पीएम मोदी के 'परीक्षा पर चर्चा' में दलित छात्रों को बैठाया गया क्लासरूम से बाहर
दलित छात्रों को स्कूल प्रशासन ने अस्तबल में बैठाकर सुनाया पीएम मोदी का
नई दिल्ली। हिमाचल के कुल्लू में पीएम मोदी के कार्यक्रम को सुनने पहुंचे दलित छात्रों को दूसरे छात्रों से अलग क्लासरूम के बाहर बैठाए जाने का मामला सामने आया है। शुक्रवार को पीएम मोदी ने छात्रों के साथ दिल्ली में 'परीक्षा पर चर्चा' की थी। इस कार्यक्रम का प्रसारण देशभर के स्कूलों में किया गया था। कुल्लू की छेसठा ग्राम पंचायत में इसी कार्यक्रम को सुनने के दौरान दलित छात्रों के साथ भेदभाव का ये मामला सामने आया है।
डिप्टी कमिश्नर से की गई शिकायत
कुल्लू के डिप्टी कमिश्नर युनूस से की गई शिकायत के मुताबिक, छेसठा ग्राम में पीएम मोदी के कार्यक्रम के लिए स्कूल प्रशासन ने इंतजाम किए थे। दलित छात्रों का आरोप है कि वो भी वहां बैठकर मोदी को टीवी पर देखना और सुनना चाहते थे लेकिन मेहर चंद नाम के टीचर ने उन्हें दूर बैठने को कहा।दलित छात्रों को वहां बैठाया गया, जहां घोड़े बांधे जाते हैं। छात्रों ने अपनी शिकायत मे मिड डे मील परोसे जाने के वक्त भी जाति के आधार पर भेदभाव का आरोप लगाया है।
वीडियो भी आया सामने
इस घटना का एक वीडियो भी सामने आया है, इसको लेकर अनुसूचित जाति कल्याण संघ ने शनिवार को विरोध प्रदर्शन किया और मामले में कार्रवाई की मांग की है। स्कूल के हेडमास्टर राजन भारद्वाज ने मामले को सही बताया है और इसके लिए माफी मांगी है। उन्होंने कहा कि ध्यान रखा जाएगा कि दोबार ऐसा ना हो। राज्य के शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वज ने मामले को लेकर रहा है कि जांच की जाएगी और जो भी दोषी होगा, उसे बख्शा नहीं जाएगा।
शुक्रवार को पीएम ने छात्रों को किया था संबोधित
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में छात्रों को परीक्षा के तनाव से मुक्त होने के लिए गुरुमंत्र दिए। उन्होंने स्टेडियम में मौजूद छात्रों के अलावा टीवी के माध्यम से जुड़े छात्रों के लाइव सवालों के भी जवाब दिए।प्रधानमंत्री ने इस दौरान कहा, 'आपको अंदर से कुछ खाली करना सीखना चाहिए...फोकस करके रहेंगे तो चेहरे पर भी तनाव रहेगा...मेरे कुछ साथ मुझसे कहते थे कि जब आप टीवी पर बैठते हैं तो गंभीर क्यों होते हैं...ऐसा इसलिए होता है कि मैं डिफोकस नहीं होता हूं...जैसे ही मैं डिफोकस होता हूं तो सब कुछ सामान्य हो जाता है।' मोदी ने कहा कि 'दूसरों की सोच, परवरिश, माहौल, सपने, रूचि अलग हैं। लेकिन आप स्वतंत्र व्यक्ति हैं। आपको उसके पूरे ईको-सिस्टम का पता नहीं है। ऐसे में आप निराशा में आ जाता हो। पहले तय करो कि आपके भीतर क्या है? आप किस चीज में मजबूत हो? खेल जगत के बड़े नामों को देखिए। कोई उनकी डिग्री पूछता है क्या? खुद को न जानना समस्या का कारण होता है।'
पीएम मोदी ने छात्रों से कहा-प्रतिस्पर्धा नहीं, अनुस्पर्धा कीजिए