कर्नाटक: 11 जेडीएस-कांग्रेस विधायकों के इस्तीफे पर क्या बोली भाजपा
नई दिल्ली। कर्नाटक में कांग्रेस के आठ और जेडीएस के तीन विधायकों के इस्तीफे के बाद भाजपा ने गठबंधन सरकार पर निशाना साधा है। भाजपा सांसद जीवीएल नरसिम्हा राव ने इस पर कहा है कि लोगों ने गठबंधन सरकार को खारिज कर दिया है। कांग्रेस के आठ और जेडीएस के तीन विधायक शनिवार को विधानसभा अध्यक्ष केआर रमेश कुमार से मिलने पहुंचे, जिसके बाद उन्होंने स्पीकर कार्यालय में इस्तीफा सौंप दिया।
जीवीएल नरसिम्हा राव ने कहा, कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन को कर्नाटक के लोगों ने पूरी तरह से खारिज कर दिया है। गठबंधन के बावजूद लोकसभा चुनाव में भाजपा को राज्य की सीटों पर बड़ी जीत मिली। ये साफतौर पर जनता के मूड को दिखाता है। विधायकों को जनता के गुस्से का सामना करना पड़ा रहा है, ऐसे में वो ये फैसले ले रहे हैं।
कर्नाटक में कांग्रेस और जेडीएस की सरकार पर संकट के बाद मंडराने लगे हैं। शनिवार को कांग्रेस के आठ विधायकों और जेडीएस के तीन विधायकों ने अपना इस्तीफा दिया है। इस्तीफा देने वाले विधायकों में रमेश जारकीहोली, एच विश्वनाथ, प्रताप गौड़ा पाटिल शामिल हैं।
कांग्रेस के विजयनगर विधायक आनंद सिंह और गोकके विधायक राजेश जरकीहोली ने अपनी विधानसभा की सदस्यता से पहले ही इस्तीफा दे चुके हैं। तो वहीं जेडीएस में गठबंधन सरकार से एच विश्वनाथ, नारायण गौड़ा और के गोपालैया असंतुष्ट हैं। इसके आलावा कांग्रेसी विधायकों में रामलिंग रेड्डी, सौम्या रेड्डी, एन मुनिरत्ना, एसटी सोमशेखर और बैराठी बसवराज का एक समूह स्पीकर से मिलने पहुंचा।
उपमुख्यमंत्री जी परमेश्वर ने कर्नाटक सरकार पर बढ़े संकट को देखते हुए सभी विधायकों और नगर सेवकों की एक आपात बैठक बुलाई है। कांग्रेस के आठ नाखुश विधायक और जेडीएस के 3 असंतुष्ट विधायकों के इस्तीफे भेजने के बाद कर्नाटक में कुमारस्वामी के नेतृत्व वाली सरकार के गिरने का खतरा मंडरा रहा है। वहीं कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार ने कहा है कि वो सभी विधायकों के मिले हैं और कोई इस्तीफा नहीं होने जा रहा है।
कर्नाटक की 224 सीटों वाली विधानसभा में कांग्रेस और जेडीएस की गठबंधन की सरकार हैं। बीजेपी के 105 विधायक हैं। कांग्रेस लगातार भाजपा पर विधायकों को तोड़ने और सरकार गिराने का आरोप लगाती रही है।
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