो कि दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने तब्लीगी जमात के चीफ मौलाना साद कांधलवी व अन्य मौलानाओं के खिलाफ दर्ज एफआईआर में गैर इरादतन हत्या की धारा भी जोड़ दी है। ऐसे में मौलाना साद समेत सभी आरोपियों को अग्रिम जमानत लेना मुश्किल हो जाएगा। इसके चलते निजामुद्दीन स्थित मरकज में जमातियों के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद से गायब मौलाना के खिलाफ दर्ज मुकदमा अब ज्यादा संगीन हो गया है।
इन धाराओं के तहत दर्ज किया गया केस
अपराध शाखा में 31 मार्च को दर्ज किए गए मुकदमे में मौलाना साद और अन्य लोगों के खिलाफ महामारी अधिनियम और आईपीसी की धारा 269, 270,271 व 120 बी के तहत कार्रवाई की गई थी। इन सभी धाराओं में बहुत संगीन जुर्म नहीं बनता है और ये सभी जमानती धाराएं थीं। लेकिन अपराध शाखा के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि जांच के दौरान मरकज में किए जा रहे कार्यों से लोगों व देश को मौत के मुंह में धकेले जाने की कोशिश सामने आई है। सबूत मिलने के बाद अपराध शाखा ने दर्ज एफआईआर में आईपीसी की धारा 304 (गैर इरादतन हत्या) की धारा जोड़ दी। इसके तहत आरोप सिद्ध होने पर मौलाना साद आदि को कम से कम 10 साल और अधिकतम उम्र कैद की सजा मिल सकती है।
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