बाढ़ में सीने तक डूब कर पिछले साल तिरंगे को सलामी देने वाला हैदर NRC से हआ बाहर
गुवाहाटी। पिछले साल 15 अगस्त को वायरल हुए असम की एक फोटो इन दिनों एक बार फिर से चर्चा में है। लेकिन इस बार फोटो के वायरल होने की वजह कुछ और हैं। इस फोटो में असम के धुबरी जिले में दो बच्चे एक प्राइमरी स्कूल परिसर में सीने तक पानी में डूबे हुए तिरंगे झंडे को सलामी देते दिख रहे हैं। यह तस्वीर इसलिए फिर प्रासंगिक हो गई है क्योंकि इसमें मौज़ूद दोनों बच्चों में से एक अब इस देश का नागरिक नहीं रहा।
हैदर का नाम एनआरसी लिस्ट से हुआ बाहर
'इंडियन एक्सप्रेस' की रिपोर्ट के मुताबिक, असम में हाल में ही जारी हुए एनआरसी के अंतिम मसौदे में उसका नाम शामिल नहीं किया गया है। इसीलिए इस बार वह स्वतंत्रता दिवस पर तिरंगे को सलामी भी नहीं दे सका। तस्वीर में मौज़ूद चार लोगों में एक नीली कमीज़ में स्कूल के प्रधानाध्यापक ताज़ेन सिकदर हैं। दूसरे सफेद कमीज़ वाले सह-अध्यापक नृपेन राभा हैं। जबकि पानी में गले तक डूबे दो बच्चों के नाम हैं- हैदर खान (नौ साल) और उसका रिश्तेदार जैरुल खान (10 साल) है। इनमें से बाकी तीनों को तो एनआरसी के जगह मिल गई है, लेकिन हैदर खान का नाम एनआरसी के अंतिम मसौदे में नहीं है।
लिस्ट में नाम जोड़ने के लिए बड़े लोग जो कहेंगे मैं वही करुंगा
'इंडियन एक्सप्रेस'के मुताबिक, हैदर खान (9) के अलावा उसके परिवार के सभी लोगों जैसे मां, भाई और बहन और उसके दादा आलम खान का नाम एनआरसी ड्राफ्ट में शामिल है। हैदर के पिता रुपनल खान की साल 2011 में कोकरझार में हुई हिंसा के दौरान हत्या हो गई थी। उसकी फैमिली में जोयगन खातून जो कि घरों में काम करती हैं। हैदर को एनआरसी को लेकर कुछ पता नही है। हैदर ने कहा कि, लिस्ट में नाम जोड़ने के लिए बड़े लोग जो कहेंगे मैं वही करुंगा।
पानी में खड़े होकर तिरंगे को सलामी दी
कक्षा 4 में पढ़ने वाले हैदर से जब उसकी फोटो को लेकर पूरा गया तो उसने उत्साहित होकर बताया कि, सब कुछ बाढ़ के पानी में डूबा हुआ था। दूसरे बच्चे स्कूल में तैरकर वहां जाने से डर रहे थे जहां झंडा फहराया जा रहा था। लेकिन मैं और जैरुल, दोनों तैरकर वहां पहुंचे। फिर पानी में खड़े होकर तिरंगे को सलामी दी। लेकिन इस बार उसका लिस्ट में नाम ना होने के काऱण वह तिरंगे को सलामी नहीं दे पाया। लिस्ट में हैदर का नाम ना होने के कारण उसके घर वाले चिंतित हैं।
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