अगले दो दिन में देवेंद्र फडणवीस सरकार बनाने का दावा पेश कर सकते हैं: सूत्र
नई दिल्ली। महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव नतीजे 24 अक्टूबर को घोषित कर दिए गए थे। चुनाव में किसी भी दल को पूर्ण बहुमत हासिल नहीं हुआ था, जिसके बाद भाजपा और शिवसेना के बीच सरकार बनाने को लेकर उस वक्त टकराव शुरू हो गया जब शिवसेना ने मुख्यमंत्री पद की मांग शुरू कर दी। दरअसल प्रदेश में सरकार बनाने की डेडलाइन 8 नवंबर है, ऐसे में इससे पहले सरकार का गठन होना जरूरी है। ऐसे में माना जा रहा है कि भाजपा अगले दो दिन में सरकार बनाने का दावा पेश कर सकती है।
9 नवंबर को खत्म हो रहा है कार्यकाल
केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले के प्रतिनिधित्व में प्रतिनिधिमंडल ने महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात की थी। इस दौरान राज्यपाल ने साफ किया था कि अगर 7 नवंबर तक कोई पार्टी सरकार बनाने के लिए आगे नहीं आती है तो वह खुद से सरकार गठन के लिए टकराव को खत्म करने की पहल करेंगे। गौरतलब है कि महाराष्ट्र विधानसभा का कार्यकाल 9 नवंबर को खत्म हो रहा है। प्रदेश में नए मुख्यमंत्री को 9 नवंबर या 10 नवंबर को हर हाल में शपथ लेनी होगी, अन्यथा प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लागू हो जाएगा।
6 नवंबर को दावा कर सकते हैं फडणवीस
सूत्रों की मानें तो देवेंद्र फडणवीस के पास 105 विधायकों का समर्थन है। इनमे कुछ निर्दलीय विधायकों का भी समर्थन भाजपा के पास है। लिहाजा माना जा रहा है कि देवेंद्र फडणवीस 6 नवंबर को प्रदेश में सरकार गठन का प्रस्ताव राज्यपाल के पास पेश कर सकते हैं। शिवसेना के नेता संजय राउत ने रविवार को कहा कि अगर भाजपा से बात होगी तो सिर्फ मुख्यमंत्री पद को लेकर बात होगी। साथ ही उन्होंने दावा किया है कि हमारे पास 170 से अधिक विधायकों का समर्थन है, यही नहीं यह आंकड़े 175 तक भी जा सकता है।
सामना में छपा शिवसेना का फॉर्मूला
गौरतलब है कि शिवसेना के मुखपत्र सामना में रविवार को लेख छपा था, जिसमे कहा गया था कि एनसीपी, कांग्रेस और अन्य को मिलाकर आंकड़ा 170 के पार हो जाएगा। ऐसे में शिवसेना का खुद का मुख्यमंत्री हो सकता है। इस लेख में संजय राउत ने लिखा है कि सदन में भाजपा के पूर्ण बहुमत को साबित करने में विफल होने के बाद शिवसेना सरकार बनाने का दावा पेश कर सकती है। एनसीपी, कांग्रेस और अन्य की मदद से हम 170 के आंकड़े तक पहुंच सकते हैं और शिवसेना का खुद का मुख्यमंत्री हो सकता है। बता दें कि भाजपा और शिवसेना को मिला लें तो दोनों के पास सकुल 161 सीटें हैं, जोकि पूर्ण बहुमत 145 से कहीं अधिक है।