एटीएम की लाइन में लगे व्यक्ति की मौत, ममता ने पीएम पर बोला हमला
नोटबंदी के फैसले के बाद देश में मचे सियासी संग्राम के बीच पश्चिम बंगाल के बंडेल में एटीएम से रुपए निकालने की लाइन में लगे एक 45 वर्षीय व्यक्ति की शनिवार को हार्ट अटैक से मौत हो गई।
कोलकाता। नोटबंदी के फैसले के बाद देश में मचे सियासी संग्राम के बीच पश्चिम बंगाल के बंडेल में एटीएम से रुपए निकालने की लाइन में लगे एक 45 वर्षीय व्यक्ति की शनिवार को हार्ट अटैक से मौत हो गई। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि वह व्यक्ति रुपए निकालने के लिए एटीएम की लाइन में लगा था, इसी दौरान अचानक वह गिर पड़ा और अस्पताल पहुंचने पर मृत घोषित कर दिया गया।
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हालांकि कुछ लोगों का कहना है कि व्यक्ति के गिर जाने के बाद वहां मौजूद किसी ने उसकी मदद नहीं की। सभी लोग रुपए निकालने के लिए लाइन में लगे रहे, जिस कारण उसे इलाज मिलने में देरी हुई।
अस्पताल के डॉक्टरों ने बताया कि कल्लोल रॉय चौधरी नाम नाम के उस व्यक्ति को हार्ट अटैक आया था और जिस समय उसे अस्पताल लाया गया, वह पहले ही मर चुका था। वहीं एटीएम के सिक्योरिटी गार्ड ने बताया कि वह व्यक्ति रुपए निकालने के लिए लाइन में लगा हुआ था। अचानक वह गिर पड़ा, हमने तुरंत एक स्थानीय डॉक्टर को बुलाया, इसके बाद उसे अस्पताल ले जाया गया।
ममता ने साधा पीएम मोदी पर हमला
दूसरी तरफ इस मामले के मीडिया में आने के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नोटबंदी के फैसले को लेकर उनपर तीखा हमला बोला है। ममता ने कहा, 'दुर्भाग्य से मौतों का सिलसिला जारी है। शनिवार सुबह कल्लोल रॉय चौधरी एसबीआई के एटीएम के सामने गिर पड़े और उनकी मौत हो गई। मृतक के परिवार के प्रति मैं संवेदना प्रकट करती हूं। क्या मोदी बाबू सुन रहे हैं?'
ममता ने ट्वीट करते हुआ कहा, 'प्रदेश के राज्यपाल केंद्र सरकार की भाषा बोल रहे हैं। राज्यपाल पिछले 8 दिनों से शहर में ही नहीं हैं। कोई भी बयान देने से पहले उन्हें सारी जानकारी चैक करनी चाहिए। यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है।'
8 नवंबर को हुई थी नोटबंदी की घोषणा
आपको बता दें कि 8 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा की थी कि आज रात 8 बजे के बाद 500 और 1000 के नोट मान्य नहीं होंगे, जिसके बाद बैंकों से रुपए निकालने के लिए एटीएम और बैंक के बाहर लंबी लाइनें लगी हुई हैं। ममता बनर्जी ने शुरुआत से ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस फैसले पर सवाल खड़े किए थे। ममता लगातार केंद्र सरकार से इस फैसले को वापस लेने की मांग कर रही हैं।