फ्लाइट में लग्जरी यात्रा को लेकर कांग्रेस-बीजेपी में घमासान, पवन खेड़ा ने PM मोदी की फोटो शेयर कर कही ये बात
नई दिल्ली, अक्टूबर 20। प्लेन के अंदर इस्तेमाल होने वाले एविएशन टर्बाइन फ्यूल (एटीएफ) की कीमतें इस वक्त पेट्रोल और डीजल की कीमतों से लगभग 30 फीसदी कम हैं। इसको लेकर अब कांग्रेस और बीजेपी में घमासान देखने को मिल रहा है। इस घमासान की शुरुआत केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने की थी, जब उन्होंने मंगलवार को ट्विटर पर एक फोटो शेयर करते हुए कांग्रेस पार्टी पर चुटकी ली थी। हरदीप सिंह पुरी ने गांधी परिवार की एक पुरानी फोटो शेयर की थी, जिसमें इंदिरा गांधी, सोनिया, राहुल और प्रियंका के साथ बिजनेस क्लास में सफर करती हुई दिख रही हैं।
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क्या कहा था हरदीप सिंह पुरी ने?
हरदीप सिंह पुरी ने इस फोटो को लेकर कांग्रेस पर तंज कसा था और कहा था कि "जो लोग लग्जरी में उड़ते हैं," उन्हें पता होना चाहिए कि कम एटीएफ लागत का क्या मतलब है। केंद्रीय मंत्री ने कहा था कि जो लग्जरी में उड़ान भरते हैं, उन्हें पता होना चाहिए कि एटीएफ की कम कीमतें उड़ान को सस्ता बनाती हैं और फिर पीएम मोदी की योजना 'हवाई चप्पल से हवाई जहाज' के सपने को पूरा करती हैं।"
जवाब में कांग्रेस की तरफ से पवन खेड़ा ने शेयर की पीएम की फोटो
आपको बता दें कि हरदीप सिंह पुरी का ट्वीट ऐसे समय में आया है जब पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों की तुलना एटीएफ की कम कीमतों से की जा रही है। विमान में इस्तेमाल होने वाला एटीएफ अब ऑटो ईंधन से 30% सस्ता है। केंद्रीय मंत्री के इस ट्वीट पर अब कांग्रेस पार्टी की तरफ से प्रवक्ता पवन खेड़ा ने प्रतिक्रिया दी है। पवन खेड़ा ने जवाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फोटो शेयर करते हुए कहा है, "मोदी जी हरदीप सिंह पुरी आपके बारे में गलत बातें कह रहे हैं।" पवन खेड़ा ने बदले में जो फोटो शेयर की है वो नरेंद्र मोदी की पुरानी फोटो है, जिसमें वो बिजनेसमैन गौतम अडानी और विभव कांत उपाध्याय के साथ बिजनेस क्लास में सफर कर रहे हैं।
हरदीप सिंह पुरी का ट्वीट
केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने ट्विटर पर कहा था कि ATF हमेशा से ही कंज्यूमर फ्यूल के मुकाबले सस्ता ही रहा है और केंद्र एटीएफ पर सिर्फ 2 फीसदी एक्साइज शुल्क ही लेता है। UDAN, केंद्र सरकार की क्षेत्रीय संपर्क योजना (RCS) का हिस्सा है, एक हवाई अड्डा विकास कार्यक्रम है जिसका उद्देश्य हवाई यात्रा को सस्ता और अधिक व्यापक रूप से उपलब्ध कराने के लिए कम सेवा वाले हवाई मार्गों को अपग्रेड करना है।