क्विक अलर्ट के लिए
अभी सब्सक्राइव करें  
क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

लोकसभा चुनाव 2019: पीएम मोदी की लोकप्रियता के बीच कांग्रेस को राजस्थान में अशोक गहलोत से करिश्मे की उम्मीद

Google Oneindia News

नई दिल्ली: राजस्थान की 12 लोकसभा सीटों के लिए पांचवे चरण में आज मतदान हो रहा है। कांग्रेस को इन 12 सीटों पर बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद है। राजस्थान की 200 विधानसभा सीटों में कांग्रेस ने साल 2018 के विधानसभा चुनाव में इन 99 में से 61 विधानसभा सीटों पर जीत हासिल की थी। 2018 के चुनाव नतीजों की बात करें तो कांग्रेस ने नागौर, सीकर, भरतपुर, अलवर, दौसा, धौलपुर और चूरू में विधानसभा क्षेत्रों में से आधे पर जीत हासिल थी। इन विधानसभा क्षेत्रों के अंतर्गत सात लोकसभा सीटें आती हैं। हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्टे में ये बातें कहीं गई हैं।

'लोकसभा चुनाव विधानसभा चुनाव से अलग है'

'लोकसभा चुनाव विधानसभा चुनाव से अलग है'

बीजेपी के सीकर प्रमुख विष्णु चेतनिया ने रेखांकित करते हुए कहा कि साल 2019 के लोकसभा चुनाव विधानसभा चुनाव से अलग हैं। राष्ट्रीय चुनाव पीएम मोदी को दोबारा चुनने को लेकर हैं। उन्होंने आगे कहा कि बीजेपी के खिलाफ नकारात्मकता साल 2018 में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की हार के साथ समाप्त हो गई है। जमीन पर फोकस राजे से हटकर मोदी और सूबे के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर आ गया है। कांग्रेस प्रमुख राहुल गांधी की देश के 20 फीसदी सबसे गरीब परिवारों के लिए 72000 रुपये सालाना देने की घोषणा की है। इसने ग्रामीण लोगों को आकर्षित किया है, लेकिन इसे मिलने को लेकर संशय बना हुआ है। 14 फरवरी को पुलवामा आंतकी हमले के बाद जबावी कार्रवाई से बीजेपी का राष्ट्रवाद नागौर, झुंझुनू और सीकर जैसी जगहों पर काम करता दिख रहा है। यहां बड़ी संख्या में सैनिक हैं। कांग्रेस राज्य के 21 लाख किसानों के लिए की गई कर्जमाफी को भुनाने के लिए कड़ी मेहनत से लगी हुई है।

पीएम मोदी और गहलोत की लोकप्रियता का टेस्ट

पीएम मोदी और गहलोत की लोकप्रियता का टेस्ट

साल 2019 के चुनाव को मोदी और गहलोत की लोकप्रियता के परीक्षण के तौर पर देखा जा रहा है। मोदी बीजेपी के चुनाव प्रचार के अभियान का केंद्रीय बिंदु हैं। वही कांग्रेस अशोक गहलोत पर काफी निर्भर है। ओम प्रकाश शर्मा जो कि नागौर में बिजली के उपकरणों की दुकान चलाते हैं। वो कहते हैं कि गहलौत अच्छे इंसान हैं। लेकिन ये चुनाव पीएम चुनने के लिए है और मैं मोदो के साथ हूं। साल 2018 में मैंने गहलोत को वोट दिया। सीकर जिले के चामू में रहने वाले शख्स, जिन्होंने अपना नाम नहीं बताया ,कहा कि मोदी की लोकप्रियता का मुकाबला करना मुश्किल है। क्योंकि लोग राफेल लड़ाकू विमान सौदे और नोटबंदी के मुद्दे में विश्नास नहीं रखते हैं। रिक्शा चलाने वाले निरंजन सिंह ये जानने के लिए उत्सुक थे कि उन्हें 72000 रुपया मिलेगा कि नहीं। गहलोत सरकार ने मेरा 25000 का लोन माफ किया। लेकिन लोग कहते हैं कि 72000 नहीं मिलेगा क्योकि ये चुनावी हथकंडा है। बहुत लोग मानते हैं कि राष्ट्रवाद और धार्मिक आधार पर वोट मांगना देश के लिए बुरा है। नागौर के फल विक्रेता ने कहा कि मैं मोदी और यहां तक ​​कि राहुल गांधी से भी समुदायों के बीच फूट नहीं डालने का आग्रह करता हूं। सोशल मीडिया के जरिए वोट पाने के लिए धर्म के नाम पर नफरत फैलाई जा रही है।

ये भी पढ़ें- राजस्थान लोकसभा चुनाव 2019 की विस्तृत खबरें

जाट राजपूत लैंड में चुनाव

जाट राजपूत लैंड में चुनाव

पांचवे चरण में राजस्थान के जाट-राजपूत किसान बेल्ट में मुख्य रूप से मतदान हो रहा है। जाट परंपरागत रूप से कांग्रेस के मतदाता रहे हैं, लेकिन 2014 में उन्होंने बीजेपी की ओर रुख किया। राजपूतों को बीजेपी समर्थक माना जाता है। नागौर में बीजेपी के सहयोगी राष्ट्रीय जनतांत्रिक पार्टी के नेता हनुमान बेनीवाल कांग्रेस के पूर्व सांसद ज्योति मिर्धा के खिलाफ हैं। ज्योति के दादा नाथू राम मिर्धा, राजस्थान के सबसे बड़े जाट नेताओं में से एक माने जाते हैं। 2014 के लोकसभा चुनाव में खिसनगर से विधायक बेनीवाल को लगभग 15 फीसदी वोट मिले। नागौर निवासी भागीरथ बिश्नोई ने कहा कि (ज्योति मिर्धा] कभी हमारे पास नहीं आई। जब वो 2009 में निर्वाचित हुई और 2014 में हारने के बाद भी नहीं। वो चुनाव से पहले आई थी। पुराने जाट नाथू राम जी को वोट देंगे और उन्हें नहीं। छोटे लोग बेनीवाल को वोट देंगे। नागौर एक जाट बहुल क्षेत्र है। मुस्लिम, दलित और राजपूत यहां निर्णायक भुमिका में हैं क्योंकि जाट वोट समुदाय से दो मुख्य उम्मीदवारों के बीच विभाजित होने की संभावना है। भरतपुर में बीजेपी ने दो बार सांसद रहे गंगाराम कोहली की बहू, रंजीता कोहली को चुना है, जो कांग्रेस के अभिजीत कुमार जाटव के खिलाफ चुनाव लड़ रही हैं। अलवर में, पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के भंवर जितेंद्र सिंह भाजपा के महंत बालक नाथ के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं, जो पड़ोसी राज्य हरियाणा से हैं। भंवर जितेंद्र सिंह राजपूत हैं, जबकि नाथ यादव। स्वामी सुमेदानंद सरस्वती सीकर से भाजपा के उम्मीदवार हैं। वह कांग्रेस के सुभाष मेहरिया के खिलाफ हैं, जो बीजेपी के उम्मीदवार के रूप में तीन बार लोकसभा के लिए चुने गए हैं और अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में (1998-2004) केंद्रीय मंत्री थे।

बीजेपी-कांग्रेस के जीत के दावे

बीजेपी-कांग्रेस के जीत के दावे

केंद्रीय मंत्री गजेंद्र शेखावत ने कहा कि बीजेपी पांचवे चरण में राजस्थान की 25 सीटों में से 12 सीटें जीतेंगे, जहां मतदान है। मैं इस क्षेत्र के हर नुक्कड़ पर गया हूं और मैं समझ सकता हूं कि मोदी के लिए एक सकारात्मक भावना है और लोग गहलोत से नाखुश हैं। वो साल 2018 के विधानसभा चुनाव से पहले किए अपने वादे के अनुसार कृषि ऋण माफी और बेरोजगारी भत्ता देने में विफल रहे हैं। वहीं राजस्थान सरकार में राज्य मंत्री गोविंद सिंह डोट्सरा ने कहा कि लोग जानते हैं कि गहलोत ने अपने कृषि ऋण के वादे को पूरा किया है क्योंकि 21 लाख परिवारों के बकाया ऋणों को माफ कर दिया गया है। राजनीतिक विश्लेषक नारायण बरेठ ने कहा कि यह क्षेत्र कांग्रेस का गढ़ रहा है, लेकिन भाजपा ने पिछले दो दशकों में यहां अपने लिए जगह बनाई हैं। इस बार दिलचल्प मुकाबला है क्योंकि मतदाता चुप है और पीएम मोदी के पक्ष में 2014 जैसी लहर नहीं है । राजस्थान में कांग्रेस की सरकार फायदे में है।

<strong>ये भी पढ़ें- आप नेता ने PM मोदी और अनुप्रिया पटेल के खिलाफ फेसबुक पर की अभद्र टिप्पणी, गिरफ्तार</strong>ये भी पढ़ें- आप नेता ने PM मोदी और अनुप्रिया पटेल के खिलाफ फेसबुक पर की अभद्र टिप्पणी, गिरफ्तार

Comments
English summary
Congress is hoping to do well in the remaining 12 Lok Sabha seat in Rajasthan
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X