रक्षा मंत्रालय ने सशस्त्र बलों को दिया खास अधिकार', मिला 300 करोड़ रु तक के हथियार खरीद का विशेषाधिकार
नई दिल्ली। चीन से सटे लद्दाख सीमा पर दोनों देशों के सैनिकों के बीच हुए विवाद के बाद रक्षा मंत्रालय ने सेना को मिले अधिकारों को लेकर बड़ा फैसला किया है। रक्षा मंत्रालय ने सेना को हथियार खरीदने के विशेषाधिकार को लेकर अहम फैसला लेते हुए बड़ी घोषणा की है। बुधवार को रक्षा अधिग्रहण परिषद यानी (DAC) ने सशस्त्र बलों को 300 करोड़ रुपये तक के रक्षा खरीद को लेकर विशेष अधिकार देने की बात कही है।
रक्षा
मंत्री
राजनाथ
सिंह
की
अध्यक्षता
में
हुई
बैठक
में
डीएसी
की
बैठक
में
यह
अहम
फैसला
लिया
गया
है।
डीएसी
के
मुताबिक
इस
फैसले
से
सेना
का
मनोबल
बढ़ेगा
और
हथियारों
की
खरीद
में
लगने
वाला
समय
भी
कम
होगा।
रक्षा
मंत्रालय
ने
बुधवार
को
बड़ा
फैसला
लेते
हुए
सेना
के
तीनों
अंगों
को
ये
विशेषाधिकार
दिए
हैं,
जिसमें
300
करोड़
रुपए
तक
की
पूंजीगत
खरीद
का
अधिकार
दिया
गया
है।
डीएसी ने खरीद से संबंधित चीजों की संख्या को लेकर सीमा तय नहीं की है। वहीं यह तय किया है कि आपात आवश्यकता श्रेणी के तहत खरीदी गई रक्षा संबंधी चीज 300 करोड़ रुपए से अधिक मूल्य की नहीं होनी चाहिए। इस फैसले से सशस्त्र बल अपनी आपात अभियानगत जरूरतों को तुरंत पूरा कर सकेगी और रक्षा खरीद में लगने वाला समय कम हो सकेगा। आपको बता दें कि सीमा से सटे लद्दाख सीमा पर चीनी सैनिकों के साथ हुए मुठभेड़ के बाद सेना के तीनों अंगों ने पिछले कुछ हफ्तों से अपनी जरूरतों के मुताबिक सैन्य उपकरणों की खरीद शुरु कर दी है।
इस फैसले के जरिए डीएसी सैन्य बलों को और अधिकार देकर उन्हें मजबूती देना चाहती है। आपको बता दें की लद्दाख सीमा पर चीनी सैनिकों से मिलिट्री बिल्डअप की कोशिश की। भारतीय सेना ने उसका मुंहतोड़ जवाब दिया। भारतीय सीमा में चीन की दखलअंदाजी पर विश्व के अन्य देशों ने उसकी निंदा की। चीन की इस नापाक हरकत पर अमेरिका, फ्रांस समेत कई देशों ने भारत का साथ दिया, जिसके बाद चीन बैकफुट पर पहुंच गया। चीनी सैनिक भले ही एलएसी पर पीछे हट गए हो, लेकिन चीन से इरादे पर अब भरोसा नहीं रह गया है। ऐसे में भारतीय सेना अपनी तैयारी को पूरा रखना चाहती है और इसमें जुटी हुई है।
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