बिहार चुनाव भले ही परिवर्तन ना लाए, लेकिन भविष्य में बदलाव का रास्ता खुल गया हैः शरद पवार
नई दिल्ली। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी प्रमुख शरद पवार ने कहा है कि बिहार चुनाव परिणाम भले ही बदलाव नहीं लाई हो, लेकिन इससे भविष्य में बदलाव का मार्ग प्रशस्त हुआ है। मंगलवार को पुणे में पत्रकारों से पवार ने कहा, चुनावी कैंपेन के दौरान उन्होंने जो देखा कि एक तरफ नरेंद्र मोदी थे, जो कई वर्षों तक मुख्यमंत्री रहे और दूसरे कार्यकाल में पीएम भी रहे उनके साथ एक सीएम नीतीश कुमार भी थे, जबकि दूसरी तरफ तेजस्वी यादव जैसे अनुभवहीन युवा था।
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बकौल शरद पवार, जिस तरह से तेजस्वी ने चुनाव लड़ा, वह कई युवाओं को प्रेरणा देगा। आज के परिणामों में भले ही बिहार में बदलाव नहीं ला पाया है, लेकिन इसने भविष्य में बदलाव का मार्ग प्रशस्त कर दिया है। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेतृत्व वाले महागठबंधन ने बिहार विधानसभा चुनाव हार गया है, जिसमें राजद नेता महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार हैं।
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गौरतलब है मंगलवार सुबह वोटों की गिनती शुरू होते ही महागठबंधन ने कुछ शुरुआती बढ़त बनाई, लेकिन जल्द ही नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस (NDA) ने पासा पलट दिया और बढ़त बना ली। एनडीए के पास भाजपा, जनता दल (यूनाइटेड) और अन्य दलों के घटक के रूप में शामिल हैं, जबकि महागठबंधन में राजद के नेतृत्व के साथ कांग्रेस और तीन वाम दल शामिल हैं। भाजपा इस चुनाव में बड़ी विजेता के रूप में उभर रही है।
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भारतीय चुनाव आयोग (ईसीआई) की वेबसाइट के अनुसार रात 9 बजे के रुझानों के अनुसार 110 सीटों पर चुनाव लड़ने वाली बीजेपी अभी भी 44 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है, जबकि इस दौरान बीजेपी 28 सीटें जीत चुकी है। वहीं, एनडीए साझेदार जेडी (यू) 26 सीटों पर आगे चल रही है और अभी तक वह 17 सीटों पर जीत दर्ज कर चुकी हैं। वर्ष 2015 विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 53 सीटें और जेडी (यू) 71 जीती थीं, लेकिन इस साल नीतीश कुमार की पार्टी राजद से भी पीछे है, जो 51 सीटों पर आगे चल रही है और 25 सीट जीत चुकी है।
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माना जा रहा है कि बिहार विधानसभा चुनाव के लिए मतों की गिनती सामान्य से अधिक समय तक चलेगी, जो देर रात तक जारी रहेगी, क्योंकि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) की संख्या में 63 फीसदी की वृद्धि हुई है। इसकी पुष्टि खुद चुनाव आयोग कर चुकी है। हालांकि चुनाव आयोग ने यह भी बताया कि वोटों की गिनती की गति धीमी नहीं है। एक अधिकारी ने कहा कि अब तक की गिनती "गड़बड़ी-मुक्त" रही है।
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उल्लेखनीय है कोरोनोवायरस महामारी के कारण सोशल डेस्टेंसिंग सुरक्षा मानदंडों को सुनिश्चित करने के लिए ECI ने इस चुनाव में 2015 में मतदान केंद्रों की संख्या लगभग 65,000 से बढ़ाकर 1.06 लाख कर दी थी। यही कारण था कि ईवीएम की संख्या में भी वृद्धि हुई थी। बिहार के उप चुनाव आयुक्त चंद्र भूषण कुमार ने बताया कि 2015 के विधानसभा चुनावों में 38 स्थानों पर मतगणना हुई थी, लेकिन सोशल डिस्टेंसिंग मानदंडों को सुनिश्चित करने के लिए इस बार, 55 स्थानों पर मतगणना की जा रही है।
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