CBI ने अडानी एंटरप्राइजेज और NCCF पूर्व अधिकारियों के खिलाफ धोखाधड़ी मामले में दर्ज की FIR
नई दिल्ली। गौतम अडानी की अगुवाई वाली अडानी एंटरप्राइजेज की मुश्किलें लगातार बढ़ती ही जा रही है। 2010 में आंध्र प्रदेश पावर जेनरेशन कॉर्पोरेशन को कोयले की आपूर्ति में अनियमितता को लेकर अब केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने बड़ी कार्रवाई की है। सीबीआई ने राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता महासंघ के पूर्व अधिकारियों और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया है। इन सभी पर सीबीआई ने आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी और लोक सेवकों द्वारा आपराधिक कदाचार के लिए मामला दर्ज किया है।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक गुरुवार को सीबीआई ने अपनी एफआईआर में एनसीसीएफ के तत्कालीन अध्यक्ष वीरेंद्र सिंह, एनसीसीएफ के तत्कालीन एमडी जीपी गुप्ता, एनसीसीएफ के तत्कालीन वरिष्ठ सलाहकार एससी सिंघल, अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड और अन्य अज्ञात लोक सेवकों और अन्य को आपराधिक साजिश के लिए नामजद किया है। सीबीआई के मुताबिक प्राथमिकी जांच में आरोपी अधिकारियों और अडानी एंटरप्राइजेज को मामले में दोषी पाया गया जिसके बाद बुधवार को मामला दर्ज किया गया था।
17
साल
की
एक्टिविस्ट
ग्रेटा
थनबर्ग
ने
की
थी
ये
मांग
स्वीडन
की
17
साल
की
क्लाइमेट
एक्टिविस्ट
ग्रेटा
थनबर्ग
ने
ऑस्ट्रेलिया
में
अडानी
ग्रुप
के16.5
बिलियन
डॉलर
वाले
एक
कोल
माइनिंग
प्रोजेक्ट
के
विरोध
में
मोर्चा
खोल
दिया
है।
इस
प्रोजेक्ट
को
जर्मनी
की
कंपनी
सीमंस
और
अडानी
पावर
ने
साथ
में
मिलकर
ऑस्ट्रेलिया
के
क्वींसलैंड
में
लॉन्च
किया
था।
ग्रेटा
ने
कहा
था
कि
इस
प्रोजेक्ट
से
ग्लोबल
वॉर्मिंग
का
खतरा
बढ़
जाएगा
और
साथ
ही
ग्रेट
बैरियर
रीफ
को
भी
खासा
नुकसान
पहुंचेगा।
ग्रेटा
की
इस
मांग
को
सिरे
से
नकार
दिया
गया
है।
अडानी
का
यह
प्रोजेक्ट
क्वींसलैंड
के
गालिले
बेसिन
में
है।
न्यूज
एजेंसी
रॉयटर्स
के
मुताबिक
इस
प्रोजेक्ट
के
तहत
कोयले
को
आयात
करके
भारत
में
जलाया
जाएगा।
ग्रेटा
के
साथ
प्रोजेक्ट
का
विरोध
कर
रहे
लोगों
का
कहना
है
कि
अडानी
की
परियोजना
पर्यावरण
के
लिए
बड़ा
खतरा
है।
यह भी पढ़ें: हां मैं पाकिस्तानी हूं, ये देश नरेंद्र मोदी, अमित शाह के बाप का नहीं: अधीर रंजन चौधरी