कोरोना से एयर इंडिया पायलट की हुई मौत, 5 साल की मासूम को है अपने पिता के वापस आने का इंतजार
हरिद्वार, जून 9: कैप्टन हर्ष तिवारी ने एयर इंडिया का विमान उड़ाते समय कभी कल्पना भी नहीं की होगी कि कोविड के कारण उनकी मृत्यु के 10 दिन बाद भी उनकी बेटी उनका इंतजार कर रही होगी। दरअसल, अभी तक बच्ची को पिता की मौत की सूचना नहीं दी गई है। हर्ष तिवारी की पत्नी का कहना है कि हमारा परिवार तबाह नहीं होता अगर उन्हें फ्रंटलाइन वर्कर मान लिया जाता और वैक्सीन लगाई जाती।
'बेटी भी सिर्फ पिता का इंतज़ार कर रही'
कैप्टन हर्ष तिवारी की पत्नी मृदुस्मिता दास तिवारी ने उड़ान को लेकर अपने पति के जुनून को याद करते हुए कहा कि वो अभी अपने पति के अन्त्येष्टि क्रिया के लिए हरिद्वार में हैं। उन्होंने कहा कि मेरे ससुराल वाले बूढ़े हैं और वो रिटायर हो चुके हैं। मेरी पांच साल की बच्ची है। हमने अभी अपना जीवन शुरू किया था। कैप्टन तिवारी 2016 में एयर इंडिया से जुड़े थे। उन्होंने बताया कि बच्ची इस दर्द से अनजान है। वह जानना चाहती है कि आखिर चल क्या रहा है।
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अब तक करीब 17 पायलटों की मौत हो चुकी हैं
मृदुस्मिता ने रोते हुए कहा कि, वह अपने पिता के वापस आने का इंतजार कर रही है। वह जानती है कि पिता अस्पताल में हैं। वह हमेशा पूछती रहती है कि इतना समय क्यों लग रहा है। बेटी को पिता के बिना रहने की आदत नहीं है। पिछले एक साल में भारत में कोरोना महामारी से अब तक करीब 17 पायलटों की मौत हो चुकी हैं, जिसमें इसी साल फरवरी महीने से अब तक अकेले 13 पायलटों की जान इस महामारी ने ले ली है।
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कैप्टन हर्ष तिवारी सबसे छोटे थे
कोरोना की दूसरी लहर की सुनामी में, एयर इंडिया के पांच सीनियर पायलट - कैप्टन अमितेश प्रसाद, कैप्टन प्रसाद करमाकर, कैप्टन संदीप राणा, कैप्टन जीपीएस गिल और कैप्टन हर्ष तिवारी - की मई, 2021 में मौत हो गई। उनमें कैप्टन हर्ष तिवारी सबसे छोटे थे, सिर्फ 36 साल के थे। इन पांच पायलटों के परिजनों को कोविड से संबंधित मौतों के मामले में मुआवजे के रूप में सिर्फ 10 लाख रुपये मिलेंगे, जैसा कि मार्च 2020 में एयर इंडिया प्रबंधन द्वारा घोषित किया गया था। दरअसल, कैप्टन हर्ष तिवारी के परिवार को 5 लाख रुपये का ही मुआवजा मिलेगा, क्योंकि वह कॉन्ट्रैक्ट पर थे न कि स्थायी कर्मचारी।