अयोध्या गोलीकांड पर बोली बीजेपी: राम भक्तों की मौत के बाद मुलायम सरकार ने रचा था घिनौना षड़यंत्र
नई दिल्ली। साल 1990 में हुए अयोध्या गोलीकांड को लेकर एक न्यूज चैनल द्वारा किए गए स्टिंग ऑपरेशन के बाद बीजेपी हमलावर हो गई है। संबित पात्रा ने कहा है कि चैनल के माध्यम से खुलासा हुआ है कि किस प्रकार उत्तर प्रदेश में मुलायम सिंह सरकार द्वारा राम भक्तों पर गोली चलवाई गई थी और हिन्दू रीति-रिवाज के हिसाब से उनकी अंत्येष्टि नहीं की गई बल्कि उन्हें जमीन में दफना दिया गया। उन्होंने कहा कि राम भक्तों की मौत के बाद भी उनकी आंखों को बंद ना किया जा सके, इस प्रकार का एक घिनौना षड़यंत्र मुलायम सरकार ने रचा था।
2017 में उत्तर प्रदेश में चुनाव प्रचार के दौरान मुलायम सिंह जी ने कहा था कि 16 को मारा था और आवश्यकता पड़ती तो 40 को गोली से उड़ा देते। संबित पात्रा ने सवाल उठाते हुए कहा कि राम भक्ति का ढोंग करने वाले लोग हिन्दुओं पर हुए अत्याचार पर चुप क्यों हैं? आपको बता दें कि स्टिंग ऑपरेशन में तत्कालीन एसएचओ वीर बहादुर सिंह ने बताया कि कारसेवकों के मौत का जो आंकड़ा बताया गया था, उससे ज्यादा कारसेवकों की मौत हुई थी। राम जन्मभूमि थाने के तत्कालीन एसएचओ वीर बहादुर सिंह ने इस टीवी चैनल से बातचीत में बताया, 'घटना के बाद विदेश तक से पत्रकार आए थे। उन्हें हमने आठ लोगों की मौत और 42 लोगों के घायल होने का आंकड़ा बताया था।
हमें सरकार को रिपोर्ट भी देनी थी तो हम तफ्तीश के लिए श्मशान घाट गए, वहां हमने पूछा कि कितनी लाशें हैं जो दफनाई जाती हैं और कितनी लाशों का दाह संस्कार किया गया है, तो उसने बताया कि 15 से 20 लाशें दफनाई गई हैं। हमने उसी आधार पर सरकार को अपना बयान दिया था। हालांकि हकीकत यही थी कि वे लाशें कारसेवकों की थीं। उस गोलीकांड में कई लोग मारे गए थे। आंकड़े तो नहीं पता हैं, लेकिन काफी संख्या में लोग मारे गए थे।' टीवी चैनल के इस सवाल पर कि कई लोग अपनों के बारे में पूछते हुए अयोध्या तक आए होंगे, उन्हें क्या बताया जाता था। पूर्व एसएचओ ने बताया, 'हम उन्हें बताते थे कि ये लाशें (जिन्हें दफनाया गया है) उनके परिवार के सदस्यों की नहीं हैं।'