जानिए क्या है राष्ट्रीय स्मार्ट ग्रिड मिशन?
भारत सरकार ने 2015 की शुरूआत में राष्ट्रीय स्मार्ट ग्रिड मिशन (एनएसजीएम) को मंजूरी दी। इस मिशन का ऐलान करते वक्त केंद्र सरकार ने ऐलान किया कि इसके तहत देश के हर कोने में बिजली पहुंचायी जायेगी। चलिये जानते हैं, कि यह राष्ट्रीय स्मार्ट ग्रिड मिशन (एनएसजीएम) क्या है।
यह मिशन योजना बनाने, निगरानी और स्मार्ट ग्रिड गतिविधियों से संबंधित नीतियों और कार्यक्रमों के कार्यान्वयन के लिए एक संस्थागत तंत्र है। 12वीं पंचवर्षीय योजना के लिए एनएसजीएम गतिविधियों के लिए 338 करोड़ रुपये की बजटीय सहायता के साथ कुल व्यय 980 करोड़ रुपये है।
तीन स्तरीय संरचना
एनएसजीएम तीन स्तरीय संरचना है। इसके शीर्ष स्तर पर विद्युत मंत्री की अध्यक्षता में एक संचालन परिषद है। संचालन परिषद के सदस्य संबंधित मंत्रालयों और विभागों के सचिव स्तर के अधिकारी हैं। संचालन परिषद स्मार्ट ग्रिड कार्यान्वयन के लिए सभी नीतियों और कार्यक्रमों को मंजूरी देती है।
दूसरे स्तर पर, एनएसजीएम सचिव (विद्युत) की अध्यक्षता में एक उच्चाधिकार प्राप्त समिति है। अधिकार प्राप्त समिति के सदस्य संबंधित मंत्रालयों और विभागों के संयुक्त सचिव स्तर के अधिकारी हैं। अधिकार प्राप्त समिति की भूमिका संचालन परिषद को नीतिगत जानकारी प्रदान करना और विशिष्ट स्मार्ट ग्रिड परियोजनाओं को मंजूरी देना, निगरानी करना, समीक्षा करना और निर्देश/प्रक्रिया आदि उपलब्ध कराना है। सहायक के तौर पर एनएसजीएम में अध्यक्ष (सीईए) की अध्यक्षता में एक तकनीकी समिति गठित की गई है।
क्या करती है तकनीकी सममित?
तकनीकी समिति के सदस्य संबंधित मंत्रालयों और विभागों के निदेशक स्तर के अधिकारी और उद्योगों तथा शिक्षा क्षेत्र के प्रतिनिधि हैं। तकनीकी समिति तकनीकी पहलू, मानकों के विकास, प्रौद्योगिकी चयन के दिशा-निर्देशों आदि में अधिकार प्राप्त समिति को सहयोग करती है।
एनएसजीएम के अंतर्गत प्रमुख गतिविधियों में स्मार्ट ग्रिड और माइक्रो ग्रिड का विकास, उपभोक्ता के साथ संबंध तथा प्रशिक्षण एवं क्षमता बढ़ाना आदि शामिल हैं। एनएसजीएम के तहत स्वचालन, संचार और सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी पर आधारित स्मार्ट विद्युत ग्रिड का कार्यान्वयन किया जा रहा है, ताकि निगरानी और बिजली पैदा होने के स्थान से उपभोक्ता तक बिजली प्रवाह को नियंत्रित किया जा सके। भारत सरकार देश के हर इलाके में बिजली सप्लाई की योजना को आगे बढ़ा रही है। इस मिशन के तहत विद्युत संयंत्र से आपके घर तक पहुंचने में जिस बिजली का नुकसान ट्रांसमिशन लॉस के तहत होता है, उसे न्यूनतम स्तर तक लाना है।