क्विक अलर्ट के लिए
अभी सब्सक्राइव करें  
क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

औरैया हादसा: ट्रक में सवार जो ज़िंदा बचे उन्होंने बताया पूरा वाक़या

उत्तर प्रदेश के औरैया ज़िले में दिल्ली से आ रही डीसीएम वैन और ट्रक की टक्कर में 24 मज़दूरों की मौत हो गई.

By समीरात्मज मिश्र और दिनेश शाक्य
Google Oneindia News
औरैया हादसा: ट्रक में सवार जो ज़िंदा बचे उन्होंने बताया पूरा वाक़या

"हम लोग सो रहे थे. अचानक ऐसा लगा जैसे भीषण भूकंप आ गया हो. रात थी इसलिए कुछ समझ में ही नहीं आया कि क्या हुआ? जब तक कुछ समझते, लोगों के चीखने-चिल्लाने की आवाज़ें सुनाई पड़ने लगीं. मैं ख़ुद ज़मीन पर गिरा हुआ था. काफ़ी देर वहीं पड़े रहे. बाद में गांव के लोग आए तो हम लोगों को उन्होंने निकालना शुरू किया."

झारखंड में बोकारो के रहने वाले गोवर्धन भी उस ट्रक में सवार थे जो औरैया में सड़क पर खड़ी एक डीसीएम गाड़ी से भिड़ गई और देखते ही देखते दो दर्जन लोग मौत के मुंह में समा गए.

गोवर्धन भी बुरी तरह से घायल हैं और इस समय सैफ़ई मेडिकल कॉलेज में भर्ती हैं.

गोवर्धन बताते हैं, "हम 35 लोग इस ट्रक में बैठे थे और सभी लोग बोकारो जा रहे थे. इसके अलावा भी कई और लोग बैठे थे. हम लोग राजस्थान में मार्बल का काम करते हैं. कोई साधन नहीं मिला और काम भी बंद था तो इस ट्रक से जाने का इंतज़ाम किसी तरह से हो गया."

राजस्थान के भरतपुर से चला यह ट्रक औरैया ज़िले में कानपुर हाईवे पर चिरहूली गांव के पास शनिवार सुबह क़रीब तीन बजे सड़क के किनारे खड़े एक डीसीएम से जा भिड़ी.

ट्रक गड्ढे में गिर गई

टक्कर के बाद ट्रक गड्ढे में गिर गई और ट्रक में लदी चूने की बोरियां फट गईं.

बताया जा रहा है कि ट्रक और डीसीएम से हुई दुर्घटना से ज़्यादा मौतें चूने की बोरियों के फट जाने और उनसे निकली गैसों की वजह से हुईं.

हादसे के वक़्त डीसीएम का ड्राइवर सड़क के किनारे स्थित एक ढाबे पर चाय पी रहा था. डीसीएम पर भी क़रीब बीस लोग सवार थे जिनमें कुछ महिलाएं भी शामिल थीं.

इनमें से कुछ यात्री भी बाहर निकलकर चाय पी रहे थे जबकि कुछ उसी में सो रहे थे. डीसीएम के कई यात्री भी घायल हुए हैं, हालांकि उनमें से किसी की मौत नहीं हुई है.

उत्तर प्रदेश, औरैया, सड़का हादसा
Dinesh Shakya/BBC
उत्तर प्रदेश, औरैया, सड़का हादसा

राहत कार्य की शुरुआत

ढाबे के मालिक आनंद चतुर्वेदी ने मीडिया को बताया कि 112 नंबर पर काफ़ी देर तक फ़ोन किया लेकिन कोई जवाब नहीं मिला.

उनका कहना था, "बाद में मैंने इलाक़े के दारोग़ा योगेंद्र सिंह को फ़ोन करके सारी जानकारी दी. उसके बाद योगेंद्र सिंह पुलिस वालों के साथ यहां पहुंचे और अन्य अधिकारियों को सूचित किया."

एक चश्मदीद राजेश सिंह का कहना था कि पांच बजे के बाद पुलिस और एंबुलेंस आईं और राहत कार्य की शुरुआत हुई.

राजेश सिंह के मुताबिक, "घायल लोग इधर-उधर तड़प रहे थे. अँधेरे में कुछ दिख भी नहीं रहा था. आस-पास के लोग भी जुटने लगे और मदद करने लगे. घायलों को अस्पताल तक पहुंचने में ही कई घंटे लग गए. यदि समय पर इलाज मिल गया होता तो शायद इतने लोगों की मौत न होने पाती."

उत्तर प्रदेश, औरैया, सड़का हादसा
Dinesh Shakya/BBC
उत्तर प्रदेश, औरैया, सड़का हादसा

हादसे में मारे गए मज़दूर

घटना की जानकारी मिलते ही ज़िले के आला अधिकारी घटनास्थल पर पहुंच गए.

क़रीब साढ़े सात बजे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कानपुर मंडल के आयुक्त और कानपुर ज़ोन के पुलिस महानिरीक्षक को तत्काल घटना स्थल पर पहुंचने और राहत कार्य तेज़ करने और घायलों को तत्काल अस्पताल पहुंचाने के निर्देश दिए. मुख्यमंत्री ने दोनों अधिकारियों से घटना की रिपोर्ट भी तलब की है.

हादसे में मारे गए ज़्यादातर मज़दूर झारखंड, बिहार और पश्चिम बंगाल के थे. इस ट्रक में उत्तर प्रदेश के भी कई लोग सवार थे.

वाराणसी जा रहे सुनील कुमार बताते हैं, "रात काफ़ी हो गई थी. ज़्यादातर लोग गहरी नींद में थे. टक्कर के बाद ट्रक उछलकर गड्ढे में जा गिरी. जिस डीसीएम से उसकी टक्कर हुई वह भी गड्ढे में चली गई."

ट्रक में सवार लोगों का कहना है कि उन्होंने भरतपुर से अपने गंतव्य तक जाने के लिए कोई किराया नहीं दिया था लेकिन डीसीएम में सवार कांति देवी कहती हैं कि डीसीएम के ड्राइवर ने उन लोगों से प्रति व्यक्ति 1500 रुपये लिए थे.

Click here to see the BBC interactive

उत्तर प्रदेश, औरैया, सड़का हादसा
Dinesh Shakya/BBC
उत्तर प्रदेश, औरैया, सड़का हादसा

औरैया का ज़िला अस्पताल

कांति देवी और उनके तीन बच्चे भी दुर्घटना में घायल हैं और सैफ़ई अस्पताल में भर्ती हैं.

कांति देवी बताती हैं कि उन्हें छतरपुर जाना था और वो लोग ग़ाज़ियाबाद से इस डीसीएम में सवार हुए थे. डीसीएम में सवार सभी लोग मध्य प्रदेश जा रहे थे.

घटना स्थल पर पहुंचे कानपुर मंडल के आयुक्त सुधीर कुमार बोबड़े ने बीबीसी को बताया, "हादसे में घायल 26 लोगों को सैफ़ई मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है जिनमें छह की हालत गंभीर बनी हुई है. 12 लोगों का औरैया के ज़िला अस्पताल में ही इलाज चल रहा है जबकि पूरी तरह से स्वस्थ छह लोगों को एक आश्रय स्थल में रखा गया है."

अधिकारियों का कहना है कि इस बात की जांच की जा रही है कि मुख्यमंत्री के निर्देशों के बावजूद ट्रकों पर सवार होकर लोग कैसे इतनी दूर तक चले आए.

बताया जा रहा है कि भरतपुर से आ रहे जिस ट्रक ने डीसीएम को टक्कर मारी है, उसमें पचास से ज़्यादा लोग सवार थे. चूने की बोरियों से लदे इस ट्रक में इतनी संख्या में लोगों का सवार होना भी कम आश्चर्यजनक नहीं है.

उत्तर प्रदेश, औरैया, सड़का हादसा
Dinesh Shakya/BBC
उत्तर प्रदेश, औरैया, सड़का हादसा

सैफ़ई मेडिकल विश्वविद्यालय

आयुक्त सुधीर कुमार बोबड़े का कहना है कि सभी घायलों के बेहतर उपचार के लिए सैफ़ई मेडिकल विश्वविद्यालय को निर्देशित कर दिया गया है कि घायलों के उपचार में कोई कोताही न की जाए.

मेडिकल विश्वविद्यालय के कुलपति डॉक्टर राजकुमार ने बीबीसी को बताया, "घायलों के उपचार के ले डॉक्टरों की टीम जी-जान से जुटी है. पांच घायलों की हालत नाज़ुक है जबकि अन्य की स्थिति नियंत्रण में है."

घटना के बाद मौक़े पर औरैया के ज़िलाधिकारी अभिषेक सिंह और पुलिस अधीक्षक सुनीति समेत कई अधिकारी पहुंच गए और कई क्रेनों की मदद से गाड़ियों में फँसे मज़दूरों को निकाल कर एंबुलेंस के ज़रिए अस्पताल पहुंचाने का इंतज़ाम किया गया.

ज़िला प्रशासन ने जिन मृतकों की सूची जारी की है उनमें 15 की पहचान हो गई है जबकि अन्य की शिनाख़्त अभी की जा रही है.

BBC Hindi
Comments
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
English summary
Auraiya accident: The survivor of the truck told the whole story
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X