
Shaheed Diwas: 'भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु ऐसे विचार हैं, जिन्हें देश हमेशा याद रखेगा'
खटकड़ कलाँ। भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के सबसे प्रभावशाली चेहरों में शामिल सरदार भगत सिंह, शिवराम राजगुरु और सुखदेव थापर को कभी भुलाया नहीं जा सकता। आज ही के दिन उन्हें 1931 में अंग्रेजी हुकूमत द्वारा फांसी दे दी गई थी। उनकी याद में आज देश में शहीदी दिवस मनाया जा रहा है। इस अवसर पर विभिन्न दलों के राजनेता शहीदों को श्रद्धाजंलि अर्पित कर रहे हैं।
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शहीद दिवस पर वीरों को श्रद्धांजलि
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मातृभूमि के लिए अपने प्राणों की आहुति देने की उनकी भावना देशवासियों को हमेशा प्रेरित करती रहेगी। पीएम मोदी ने हिंदी में ट्वीट किया, "शहीद दिवस पर भारत माता के अमर सपूत वीर भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को कोटि-कोटि नमन। मातृभूमि के लिए मर-मिटने का उनका जज्बा देशवासियों को सदैव प्रेरित करता रहेगा। जय हिंद!,"

वे ऐसे विचार हैं जो हमेशा अमर रहेंगे
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि, भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु ऐसे विचार हैं जो हमेशा अमर रहेंगे। उन्होंने ट्विटर पर लिखा, 'जब भी अन्याय के खिलाफ आवाज उठेगी तो उस आवाज में इन शहीदों का प्रतिबिंब होगा।

हिंदुस्तानियों में स्वतंत्रता की भावना जगाई
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, "भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को श्रद्धाजंलि अर्पित करता हूं। उन तीनों की देशभक्ति ने विदेशी शासन के दौरान स्वतंत्रता की भावना जगाई, जो आज भी हर भारतीय को प्रेरित करती है।"

हर देशवासी उनका ऋणी रहेगा
दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट किया, 'देश के स्वतंत्रता आंदोलन के अमर प्रतीक शहीद भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु के शहादत दिवस पर मैं उन्हें नमन करता हूं। देश के इन वीरों के अमर बलिदान का हर देशवासी सदैव ऋणी रहेगा।"

शहीद भगत सिंह इंटरनेशनल एयरपोर्ट की मांग
कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने चंडीगढ़ इंटरनेशनल एयरपोर्ट का नाम बदलकर शहीद भगत सिंह इंटरनेशनल एयरपोर्ट करने की मांग दोहराई। उन्होंने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान से उनकी "36 महीने लंबी खोज-बीन" को अंजाम तक पहुंचाने का आग्रह किया और उसे समर्थन देने के लिए गृह मंत्री अमित शाह से "हरियाणा के वीटो" का इस्तेमाल करने के लिए कहा। वहीं, मान सरकार ने आज पंजाब में सार्वजनिक अवकाश रखा है।
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लाला लाजपतराय का बदला लेना चाहते थे
23 मार्च, 1931 को अंग्रेजी हुकूमत ने भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को 'लाहौर षडयंत्र मामले' में फाँसी पर लटकवा दिया गया था। दरअसल, दिसंबर 1928 में, भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु ने लाला लाजपत राय की मौत का बदला लेने के लिए लाहौर में ब्रिटिश अधिकारी जेम्स स्कॉट की हत्या की योजना बनाई थी। हालांकि, गोली एक सहायक पुलिस अधीक्षक जॉन सॉन्डर्स को मारी गई। अंग्रेजी हुकूमत ने भगतसिंह को कैद कर लिया था। उसके बाद अदालत में राजगुरु और सुखदेव ने भी भगतसिंह का साथ देते हुए गिरफ्तारी दी थी।