सिंघु बॉर्डर पर पंजाब के किसान का लटका हुआ मिला शव, पुलिस ने बताई मृतक की पहचान
नई दिल्ली, 10 नवंबर। केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन को 1 साल पूरा होने जा रहा है। इस एक साल में ना तो सरकार किसानों की मांग के आगे झुकी और ना ही किसानों ने अपना हठ छोड़ा। इस दौरान किसानों की मौत के मामले भी बहुत तेजी से सामने आए। कुछ किसानों की मौत आंदोलन के दौरान ही हुई, जबकि कुछ ने आंदोलन में ही आत्महत्या कर ली। इस बीच बुधवार को सिंघु बॉर्डर पर पंजाब के एक किसान का शव फांसी पर लटका हुआ मिला है, जिससे किसानों के बीच दहशत का माहौल पैदा हो गया है।
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पंजाब के फतेहगढ़ निवासी गुरप्रीत का शव मिला लटका हुआ
जानकारी के मुताबिक, सिंघु बॉर्डर पर कुंडली इलाके में किसान का शव फांसी के फंदे से लटका हुआ मिला। पुलिस ने बताया है कि मृतक किसान की पहचान पंजाब के फतेहगढ़ साहिब के रहने वाले गुरप्रीत सिंह के रूप में हुई है। बताया जा रहा है कि गुरप्रीत सिंह भारतीय किसान यूनियन सिद्धूपुर के जगजीत सिंह दलेवाल गुट से जुड़ा हुआ था। पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है और जांच शुरू कर दी है। हालांकि अभी पुलिस ने गुरप्रीत की मौत के कारण को लेकर कुछ नहीं कहा है।
26 नवंबर को आंदोलन को होगा एक साल
आपको बता दें कि दिल्ली की तीन सीमाओं सिंघु, गाजीपुर और टिकरी बॉर्डर पर पिछले साल 26 नवंबर से किसानों का जमावड़ा है। इन तीनों सीमाओं पर पंजाब और हरियाणा के अधिकतर किसान आंदोलन कर रहे हैं। किसानों के इस आंदोलन को एक साल होने जा रहा है, लेकिन इनकी समस्या का समाधान अभी तक नहीं निकला है। सरकार और किसानों के बीच अभी तक 11 राउंड की बातचीत हो चुकी है, जो बेनतीजा ही रही है।
संसद का घेराव करेंगे 500 किसान
किसानों के आंदोलन को एक साल होने के मौके पर किसानों ने संसद घेराव की रणनीति तैयार की है। मंगलवार को संयुक्त किसान मोर्चा ने ऐलान किया कि 29 नवंबर से शुरू हो रहे शीतकालीन सत्र की शुरुआत के साथ ही हर दिन 500 किसान ट्रैक्टर और ट्रॉलियों के साथ संसद तक रैली निकालेंगे। SKM ने कहा है कि किसानों की ये रैली एकदम शांतिपूर्ण और अनुशासित रहेगी।