भारत मां के शहीद 25 जवानों को नमन, पढ़िए शहीदों की वीरगाथा
सुकमा में घात लगाकर किए गए नक्सली हमले में देश के 11 राज्यों ने अपने जांबाज जवानों को खोया है, जबकि 6 जवान अभी भी अस्पताल में जिंदगी और मौत की जंग लड़ रहे हैं।
नई दिल्ली। छत्तीसगढ़ के सुकमा में हुए नक्सली हमले में किसी मां ने अपना लाल खोया तो किसी सुहागन ने अपना सुहाग। किसी बाप का आखिरी सहारा छिन गया तो किसी बहन का लाडला भाई उसे छोड़ गया। इन जवानों ने बहादुरी से नक्सलियों का मुकाबला किया। नक्सलियों की संख्या 300 से ज्यादा थी जबकि सीआरपीएफ के जवान केवल 150 थे। साल के इस सबसे बड़े नक्सली हमले में देश के 11 राज्यों ने अपने बहादुर बेटों को खोया है। आइए जानते हैं उनके जवानों के बारे में, जो अब कभी लौटकर नहीं आएंगे।
यूपी के दो लाल शहीद
केपी
सिंह-
हेड
कांस्टेबल
जीडी,
उत्तर
प्रदेश
मनोज
कुमार
-
कांस्टेबल
जीडी,
उत्तर
प्रदेश
बिहार ने खोए 6 जांबाज
नरेश
यादव
-
हेड
कांस्टेबल
जीडी,
बिहार
सौरभ
कुमार
-
कांस्टेबल
जीडी,
बिहार
अभय
मिश्रा
-
कांस्टेबल
जीडी,
बिहार
केके
पांडे
-
कांस्टेबल
जीडी,
बिहार
अभय
कुमार
-
कांस्टेबल
जीडी,
बिहार
रंजीत
कुमार
-
कांस्टेबल
जीडी,
बिहार
तमिलनाडु के 4 जवान शहीद
पद्मनाभन
-
हेड
कांस्टेबल
जीडी,
तमिलनाडु
पी
अलगु
पांडी
-
कांस्टेबल
जीडी,
तमिलनाडु
सेंथिल
कुमार
-
कांस्टेबल
जीडी,
तमिलनाडु
एन
तिरुमुरगन
-
कांस्टेबल
जीडी,
तमिलनाडु
पश्चिम बंगाल ने खोए 3 बहादुर बेटे
केके
दास
-
एसआई
जीडी,
प.
बंगाल
विनय
चंद्र
बर्मन
-
कांस्टेबल
जीडी,
प.
बंगाल
अनूप
कर्मकार
-
कांस्टेबल
जीडी,
प.
बंगाल
हिमाचल के दो लाल शहीद
संजय
कुमार
-
एएसआई
जीडी,
हिमाचल
प्रदेश
सुरेंद्र
कुमार
-
हेड
कांस्टेबल
आरओ,
हिमाचल
प्रदेश
हरियाणा के दो जवान शहीद
नरेश
कुमार
-
एएसआई
जीडी,
हरियाणा
राममेहर
-
हेड
कांस्टेबल
जीडी,
हरियाणा
राजस्थान ने खोए दो लाल
रामेश्वर
लाल
-
एसएस-आई
जीडी,
राजस्थान
बन्ना
राम
-
हेड
कांस्टेबल
आरओ,
राजस्थान
इन राज्यों ने भी खोए अपने बेटे
रघुवीर
सिंह
-
इंस्पेक्टर
जीडी,
पंजाब
बनमाली
राम
-
कांस्टेबल
जीडी,
छत्तीसगढ़
एनपी
सोनकर
-
कांस्टेबल
जीडी,
मध्यप्रदेश
आशीष
सिंह
-
कांस्टेबल
जीडी,
झारखंड