Dilip Kumar: बिना बताए घर छोड़ा, सैंडविच स्टॉल चलाया,जीते सर्वाधिक फिल्मफेयर और बन गए ट्रैजेडी किंग
मुंबई, 07 जुलाई। भारतीय सिनेमा के स्तंभ पुरुष दिग्गज अभिनेता दिलीप कुमार का आज मुंबई के अस्पताल में निधन हो गया। पिछले काफी समय से उनकी तबीयत खराब थी। दिलीप कुमार के निधन से भारतीय सिनेमा के एक युग का अंत हो गया है। उन्हें भारतीय सिनेमा का 'पहला खान' और ट्रैजेडी किंग भी कहा जाता था। भारतीय सिनेमा में उन्हें मेथड एक्टर के तौर पर भी जाना जाता था। दिलीप कुमार ने बेहतरीन अभिनेता का सबसे ज्यादा फिल्मफेयर अवॉर्ड जीतने का रिकॉर्ड भी अपने नाम किया है, देश में पहला फिल्मफेयर अवॉर्ड पाने वाले भी दिलीप साहब थे, उन्हें अभिनय की संस्था कहा जाता था, जब बड़े पर्दे पर वह अपने संवाद बोलते थे तो उनके हाव-भाव और संजीदगी को देख लोग सबकुछ भूल जाते थे।
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भारतीय सिनेमा को दी नई पहचान
दिलीप कुमार का असली नाम मोहम्मद युसुफ खान था और उनका जन्म 1 दिसंबर 1922 को ब्रिटिश इंडिया के पेशावर में हुआ था जोकि आजादी के बाद पाकिस्तान में चलागया। फिल्म ज्वार भाटा जोकि 1944 में आई थी, उसमे दिलीप कुमार ने अपने अभियन की शुरुआत की थी, जिसे बॉम्बे टॉकीज ने प्रोड्यूस कियाथा। पांच दशक के अपने फिल्मी करियर में दिलीप कुमार ने 65 यादगार फिल्मों में काम किया, जिसमे अंदाज, आन, दाग, देवदास, आजाद, मुगले आजम, डकैत, गंगा जमुना, राम और श्याम, नया दौर जैसी बेहतरीन फिल्में शामिल हैं।
ब्रेक के बाद कई सुपर हिट फिल्म
वर्ष 1976 में दिलीप कुमार ने सिनेमा से पांच साल का ब्रेक लिया था और इस ब्रेक के बाद उन्होंने चरित्र अभिनेता के तौर पर फिल्म क्रांति से बड़े पर्दे पर वापसी की थी। इसके बाद उन्हें शक्ति, मशाल, कर्मा, सौदागर जैसी सुपरहिट फिल्में दी। दिलीप कुमार की आखिरी फिल्म का नाम किला था जोकि 1998 में आई थी। दिलीप कुमार और राज कपूर काफी करीबी दोस्त थे और दोनों एक दूसरे को बचपन से जानते थे। दिलीप साहब की पढ़ाई मुंबई के नासिक में हुई थी और तभी से वह राज कपूर के दोस्त बन गए थे। महज 22 साल की उम्र में दिलीप कुमार ने अपनी पहली फिल्म ज्वार भाटा की थी, हालांकि इस फिल्म में उन्हें कामयाबी नहीं मिली थी, लेकिन उनके अभिनय की काफी तारीफ हुई थी।
मधुबाला से लंबे समय तक संबंध
दिलीप कुमार और मधुबाला के बीच प्रेम संबंध काफी लंबे समय था लेकिन दोनों एक दूसरे से शादी नहीं कर सके। वर्ष 1966 में दिलीप कुमार ने सायरा बानो से निकाह किया था। भारतीय सिनेमा के स्वर्णकाल के एकमात्र अभिनेता दिलीप कुमार थे, जोकि 2021 तक लोगों के बीच थे और अब उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया है। मुंबई के हिंदुजा अस्पताल में लंबी बीमारी के बाद दिलीप कुमार का निधन हो गया।
बिना बताए घर छोड़ दिया था दिलीप कुमार ने
दिलीप कुमार के माता पिता का नाम आयशा बेगम और लाला गुलाम सरवर खान था, उनके 12 बच्चे थे। दिलीप कुमार का जन्म पाकिस्तान के पेशावर स्थित किस्सा ख्वाजा बाजार में हुआ था। उनकेपिता फल के व्यापारी थे नासिक में उनका व्यवसाय था। लेकिन अपने पिता के साथ झगड़ा होने के बाद दिलीप कुमार घर छोड़ पुणे चले गए, उन्हें अपने परिवार को बताए बिना घर छोड़ दिया था, यहां अपनी अच्छी अंग्रेजी की बदौलत दिलीप कुमार ने नौकरी हासिल की। इसके बाद आर्मी क्लब में उन्होंने एक सैंडविच स्टॉल शुरू किया।
बॉम्बे टॉकीज ने बदली किस्मत
लेकिन जब इस स्टॉल का कॉन्ट्रैक्ट खत्म हुआ तो वह 5000 रुपए के साथ अपने घर मुंबई पहुंचे। जहां मुंबई टॉकीज में 1250 रुपए की मासिक सैलरी पर दिलीप कुमार ने काम करना शुरू कर दिया। यहां उनकी मुलाकात अशोक कुमार से हुई जिनकी अदाकारी से दिलीप कुमार काफी प्रभावित थे। ऊर्दू की अच्छी जानकारी की वजह से शुरुआत में दिलीप कुमार ने स्टोरी लेखन में पटकथा लेखन का काम किया। इसी दौरान बॉम्बे टॉकीज की मालकिन देविका रानी ने युसुफ से अपना नाम बदलकर दिलीप कुमार रखने को कहा और ज्वार भाटा फिल्म में उन्हे अभिनय का मौका दिया।