बि 'हार' के बाद स्पेशल ट्रेन से दिल्ली लौटे नरेंद्र मेादी, अमित शाह!
[अजय मोहन] बिहार विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को मिली करारी हार के तुरंत बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह ने अपने लाव-लश्कर के साथ स्पेशल ट्रेन पकड़ी और दिल्ली लौट गये! आप सोच रहे होंगे कि वो बिहार गये ही कब थे? तो जवाब है पिछले छह महीने से दोनों प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से बिहार में ही डेरा जमाये बैठे थे। अब ये स्पेशल ट्रेन कहां से आयी, तो उसका जवाब सुरेश प्रभु हैं।
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ओह.... कंफ्यूज मत होइये! हम बात कर रहे हैं भाजपा की हार की एक और वजह की। और वह है स्पेशल ट्रेन, जो रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने चलायी। नवंबर में चुनाव था और नवंबर में ही दीवाली और छठ। 90 फीसदी से ज्यादा बिहारी इस त्योहार पर अपने घर जरूर जाते हैं। जाहिर है, ट्रेनों में भीड़ भी बहुत रहती है। इसी के चलते सुरेश प्रभु ने स्पेशल ट्रेनें चला दीं।
मौका मिले तो स्पेशल ट्रेन में सफर जरूर कीजियेगा, क्योंकि इसका किराया सामान्य ट्रेनों का दोगुना होता है। जी हां रेल मंत्री ने रेल बजट में किराया नहीं बढ़ाया लेकिन स्पेशल ट्रेन, प्रीमियम ट्रेन, आदि के नाम पर तमाम ट्रेनें चला दीं, जिनका किराया सामान्य से दुगना। और तो और जनता की जेब से पैसे ऐंठने का एक और नुस्खा कैंसलेशन और तत्काल के नाम पर निकाला। तत्काल की फीस डबल कर दी और कैंसेलेशन में ऐसे-ऐसे नियम लगा दिये, कि यात्री के पास जेब कटवाने के अलावा कोई चारा नहीं बचा।
सच पूछिए तो बिहार की जनता को इस तरह से जेब कटना पसंद नहीं आया और इसका बदला भाजपा को वोट नहीं देकर लिया। स्पेशल ट्रेन का असर इस चुनाव पर इसलिये भी पड़ा, क्योंकि जिस वक्त छठ और दीवाली के की स्पेशल ट्रेनों के रिजर्वेशन खुले, उस वक्त बिहार में मतदान चल रहे थे। जाहिर है डबल किराया देख हर किसी के अंदर गुस्सा था और वह गुस्सा ईवीएम पर निकाल दिया।