लगभग सारे पेड़ काटकर मुंबई मेट्रो बोली- अब नहीं काटेंगे और पेड़, मानेंगे कोर्ट का फैसला
नई दिल्ली। मुंबई के आरे कॉलोनी में पेड़ों को काटने को लेकर खड़े हुए विवाद के बाद सुप्रीम कोर्ट ने तत्काल प्रभाव से इसकी कटाई पर रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद मुंबई मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड की ओर से बयान जारी करके कहा गया है कि हम कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं। भविष्य में पेड़ काटने की कोई प्रक्रिया नहीं होगी। हालांकि यहां इलाके में पहले से गिरे पेड़ों को हटाने का काम चलता रहेगा। मुंबई मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड की ओर से कहा गया है कि 2185 पेड़ों के गिरने का काम 4 अक्टूबर को हाई कोर्ट की इजाजत के बाद शुरू किया गया थाा। अभी तक कुल 2141 पेड़ गिर चुके हैं। मौके पर गिरे पेड़ों को हटाने का काम जारी रहेगा, साथ ही निर्माण कार्य जारी रहेगा।
बता दें कि मुंबई की आरे कॉलोनी में पेड़ों की कटाई पर सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी। साथ ही कहा कि पेड़ों की कटाई का विरोध करने वाले सभी प्रदर्शनकारियों को तत्काल रिहा किया जाए। इस मामले की अगली सुनवाई अब 21 अक्टूबर को होगी, तब तक यथास्थिति बनाए रखे जाने का आदेश दिया गया है। किंतु, आरे में करीब 2,700 पेड़ों की कटाई से पहले मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन के रूट के लिए भी हजारों पेड़ काटे गए थे, तब रोक नहीं लग पाई थी। अभी भी महाराष्ट्र-गुजरात दोनों राज्यों में हजारों पेड़ों की बलि चढ़ेगी। नेशनल हाईस्पीड रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड (NHSRCL) का कहना है कि वे करीब 25 हजार पेड़ों को ट्रांसप्लांट करेंगे। जबकि, बुलेट ट्रेन के रूट पर आने वाले कम से कम 60 हजार पेड़ों को हटाया जाना है। इन पेड़ों की कटाई का पुरजोर विरोध नहीं हो सका है।
सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत आंदोलन कार्यकर्ताओं द्वारा प्राप्त जानकारी के अनुसार, बुलेट ट्रेन के लिये गुजरात और महाराष्ट्र दोनों राज्यों में कुल 80,437 फल एवं अन्य तरह के पेड़ों को एक साथ साफ किया जा रहा है। सबसे ज्यादा पेडों को काटने की अनुमति गुजरात में मिली। इससे पहले बीएमसी ने मुंबई मेट्रो कारशेड के निर्माण के लिए 2700 से अधिक पेड़ों को हटाने के लिए कहा था। काफी पेड़ काट दिए गए, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट का ने तात्कालिक रोक लगाई।
इसे भी पढ़ें- अरुणाचल प्रदेश में चीन की सीमा के करीब सेना, M777 तोपों की तैनाती को रेडी