केजरीवाल सरकार ने फिर से बहाल की पुरानी न्यूनतम मजदूरी, नहीं काटी जाएगी तनख्वाह
नई दिल्ली। दिल्ली कैबिनेट ने गुरुवार को न्यूनतम मजदूरी में वृद्धि को फिर से बहाल कर दिया, जिसे 4 अगस्त को दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा अमान्य घोषित कर दिया गया था। इसके अलावा दिल्ली सरकार ने गुरुवार को डीटीसी और क्लस्टर बसों में कॉमन मोबिलिटी कार्ड (मेट्रो कार्ड) के इस्तेमाल पर 10 फीसद छूट देने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी।सीएम अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में यह तय किया गया है कि दिल्ली सरकार में काम करने वाले कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों की सैलरी कम नहीं की जाएगी।
दिल्ली सरकार के विभिन्न विभागों, पीएसयू, बोर्ड, अकादमी, कॉरपोरेशंस, स्वायत्त संस्थानों में कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों को अब वहीं मिनिमम वेज मिला करेगा जो 4 अगस्त 2018 से पहले मिला करता था। बता दें कि, दिल्ली हाईकोर्ट ने चार अगस्त को दिल्ली सरकार के मार्च 2017 के रोजगार के सभी वर्गों के कर्मियों के न्यूनतम वेतन को संशोधित करने के आदेश को खारिज कर दिया था। हाईकोर्ट ने कहा था न्यूनतम वेतन की समीक्षा वाला यह फैसला जल्दबाजी में लिया गया था।
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कैबिनेट के फैसले की जानकारी देते हुए कहा, 'हमने तय किया है कि 4 अगस्त से पहले के कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों को उसी रेट पर मजदूरी मिलेगी। किसी का वेतन काटा नहीं जाएगा। मुख्य सचिव को जिम्मेदारी दे दी गई है कि अक्टूबर तक का उनका पूरा वेतन जारी कर दिया जाए। पुराना बकाया है तो वह भी दे दिया जाए।
मनीष सिसोदिया ने कैबिनेट के फैसले के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि मार्च 2017 में दिल्ली सरकार ने तमाम मुश्किलों के बाद मजदूरों के मिनिमम वेज में ऐतिहासिक बढ़ोतरी की थी, जिससे कॉन्ट्रैक्ट व डेली वेजिज कर्मचारियों का वेतन 9 हजार से बढ़कर 13 से 14 हजार तक हो गया था। लेकिन कुछ खामियों के चलते दिल्ली हाईकोर्ट ने सरकार के इस फैसले पर रोक लगा दी थी।
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