सोशल मीडिया Influencer को अब माननी होगी गाइडलाइंस, केंद्र सरकार जल्द जारी करेगी SOP
नई दिल्ली, 07 सितंबर। सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर के लिए बड़ी खबर है। क्योंकि केंद्र सरकार इन्फ्लुएंसर के लिए एक गाइडलाइन लाने जा रही है, जिसका पालन सभी को करना होगा। वहीं, जो इन्फ्लुएंसर इस गाइडलाइंस का पालन नहीं करेंगे। उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। न्यूज-18 की एक खबर के मुताबिक सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर को जल्द ही अपने ब्रांड एसोसिएशन या पेड प्रमोशन की घोषणा करनी होगी। अगर वे ऐसा नहीं करते हैं, तो उन पर भारी जुर्माना लगाया जाएगा। माना जा रहा है कि उपभोक्ता मामलों का मंत्रालय ऑनलाइन उपभोक्ताओं की सुरक्षा के लिए अगले 10 दिनों में एक मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) जारी कर सकता है।
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इसलिए लिए जा रहा फैसला
यह निर्णय उपभोक्ता को किसी भी तरह के झूठे दावों से सावधान करने और बचाने के उद्देश्य से लिया जाएगा। न्यूज-18 के सूत्रों की मानें तो कोई भी जो सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर है और किसी विशेष ब्रांड को आगे बढ़ा रहा है, उसे अब सफाई देनी होगी। इसको लेकर एक दिशानिर्देश जारी किया जाएगा, जो सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसरों की मदद करेगा। ऐसे में इन्फ्लुएंसरों को किसी भी ब्रांड के लिए भुगतान किए गए प्रचार का खुलासा करना अनिवार्य हो जाएगा।
CAIT ने की थी गाइडलाइंस की मांग
31 जुलाई को व्यापारियों के निकाय CAIT ने ऑनलाइन उपभोक्ताओं को उत्पादों और सेवाओं की नकली समीक्षाओं से बचाने के लिए ब्रांड एंडोर्सर्स सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर और ब्लॉगर्स को प्रस्तावित ढांचे के तहत लाने का आह्वान किया। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) ने भी तर्क दिया था कि किसी उत्पाद या सेवा की रेटिंग को समीक्षा के लिए नीतिगत ढांचे का एक हिस्सा बनाया जाना चाहिए। इसको लेकर ट्रेडर्स ने उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा के लिए जल्द से जल्द सरकार से गाइडलाइंस बनाने की मांग की थी। उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा हो सके, इसे देखते हुए ब्रांड एंडोर्सर्स, सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स, ब्लॉगर्स पर वस्तुओं और सेवाओं को नकली और भ्रामक समीक्षाओं पर नीति के दायरे में लाया जाना चाहिए।
उपभोक्ता मामले के सचिव मई में ही कर चुके हैं बैठक
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह ने मई में ऑनलाइन उपभोक्ताओं पर नकली और भ्रामक समीक्षाओं के प्रभाव और ऐसी स्थिति को रोकने के लिए एक रोडमैप तैयार करने पर चर्चा करने के लिए हितधारकों के साथ एक वर्जुअल वैठक भी की थी।
टीडीएस का करना होगा भुगतान
वहीं, अब प्रभावित करने वाले और ऐसे अन्य लोग जो कंपनियों से मुफ्त आइटम प्राप्त करते हैं, उन्हें प्राप्त करने के लिए पहले से ही करों का भुगतान करना पड़ता है। आयकर विभाग की ओर से जारी दिशा-निर्देश इसी साल एक जुलाई से लागू हो गए हैं। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने इन नए नियमों के लिए जारी अपने दिशा-निर्देशों में अधिसूचित किया था कि लाभ प्राप्त करने वालों को नए कर नियमों के तहत 10 प्रतिशत की दर से टीडीएस का भुगतान करना होगा। नए नियम के मुताबिक सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसरों को कार, मोबाइल, पोशाक, सौंदर्य प्रसाधन आदि जैसे उत्पाद प्राप्त करने पर 10 प्रतिशत टीडीएस का भुगतान करना होगा। हालांकि, अगर उत्पाद सेवाओं का उपयोग करने के बाद कंपनी को वापस कर दिया जाता है तो यह धारा 194R के तहत नहीं आएगा।