देश में अब तक 447 लोगों में दिखा वैक्सीन का साइड इफेक्ट, 3 हॉस्पिटल में भर्ती, जानें क्या है लक्षण
Corona Vaccination: देश में अब तक 447 लोगों में दिखा वैक्सीन का साइड इफेक्ट, 3 हॉस्पिटल में भर्ती, जानें क्या है लक्षण
447 people reported Side Effects of coronavirus vaccines: भारत में कोरोना वायरस के वैक्सीनेशन की शुरुआत 16 जनवरी से हुई है। कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) के पहले चरण में 3 करोड़ कोरोना वॉरियर्स (Corona Warriors) को सबसे पहले वैक्सीन दी जा रही है। 16 जनवरी से शुरू हुई कोरोना वैक्सीनेशन की शुरुआत को लेकर परेशान करने वाली रिपोर्ट सामने आई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने जानकारी दी है कि कोरोना वैक्सीन लेने के बाद अब तक कुल 447 लोगों पर साइड इफेक्ट देखने को मिला है। इनमें से तीन लोगों को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा है। 447 लोगों पर साइड इफेक्ट में से ज्यादा लक्षण बुखार, सिरदर्द और बैचनी की है। हालांकि टॉप डॉक्टरों का कहना है कि कोरोना वैक्सीनेशन के साइड इफेक्ट हो सकते हैं।
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दिल्ली के 52 हेल्थ वर्कर्स को टीका लगवाने के बाद दिक्कत का सामना पड़ा है। वैक्सीन लेने वाले हेल्थ वर्कर्स में कईयो को एलर्जी की शिकायत हुई थी। वहीं कई लोगों को घबराहट और बैचनी होने लगी है।
दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि 16 जनवरी को कोरोना वैक्सीन दिए जाने के बाद 51 हेल्थ वर्कर्स में मामूली दिक्कत देखने को मिली जबकि एक केस थोड़ा गंभीर दिखाई पड़ रहा है। जिस हेल्थ वर्कर को एडमिट कराया गया है, उसकी उम्र 22 साल है और वह सिक्योरिटी में काम करता है।
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव मनोहर अगनानी ने कहा, ''अब तक कुल 447 एईएफआई रिपोर्ट किए गए हैं। इनमें से, तीन लोगों को अस्पताल में भर्ती किया गया है। इनमें से एक को 24 घंटे के भीतर उत्तरी रेलवे अस्पताल दिल्ली से छुट्टी दे दी गई है। वहीं एक को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) दिल्ली से छुट्टी दे दी गई है। एक को एम्स ऋषिकेश में निगरानी में रखा गया है।'' हालांकि उन्होंने ये भी कहा है कि सरकार ने किसी विशेष टीका के लिए हुई प्रतिकूल प्रतिक्रियाओं के बारे में कोई जानकारी नहीं दी है।
उन्होंने कहा, ''वैक्सीनेशन साइट पर प्रोटोकॉल रिपोर्टिंग के लिए, केस मैनेजमेंट के लिए सारी व्यवस्थाएं हैं। उन्होंने कहा कि गंभीर एईएफआई के व्यवस्थित जांच और कारण मूल्यांकन के लिए सभी प्रकार के प्रोटोकॉल अपनाए जा रहे हैं।