नीतीश ने उड़ाया मोदी के विकास मॉडल का मजाक, कहा 'रनवे की भैंस' ने खोली पोल
पटना। बिहार के पूर्व सीएम नीतीश कुमार और देश के पीएम नरेन्द्र मोदी के बीच की कड़वहाट से हर कोई वाकिफ हैं। दोनों ही नेता अपने-अपने राज्यों के विकास के लिए जाने जाते हैं लेकिन दोनों ही एक-दूसरे को पसंद नहीं करते हैं इसलिए भले ही पीएम मोदी नीतीश कुमार पर कोई टिप्पणी ना करें लेकिन नीतीश कुमार पीम पर कुछ भी कहने का एक भी मौका नहीं छोड़ते हैं।
नीतीश कुमार ने अपने फेसबुक वॉल पर जमकर पीएम मोदी का मजाक उड़ाया है। उन्होंने उड़ के देखो भैंसों के साथ में, कुछ दिन तो गुजारो गुजरात में ! शीर्षक के तहत मोदी के साथ अमिताभ बच्चन पर भी निशाना साधा है। नीतीश कुमार ने लिखा है कि सूरत के रनवे पर आयी भैंस ने पीएम मोदी के विकास मॉडल की जमकर धज्जियां उड़ाई है।
नीतीश ने लिखा है कि यही मोदी सरकार की सत्यता है, जिसकी वजह से फ्लाइट में बैठे सभी 150 यात्रियों की जान पर बन आयी थीं। लोकसभा चुनावों में सोशल मीडिया पर फोटोशॉप के जरिये एडिट की हुईं फोटो डालकर मोदी ने देश की जनता को मूर्ख बना दिया है लेकिन अब जनता के सामने उनकी सच्चाई उजागर हो गई है।क्लिक करें नीतीश कुमार की फेसबुक वॉल
विकास मॉडल के नाम पर मोदी ने जनता को उल्लू बनाया
गौरतलब है कि गुरुवार रात किफायती विमानन कंपनी स्पाइसजेट का एक विमान सूरत हवाईअड्डे पर एक भैंस से टकरा गया था। बोइंग 737-800 विमान उड़ान संख्या एसजी 622 में 150 यात्री और चालक दल के छह सदस्य थे। सभी सुरक्षित रहे। विमान सूरत से नई दिल्ली के लिए उड़ान भरने वाली थी। जिसके बाद केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री अशोक गजपति राजू ने शुक्रवार को स्पाइसजेट मामले और हवाईपट्टी पर सुरक्षा खामियों संबंधी घटनाओं की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए हैं। इस घटना के बाद कंपनी स्पाइसजेट ने सूरत से अपनी सेवा अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी है।
सुरक्षा विशेषज्ञों ने कहा कि यह घटना एक बड़े हादसे में बदल सकती थी, क्योंकि विमान जब तेज गति में हो तो पशु को बचाने की कोशिश में वह उलट सकता था या हवाईपट्टी से दूर जा सकता था।
डीजीसीए के पूर्व प्रमुख एच.एस. खोला ने कहा, "यह गंभीर मामला है। इसमें कई जानें जा सकती थीं। हवाईअड्डा अधिकारियों को दीवार बनाकर या अन्य तरीकों से हवाईपट्टी के सुरक्षा मानकों को सुनिश्चित करना चाहिए।ऐसी घटनाएं उन हवाईअड्डों पर अधिक होती हैं, जिनके आसपास गांव होते हैं। ऐसी स्थिति में आवारा पशुओं को बाहर रखने के लिए जरूरी व्यवस्था की जानी चाहिए।"