आतंकियों के खिलाफ सेना का मिशन ऑलआउट, अक्टूबर माह तक होगा खात्मा
नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर में स्थानीय निकाय चुनाव में अब तकरीबन दो हफ्ते का समय बचा है, ऐसे में सेना इन चुनाव को शांतिपूर्ण तरीके से कराने के लिए हर संभव कोशिश में जुटी है। घाटी में चुनाव के दौरान शांति और व्यवस्था को स्थापित करने के लिए अतिरिक्त सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है। इसके अलावा सेना इस बात की भी कोशिश में जुटी है कि आतंकी इस प्रक्रिया में बाधा नहीं बने, लिहाजा सेना ने आतंकियों की एक नई हिट लिस्ट तैयार की है। घाटी में लगातार हर रोज आतंकियों के साथ सेना की मुठभेड़ जारी है, इसी क्रम में सेना ने आज पुलवामा के 20 गांवों में एक साथ छापेमारी की और यहां सर्च ऑपरेशन चलाया। सेना ने अक्टूबर माह तक घाटी में आतंकियों का खात्मा करने की योजना बनाई है।
हाल ही में हिजबुल के आतंकियों ने कई पुलिसकर्मियों के परिवार वालों को बंधक बना लिया था। आतंकियों की इस घटिया हरकत के बाद सेना एक बार फिर से एक्शन में आ गई है और आज पुलवामा के कई गांवों में सर्च ऑपरेशन चलाया गया। जिस तरह से आतंकियों ने पुलिसवालों के परिवार वालों को बंधक बनाया उससे आतंकियों की हताशा साफ जाहिर होती है। आईबी रिपोर्ट के अनुसार आतंकियों ने 30 सदस्यों की एक यूनिट का गठन किया है, जिसे चुनाव के दौरान बाधा डालने की जिम्मेदारी दी गई है। सूत्रों के अनुसार लश्कर तैयबा भी घाटी में चुनाव के दौरान आतंकी गतिविधी को अंजाम देने की तैयारी में है। आपको बता दें कि घाटी में सात साल के बाद स्थानीय निकाय और पंचायत के चुनाव होने जा रहे हैं।
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सेना ने आतंकियों की जो नई हिटलिस्ट तैयारी की है उसमे 16 आतंकियों के नाम शामिल हैं, जोकि ए++ श्रेणी में शामिल हैं। इसमे हिजबुल मुजाहिदीन, जैश ए मोहम्मद, लश्कर ए तैयबा, अंसर गजवट उल हिंद और अल बदर के आतंकियों के नाम शामिल हैं। सेना ने पहले ही तमाम आतंकी संगठनों के खिलाफ अपना अभियान शुरू कर दिया है और कई आतंकियों को मार गिराया है। सेना का कहना है कि आखिरी चरण में सेना के शीर्ष आतंकी कमांडर उसके निशाने पर है। सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हमारा लक्ष्य है कि इन तमाम आतंकियों को अक्टूबर माह के अंत तक खत्म कर दिया जाए, जिससे कि चुनाव के दौरान किसी भी तरह की बाधा उत्पन्न ना हो। अक्टूबर माह में चुनाव हैं, ऐसे में जरूरी है इन लोगों की तलाश करके इन्हें खत्म किया जाए।
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