वैज्ञानिकों का दावा, भारत में कोरोना के 5000 से ज्यादा नए स्ट्रेन, पहले से ज्यादा संक्रामक, यहां अधिक खतरा
वैज्ञानिकों का दावा, भारत में कोरोना के 5000 से ज्यादा नए स्ट्रेन, पहले से ज्यादा संक्रामक, इन राज्यों में अधिक खतरा
coronavirus Variant Spreading update news: कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन\ कोरोना के नए वेरिएंट को लेकर भारतीय वैज्ञानिकों ने एक बड़ा खुलासा किया है। हैदराबाद स्थित सीएसआईआर-सेंटर फॉर सेल्युलर एंड मॉलिक्यूलर बायोलॉजी (CCMB) के वैज्ञानिकों ने कहा है कि कोरोनो वायरस के कुछ नए वेरिएंट (कोरोना का नया प्रकार) देश के कुछ राज्यों में ज्यादा फैल रहे हैं और इस पर कड़ी निगरानी की जरूरत है। रिसर्च में वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि देश में पांच हजार से ज्यादा कोविड-19 के नए स्ट्रेन पाए गए हैं, इनमें से सबसे ज्यादा कोरोना के नए स्ट्रेन दक्षिण भारत के राज्यों में पाए गए हैं। दक्षिणी राज्यों को ही कोरोना के नए स्ट्रेन से ज्यादा खतरा है। CCMB वैज्ञानिक देश के कोरोना वायरस विश्लेषण में सबसे आगे रहे हैं।
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हैदराबाद स्थित सीसीएमबी के वैज्ञानिकों का दावा है कि 6017 जीनोम सिक्वेंसिंग के आधार हमें पता चला है कि देश में फिलहाल 5 हजार से ज्यादा कोरोना वायरस वेरिएंट हैं। जिसमें से सबसे ज्यादा और घातक कोरोना स्ट्रेन दक्षिणी राज्यों में हैं, जहां N440K कोरोना वायरस का स्वरूप काफी तेजी से फैला है। तेलंगना में 987 और आंध्र प्रदेश में 296 कोरोना के नए स्ट्रेन मिले हैं।
सीसीएमबी ने अपने हाल ही के प्रेस रिलीज में बताया है कि कैसे माहामारी के दौरान कोरोना के नए वेरिएंट उत्पन्न हुए। उन्होंने ने बताया कि ये कोरोना का नया स्ट्रेन नैचुरल प्रोसेस से विकसित हुआ है। राकेश मिश्रा ने कहा कि कोरोना के नए स्ट्रेन पर एक अलग से रिसर्च करने की जरूरत है। दक्षिणी राज्यों में कोरोना फैलने की वजह इन्हीं में से कुछ प्रकार हो सकते हैं। उन्होने बताया हमें देश के अलग-अलग लैब से सैंपल एकत्रित करने के बाद जीनोम सिक्वेंसिंग की थी। जिसमें हमें एक दर्जन से ज्यादा क्लेड भी मिले हैं। हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि दुनियाभर के बाकी देशों में कोरोना के जो नए स्ट्रेन मिले हैं, उनकी मौजूदगी भारत में बहुत कम है।
सीसीएमबी के निदेशक राकेश मिश्रा ने कहा, " हमारे पास इस बात के उभरते सबूत हैं कि N440K (कोरोना का वेरिएंट) दक्षिणी राज्यों में बहुत अधिक फैल रहा है। इसके प्रसार को ठीक से समझने के लिए हमें इसपर क्लोजर निगरानी रखनी होगी।'' उन्होंने कहा कि कोरोना वैक्सीन मददगार हैं, लेकिन मास्क, हैंड सैनिटाइजेशन और सोशल डिस्टेंसिंग कोरोना से लड़ने के सबसे प्रभावी हथियार हैं।