CAA: मंगलोर हिंसा में हुई थी 2 की मौत, येदियुरप्पा बोले- जांच से पहले नहीं देंगे मुआवजा
बेंगलुरू। नागरिकता संशोधित कानून (सीएए) के खिलाफ देश के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन हुए। इस दौरान कर्नाटक के मंगलोर में भी दो लोगों की मौत हो गई। अब इस मामले में कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा का कहना है कि इन दोनों मृतकों के परिवारों को मुआवजा प्रदर्शनों की जांच खत्म होने के बाद ही दिया जाएगा। उनका बयान ऐसे समय में आया है जब एक हफ्ते पहले ही मंगोलर पुलिस ने प्रदर्शन का वीडियो जारी किया है।
येदियुरप्पा ने क्या कहा ?
जिसमें दिख रहा है कि प्रदर्शन करने की योजना पहले ही बनाई गई थी। येदियुरप्पा ने कहा, 'सीएए के विरोध प्रदर्शन के दौरान मंगलोर में हिंसा के दौरान मारे गए दो लोगों के परिवार के लिए मुआवजे की घोषणा, जांच के बाद ही तय होगी।' राज्य सरकार ने हिंसक प्रदर्शन में जांच के आदेश दे दिए हैं। 19 दिसंबर को पुलिस की कार्रवाई में जलील (49) और नौशीन (23) नाम के दो व्यक्तियों की मौत हो गई थी।
येदियुरप्पा ने मृतकों के परिवार से की थी मुलाकात
पुलिस द्वारा जारी वीडियो में दिखाई दे रहा है कि प्रदर्शनकारी एक ऑटो ट्रॉली में पत्थर लेकर आए थे। जिन्हें पुलिस पर फेंका गया और वहां लगे सीसीटीवी कैमरों को नुकसान पहुंचाया गया। मुख्यमंत्री येदियुरप्पा शनिवार को मंगलोर आए थे। यहां उन्होंने मृतकों के परिवार से मुलाकात कर दोनों के परिवारों को 10 लाख रुपये का मुआवजा देने की बात कही थी। हालांकि वीडियो के जारी होने के बाद येदियुरप्पा ने अपना फैसला बदल लिया।
कांग्रेस ने की निंदा
भाजपा सांसद शोभा करंदलाजे ने सरकार के इस फैसले को सही ठहराया है। उन्होंने कहा, 'दुनिया में कहीं भी अपराधियों को मुआवजा नहीं दिया जाता है। इसलिए जब तक जांच पूरी न हो जाए, तब तक सरकारी पैसे का कोई सवाल ही नहीं है।' हालांकि इस फैसले की कांग्रेस के नेताओं ने निंदा की है। कांग्रेस नेता और पूर्व स्पीकर रमेश कुमार ने कहा कि सरकार की ओर से उन मृतकों के परिवार को तत्काल राहत नहीं देने का कदम खेदजनक है।