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गांधी के चश्मे को विज्ञापन में लाने की जगह उससे मानवता को देखे सरकार: नागरिकता बिल पर आनंद शर्मा

गांधी के चश्मे से मानवता को देखे सरकार: नागरिकता बिल पर आनंद शर्मा

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Rajya Sabh: Citizenship Amendment Bill पर चर्चा, Congress के Anand Sharma का Attack | वनइंडिया हिंदी

नई दिल्ली। कांग्रेस सांसद आनंद शर्मा ने कहा है कि भारत ने कई बार दुनियाभर के लोगों को शरण दी है। जो पीड़ित यहां आया, उसे इज्जत दी गई लेकिन कभी शरणार्थी का धर्म देखकर उसकी मदद नहीं की गई। इस बार नागरिकता देने में धर्म देखा जा रहा है और इसीलिए ये बिल देश के संविधान के खिलाफ है। इस दौरान उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार महात्मा गांधी के चश्मे को सिर्फ विज्ञापन में इस्तेमाल ना करे बल्कि उससे दुनिया को देखे और जाने कि गांधी जी मानवता के प्रति क्या नजरिया रखते थे। राज्यसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक पर बहस के दौरान शर्मा ने ये कहा है।

विधेयक भारतीय संविधान की नींव पर हमला

विधेयक भारतीय संविधान की नींव पर हमला

बिल पर बुधवार को राज्यसभा में चर्चा हो रही है। इस दौरान आनंद शर्मा ने कहा, आप जो विधेयक लाए हैं, वह भारतीय संविधान की नींव पर हमला है, यह भारत गणराज्य पर हमला है। इससे भारत की आत्मा आहत होती है। यह हमारे संविधान और लोकतंत्र के खिलाफ है। यह नैतिकता के आधार पर विफल है।

शर्मान ने कहा, आपने बंटवारे का दोष कांग्रेस के उन नेताओं पर लगाया जिन्होंने सालों जेल में बिताए। हिंदू महासभा और मुस्लिम लीग ने बंटवारे का समर्थन किया। औपचारिक रूस से सावरकर ने घोषणा की थी कि जिन्ना के टू नेशन थिअरी से मुझे कोई आपत्ति नहीं है। कांग्रेस तो हमेशा उसके विरोध में थी। आप कहते हैं राजनीति नहीं होनी चाहिए तो यह राजनीति भी नहीं होनी चाहिए। महात्मा गांधी के नेतृत्व में वह लड़ाई लड़ी गई उसमें पटेल, सुभाष चंद्र बोस सब शामिल हैं। उनके योगदान को नकारना इतिहास को नकारना है। आपको उनके विचारों से जो भी परहेज हो, लेकिन उनके योगदान को ना नकारेिए। आपने इतिहास लिखने का किसी को प्रॉजेक्ट दिया है तो कृपा कर ऐसा न करें।

 संविधान निर्माताओं की समझ पर सवाल ना करें

संविधान निर्माताओं की समझ पर सवाल ना करें

आनंद शर्मा ने बंटवारे को लेकर कहा, पार्टिशन की पीड़ा पूरे देश को थी। क्या आज हम यह कथन कहना चाहते हैं कि संविधान निर्माताओं को नागरिकता को लेकर कोई समझ नहीं थी। बंटवारे की पीड़ा से जो लाखों लोग भारत आए क्या उन्हें सम्मान नहीं मिला? भारत में दो-दो प्रधानमंत्री भी हुए डॉक्टर मनमोहन सिंह और आई के गुजराल।

सरकार बिल को लेकर कहती है कि सबसे बातचीत हो चुकी है मैं इससे सहमत नहीं हूं। आपने कहा कि यह ऐतिहासिक बिल है तो इतिहास इसे किस दृष्टि से देखेगा, यह वक्त बताएगा। हम इसका विरोध करते हैं। विरोध का कारण राजनैतिक नहीं संवैधानिक है, नैतिक है। यह हमारे गणराज्य के पवित्र संविधान की प्रस्तावना के विरुद्ध है। हमारी सरकार में पाकिस्तान से आए लोगों को भी सम्मान मिला था। पहले संसोधन से कोई खतरा नहीं हुआ। संविधान के लिहाज से ये बिल फेल है।

सदन में कांग्रेस नेता ने आनंद शर्मा ने कहा कि एनआरसी से देश में असुरक्षा की भावना है। आज पटेल और गांधी आपसे मिले तो बहुत नाराज होंगे।

राज्यसभा में बिल पर बहस

राज्यसभा में बिल पर बहस

नागरिकता संशोधन विधेयक सोमवार को लोकसभा से पास हो चुका है। बुधवार को इस बिल को राज्यसभा में पेश किया गया है। पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए शरणार्थियों को इस बिल में नागरिकता देने का प्रस्ताव है। इस बिल में इन तीनों देशों से आने वाले हिंदू, जैन, सिख, बौद्ध, पारसी और ईसाई समुदाय के शरणार्थियों को नागरिकता का प्रस्ताव है। नागरिकता संशोधन विधेयक का देश के कई हिस्सों, खासतौर से पूर्वोत्तर में भारी विरोध हो रहा है। वहीं विपक्षी दल और कई संगठन भी इसका विरोध कर रहे हैं। कांग्रेस, वामदलों, टीएमसी, द्रमुक, राजद, सपा, बसपा ने बिल का विरोध किया है।

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English summary
Anand Sharma Congress in Rajya Sabha citizenship amendment bill
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