अपने चार साथियों की हत्या करने वाले CISF जवान को लेकर खुलासा- मानसिक बीमारी से था परेशान
साल 2013 में उसने अपनी पत्नी पर जानलेवा हमला किया था और अपनी सर्विस राइफल के बट से उसका सिर फोड़ दिया था। उसने कार के ड्राइवर को भी मारने की कोशिश की थी।
नई दिल्ली। अपने चार साथियों पर गोली चलाकर उनकी हत्या करने वाले सीआईएसएफ जवान बलबीर सिंह के बारे में उसके परिवार ने पहले ही अधिकारियों को सूचना दे रखी थी कि वह मानसिक तौर पर बीमार है। बिहार के औरंगाबाद जिले में अपने साथियों पर गोली बरसाने वाले वाले जवान ने कुछ समय मनोचिकित्सक को भी दिखाया था। बलबीर सिंह की मां ने कहा कि इस बारे में सबको पता था कि उसकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं है। उसके दोस्तों और पड़ोसियों को भी इस बात की जानकारी थी कि वह कभी भी भड़क जाता है और कुछ भी कर बैठता है। यह खुलासा होने से सीआईएसएफ पर सवाल उठने लगे हैं।
सर्विस
राइफल
से
फोड़ा
था
पत्नी
का
सिर
एक
रिश्तेदार
ने
बताया
कि
बलबीर
की
मानसिक
हालत
का
अंदाजा
इस
बात
से
ही
लगाया
जा
सकता
है
कि
साल
2011
में
उसने
उस
कार
के
ड्राइवर
को
मारने
की
कोशिश
की
थी
जिसमें
वह
सफर
कर
रहा
था।
बोकारो
में
हुई
इस
घटना
के
समय
उसकी
दूसरी
पोस्टिंग
थी।
उन्होंने
बताया
कि
बलबीर
ने
ड्राइवर
का
गला
दबा
रखा
था।
उसके
साथ
में
उसके
बड़े
भाई
भी
थे,
जिन्होंने
आखिर
में
उसके
कान
में
जोर
से
काटा
तब
जाकर
बलबीर
ने
ड्राइवर
को
छोड़ा
था।
इसके
बाद
साल
2013
में
उसने
अपनी
पत्नी
पर
जानलेवा
हमला
किया
था
और
अपनी
सर्विस
राइफल
के
बट
से
उसका
सिर
फोड़
दिया
था।
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आया
एक
बार
दी
गई
थी
सजा
बलबीर
सिंह
की
मां
सरोज
देवी
ने
बताया
कि
साल
2008
में
उसने
सीआईएसएफ
ज्वाइन
किया
था।
साल
2010
में
के
आसपास
उसे
यह
समस्या
शुरू
हुई।
उन्होंने
कहा,
'वो
बीमार
था।
मेरे
बेचे
शेर
सिंह
ने
बलबीर
की
यूनिट
को
इसकी
जानकारी
दी
थी
और
सलाह
दी
थी
कि
उसे
खतरनाक
हथियार
न
दिए
जाएं
तो
ही
बेहतर
होगा।
उन्हें
उसकी
बात
सुननी
चाहिए
थी।
अगर
तभी
मान
गए
होते
तो
ये
घटना
नहीं
होती।'
उसके
भाई
विनोद
ने
कहा
कि
वह
सीनियर
अधिकारियों
के
पास
भी
गया
था
और
उन्हें
इस
बारे
में
जानकारी
दी
थी।
उसने
इलाज
के
लिए
उसे
छुट्टी
देने
की
भी
अपील
की
थी
लेकिन
किसी
ने
नहीं
सुना।
सीआईएसएफ
के
पीआरओ
मंजीत
सिंह
ने
कहा
कि
उनके
पास
बलबीर
की
बीमारी
का
कोई
रिकॉर्ड
नहीं
है
और
न
ही
वह
कभी
सीआईएसएफ
हॉस्पिटल
में
इलाज
के
लिए
गया।
हालांकि
उन्होंने
यह
बताया
कि
बलबीर
को
साल
2010
में
छुट्टियों
के
दौरान
देर
से
वापस
आने
के
लिए
सजा
दी
गई
थी।
उन्होंने
इस
बात
से
इनकार
किया
है
कि
बलबीर
के
परिवार
ने
सीआईएसएफ
को
उसकी
बीमारी
की
जानकारी
दी
थी।