CM योगी ने चीन छोड़ने के इच्छुक अमेरिकी कंपनियों को भेजा प्रस्ताव, सुविधाओं का दिया भरोसा
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने चीन से कारोबार समेटने में जुटी फेडेक्स, सिस्को और ए़डोब जैसी विशाल अमेरिकी कंपनियों को उत्तर प्रदेश में उनका कारोबार स्थानांतरित करने के लिए प्रस्ताव आमंत्रित किया है और बदले में अमेरिकी कंपनियों की जरूरत अनुसार उन्हें कई सुविधाएं देने का भी प्रस्ताव किया है।
यूपी की योगी सरकार ने प्रस्ताव में फेडेक्स, सिस्को और एडोब के अलावा यूपीएस, लॉकहीड मार्टिन, हनीवेल, बोस्टन साइंटिफिक जैसी कई और बड़ी कंपनियां शामिल हैं। प्रस्ताव में यूपी सरकार द्वारा कंपनियों को कहा गया है कि सरकार उनकी आवश्यकता अनुसार उन्हें सुविधा देने के लिए तैयार हैं।
Covid19: घटिया टेस्ट किट पर उठे सवाल तो घुटनों पर आया चीन, अब भारत से किया यह आग्रह!
गौरतलब है प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने चीन में कारोबार समेटने के इच्छुक अमेरिकी कंपनियों को उक्त प्रस्ताव दिया है। पीएम मोदी ने मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए हुई मीटिंग में सभी राज्यों से आह्वान किया था कि वे वैश्विक कंपनियों को लुभाने के लिए वर्तमान स्थिति का उपयोग करें, क्योंकि कोरोनोवायरस महामारी के प्रसार के मद्देनजर कई अमेरिकी कंपनियां चीन से बाहर निकलना चाहते हैं।
इंडियन एक्सप्रेस की सूचना के मुताबिक इसी मुहिम के तहत यूपी की योगी सरकार ने अमेरिका से लगभग 100 निवेशकों और कंपनियों के साथ एक वीडियो सम्मेलन आयोजित किया और उन्हें उत्तर प्रदेश में अपने कारोबार स्थानांतिरत करने का प्रस्ताव दिया।
यहां बिना मास्क पकड़े गए तो भरना पड़ सकता है 4 लाख से अधिक का जुर्माना!
उत्तर प्रदेश के MSME, निवेश और निर्यात मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि उन्हें उन भत्तों (Perks) के बारे में कई प्रश्न प्राप्त हुए है, जिसकी पेशकश यूपी की सरकार उन कंपनियों को कर सकती है, अगर अमेरिकी कंपनियां अपने चीनी कारोबार उत्तर प्रदेश में स्थानांतरित करती हैं।
उदाहरण के लिए, FedEx और UPS को बताया गया कि वे अपना परिचालन शुरू करने के लिए प्रस्तावित जेवर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का उपयोग कर सकते हैं। सिद्धार्थ नाथ सिंह ने यह भी कहा कि चिकित्सा उपकरणों के निर्माता बोस्टन साइंटिफिक से उन प्रोत्साहनों के बारे में पूछा गया जो यूपी पेश कर सकता है।
लॉकडाउन में ऑनलाइन गेमिंग के मजे ले रहे हैं अमेरिकी, गेमिंग ट्रैफिक में हुआ 75% का इजाफा
साथ ही, यह भी बताया गया कि राज्य कंपनियों की आवश्यकताओं के अनुसार परिवर्तनों पर चर्चा करने के लिए भी तैयार हैं। इसके अलावा मंत्री ने यह भी सुझाव दिया कि लखनऊ कंपनियों के लिए एक उत्कृष्ट स्थान होगा। इसी तरह लॉकहीड मार्टिन जैसी रक्षा फर्मों को बताया गया कि वे इसके लिए उत्तर प्रदेश रक्षा गलियारे का उपयोग कर सकती हैं।
उल्लेखनीय है कोरोनावायरस ने चीन के लिए स्थिति बदतर बना दी है, जहां वैश्विक कंपनियां पहले से ही अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध के कारण अपने कारोबार को स्थानांतरित करने का मन बना रही थीं। दोनों देशों के बीच व्यापार युद्ध के कारण उत्पादों की कीमतों में निरंतर वृद्धि के लिए हुई है, जो कंपनियों के लाभ मार्जिन को क्षति पहुंचा रहा था। ऐसी स्थिति में केंद्र और राज्य सरकारें विदेशी निवेशकों को भारत में आकर्षित करने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते हैं।
लॉकडाउन: कांट्रेक्ट श्रमिकों पर गिरी बड़ी गाज, बिना भुगतान गुजारे को मजबूर हुए 12 करोड़ श्रमिक
इस बीच, सिद्धार्थ नाथ सिंह ने अमेरिकी कंपनियों से कहा कि राज्य पहले ही विभिन्न प्रोत्साहनों मसलन पूंजीगत सब्सिडी, भूमि सब्सिडी और प्रोत्साहनों का गुलदस्ता देने की घोषणा कर चुकी है। साथ ही प्रस्ताव में भारत में मौजूद 90 लाख MSME इकाइयों का हवाला दिया गया है, जिनका उपयोग कई उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है।
चीन में कारोबार कर रही अमेरिकी कंपनियों को भारत में निवेश के लिए लुभाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने कई प्रस्ताव दिए हैं, लेकिन उनमें राज्य की औद्योगिक नीति में संशोधन जैसे उपाय शीर्ष पर हैं, जिनमें संशोधन के लिए हाल ही में राज्य की योगी सरकार द्वारा चर्चा की गई हैं।
यह भी पढ़ें-लॉकडाउन में मलाईदार सरकारी नौकरी के अवसर, 1000 से अधिक निकली हैं रिक्तियां