'मेरी सेक्सुअलिटी के अलावा, कोई और दूसरा कारण नहीं...',जज के रूप में पदोन्नति में देरी पर बोले वकील सौरभ कृपाल
'मेरी सेक्सुअलिटी के अलावा, कोई और दूसरा कारण नहीं...', जज के रूप में पदोन्नति में देरी पर बोले वकील सौरभ कृपाल
Advocate Saurabh Kirpal on Judge delay in promotion: देश के वरिष्ठ अधिवक्ता सौरभ कृपाल ने कहा है कि केंद्र सरकार द्वारा जज के रूप में उनकी पदोन्नति की सिफारिश पर कार्रवाई नहीं करने का असली कारण उनकी 'सेक्सुअलिटी' है। अगर सौरभ कृपाल दिल्ली हाई कोर्ट के न्यायाधीश बनते हैं तो वह भारत के पहले समलैंगिक न्यायाधीश होंगे। दिल्ली में साहित्य आजतक 2022 कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अधिवक्ता कृपाल ने कहा, ''मुझे नहीं लगता कि इसे कहने का कोई और तरीका है। 12 सिफारिशों में से 11 नियुक्त की गईं और मैं उसमें से नहीं हूं, इसका क्या कारण हो सकता है। कथित कारण इतने दिखावटी हैं कि, इसका असली कारण सिर्फ मेरी सेक्सुअलिटी है। इसका कोई अन्य संभावित कारण नहीं है।"
वरिष्ठ अधिवक्ता सौरभ कृपाल ने 19 नवंबर को साहित्य आजतक 2022 में अपनी किताब 'Fifteen Judgements: Cases that have Shaped the Financial Landscape of India' के विमोचन के दौरान न्यायाधीश के रूप में पदोन्नति में देरी पर ये बात कही। इस इवेंट में इंडिया टुडे के एडिटर राजदीप सरदेसाई ने वरिष्ठ अधिवक्ता सौरभ कृपाल से पूछा कि क्या सरकार ने उन्हें जज की पदोन्नति इसलिए नहीं दी क्योंकि उन्होंने खुले तौर पर अपनी कामुकता की घोषणा की है और सरकार समलैंगिक जज को स्वीकार नहीं कर सकती है?
इस सवाल के जवाब में वरिष्ठ अधिवक्ता सौरभ कृपाल ने कहा, ''अगर कोई न्यायाधीश के रूप में पदोन्नति में देरी के कारणों की जांच करने के लिए डिटेल में जाएगा और इस मैटर को देखगा तो साफ हो जाएगा कि जज के रूप में पदोन्नति में देरी का कारण सिर्फ मेरी सेक्सुअलिटी है। इसके अलावा कोई और दूसरा कारण नहीं हो सकता है।'' सौरभ कृपाल ने कह कि उन्हें कॉलेजियम के कुछ जानकार सूत्रों से पता चला है कि वास्तव में यही कारण है।