
BSF ने रिकॉर्ड 16 ड्रोन गिराए, 2022 के अंत तक 25 की संभावना, सरकार से मिला 30 करोड़ का फंड : DG पंकज सिंह
भारत-पाकिस्तान सीमा पर बढ़ती ड्रोन चुनौती के बीच सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने इस साल अब तक रिकॉर्ड 16 ड्रोन मार गिराए हैं। गुरुवार को वार्षिक प्रेस ब्रीफिंग के मौके पर एएनआई से बात करते हुए बीएसएफ के महानिदेशक पंकज सिंह ने कहा कि बल ने अभी तक ड्रोन के मोर्चे पर पूरी सफलता हासिल नहीं की है, लेकिन बल की तरफ से अपनाए गए तीन-चार उपायों के कारण इस साल बड़ी उपलब्धियां हासिल हुई हैं।

सरकार ने 30 करोड़ रुपये का फंड दिया
महानिदेशक पंकज सिंह ने बताया कि सरकार ने 30 करोड़ रुपये का फंड दिया है। सीमाओं को और सिक्योर करने के लिए पाकिस्तान और बांग्लादेश सीमा पर निगरानी के लिए 5.5 हजार सीसीटीवी कैमरे समेत सर्विलांस के उपकरण लगाए जाएंगे।
बीएसएफ महानिदेशक ने कहा कि जैसा कि हम ड्रोन के मामले में सीमा पर नई चुनौती देखते हैं। अगर हम इस मुद्दे पर एक बार में बात करते हैं तो हमें अभी तक उस स्तर पर सफलता नहीं मिली है। इसलिए हमने तीन-चार तरीके आजमाए हैं। जिसका परिणाम अच्छा मिल रहा है।
बीएसएफ महानिदेशक ने यह भी कहा कि हमने कुछ विशिष्ट स्थानों (भारत-पाकिस्तान सीमा के साथ) पर कुछ ड्रोन-रोधी प्रणालियां स्थापित की हैं। उन्होंने कहा कि ऐसा इसलिए किया गया है क्योंकि दोनों देशों की सीमा बहुत लंबी है। ऐसे में सभी स्थानों पर एक ड्रोन-विरोधी प्रणाली स्थापित नहीं की जा सकती है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में यह प्रणाली एक से अधिक स्थानों पर स्थापित की जाएगी।
इसके अलावा बीएसएफ डीजी पंकज सिंह ने कहा कि बीएसएफ ने तीन-चार किलोमीटर की गहराई से गश्त शुरू की है, ताकि इन ड्रोनों की तरफ से गिराए गए अवैध सामानों को उठाने की कोशिश करने वाले व्यक्ति को पकड़ा जा सके। उन्होंने कहा कि हमने इन ड्रोन को शूट करने वाले अपने जवानों को बहुत अच्छा प्रोत्साहन भी दिया है। इन्हीं प्रयासों के कारण हमने इस साल नवंबर तक 16 ड्रोन मार गिराए हैं, जबकि पिछले साल केवल एक ड्रोन को मार गिराया गया था। उन्होंने कहा कि इस साल के अंत ड्रोनों को मार गिराने की संख्या 25 तक बढ़ सकती है।
यह पूछे जाने पर कि क्या बीएसएफ द्वारा मार गिराए गए ड्रोन चीनी हैं या स्थानीय रूप से निर्मित हैं। इसके जवाब में सिंह ने कहा कि ड्रोन बाजार में उपलब्ध हैं। कोई भी इन ड्रोन को बाजार से खरीद सकता है सिंह ने कहा कि बड़े ड्रोन का इस्तेमाल भारी मात्रा में ड्रग्स या हथियार और गोला-बारूद की तस्करी के लिए किया जाता है। सिंह ने दो दिन पहले बीएसएफ द्वारा मार गिराए गए बड़े ड्रोनों का उदाहरण देते हुए कहा कि वे स्थानीय मार्केट में बनाए गए थे।
उन्होंने कहा कि ड्रोन बनाने के लिए प्रोपेलर और पंख बाजार में उपलब्ध हैं। बीएसएफ की महिला कर्मियों ने सोमवार को पंजाब में अमृतसर (ग्रामीण) जिले के चाहरपुर गांव के पास 18.050 किलोग्राम वजनी एक हेक्साकॉप्टर ड्रोन को उस समय मार गिराया। यह पाकिस्तान से भारतीय क्षेत्र में प्रवेश कर रहा था। ड्रोन में 3.110 किलो नशीला पदार्थ था। बीएसएफ डीजी ने यह भी बताया कि इन ड्रोन के चिप विश्लेषण से जानकारी जुटाई जा सकती है। उन्होंने कहा, "ड्रोन में चिप्स के विश्लेषण से हम इसके द्वारा लिए गए मार्ग और इसके उड़ान क्षेत्र के साथ-साथ इसकी उत्पत्ति के बारे में विवरण प्राप्त कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि इन ड्रोन में प्रयुक्त चिप्स के विश्लेषण के बाद हमें और सफलता मिलेगी। हालांकि, हम ड्रोन विरोधी मोर्चे पर काफी कुछ कर रहे हैं। हमने सीमाओं पर सिस्टम तैनात किए हैं जो बहुत प्रभावी और उपयोगी हैं। हम इन ड्रोनों का पता लगाने के लिए नई तकनीक का भी परीक्षण कर रहे हैं। इसके लिए हम राज्य पुलिस की मदद ले रहे हैं।