2022 के चुनाव से पहले सहयोगी दलों को एकजुट करने में जुटी भाजपा, अपना दल-निषाद राज पार्टी से साधा संपर्क
नई दिल्ली, 11 जून। उत्तर प्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव हैं, ऐसे में चुनाव से पहले प्रदेश में सियासी सरगर्मियां बढ़ गई हैं। भारतीय जनता पार्टी अपने सहयोगी दलों को एकजुट करने के प्रयास में जुट गई है। इसी क्रम में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने अपना दल की नेता अनुप्रिया पटेल से गुरुवार को दिल्ली में मुलाकात की। सूत्रों की मानें तो इस मुलाकात के दौरान अनुप्रिया पटेल ने प्रदेश की कैबिनेट में दो मंत्री पद की मांग की है। इसके साथ ही अमित शाह और हाल ही में भाजपा में शामिल हुए पूर्व आईएएस अधिकारी एके शर्मा ने निषाद समाज के नेता डॉक्टर संजय कुमार निषाद और संत कबीर नगर के सांसद प्रवीण निषाद से भी मुलाकात की।
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तेज
ही
प्रदेश
की
सियासी
सरगर्मी
इन
दलों
के
साथ
भारतीय
जनता
पार्टी
ने
2014
में
गठबंधन
किया
था।
उस
वक्त
प्रदेश
में
भाजपा
को
80
में
से
71
लोकसभा
सीटों
पर
जीत
मिली
थी।
अपना
दल
ने
भी
चुनाव
में
दो
सीटों
पर
जीत
दर्ज
करके
प्रदेश
में
अपनी
पकड़
को
मजबूत
किया
था।
वहीं
2017
के
विधानसभा
चुनाव
की
बात
करें
तो
भाजपा
ने
अकेले
ही
प्रदेश
में
पूर्ण
बहुमत
हासिल
कर
लिया
था।
अपना
दल
ने
प्रदेश
में
9
सीटें
जीती
थी।
कुछ
दिन
पहले
अनुप्रिया
पटेल
ने
यूपी
भाजपा
के
चीफ
स्वतंत्र
देव
सिंह
से
मुलाकात
की
थी
और
उनसे
जिला
पंचायत
चुनावों
पर
चर्चा
की
थी।
दरअसल
अपना
दल
जिला
पंजाब
चुनाव
में
कुछ
जिलों
में
अध्यक्ष
पद
चाहती
है,
जिसमे
मिर्जापुर
और
बांदा
भी
शामिल
हैं।
अनुप्रिया
पटेल
की
पार्टी
है
अहम
अगले
साल
होने
वाले
विधानसभा
चुनाव
से
पहले
अपने
स्थानीय
साथियों
को
भाजपा
एक
बार
फिर
से
करीब
लाना
चाहती
है।
यही
वजह
है
कि
प्रदेश
के
मुख्यमंत्री
योगी
आदित्यनाथ
भी
दिल्ली
में
मौजूद
हैं
और
अन्य
दलों
के
नेताओं
के
अलावा
शीर्ष
नेतृत्व
योगी
आदित्यनाथ
से
मुलाकात
कर
रहा
है।
दरअसल
हाल
ही
में
पार्टी
को
जो
फीडबैक
मिला
है
उसके
अुसार
सूत्रों
का
कहना
है
कि
मुख्यमंत्री
सभी
को
साथ
लेकर
चलने
में
सफल
नहीं
हुए
हैं।
गौर
करने
वाली
बात
है
कि
2019
के
लोकसभा
चुनाव
से
पहले
अपना
दल
ने
धमकी
दी
थी
कि
वह
भाजपा
का
साथ
छोड़
देगी
क्योंकि
पार्टी
सहयोगी
दलों
का
खयाल
नहीं
रखती
है।
अनुप्रिया
पटेल
ने
कहा
था
कि
पार्टी
अपने
फैसले
लेने
के
लिए
स्वतंत्र
है।
तमाम
दलों
को
साधने
में
जुटी
भाजपा
उस
वक्त
भी
अपना
दल
ने
इशारा
किया
था
कि
इसकी
मुख्य
वजह
मुख्यमंत्री
हैं।
अनुप्रिया
पटेल
के
पति
और
पार्टी
के
नेता
आशीष
पटेल
ने
कहा
था
कि
प्रदेश
भाजपा
नेतृत्व
हमे
सम्मान
नहीं
दे
रहा
है
जिसके
हम
हकदार
हैं।
उन्होंने
केंद्रीय
नेतृत्व
के
हस्तक्षेप
की
मांग
की
थी।
इसके
अलावा
भाजपा
ओम
प्रकाश
राजभर
ने
भी
मई
2019
में
भाजपा
का
साथ
छोड़
दिया
था।
2017
के
विधानसभा
चुनाव
से
पहले
भाजपा
ने
कई
दलों
के
साथ
गठबंधन
किया
था।
इन
दलों
ने
पार्टी
को
जीत
दिलाने
में
अहम
भूमिका
निभाई
थी।