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भारत में ई-स्कूटरों में आग ने बढ़ाई सुरक्षा की चिंता

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Provided by Deutsche Welle

नई दिल्ली, 01 अप्रैल। ई-स्कूटरों में आग लगने की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं और ग्राहकों के मन में इन्हें लेकर शंकाएं पैदा होने लगी हैं. पिछले दिनों तमिलनाडु के वेल्लोर में ई-स्कूटर चार्जिंग के दौरान पिता और पुत्री की मौत हो गई. दरअसल दुरईवर्मा नाम के शख्स ने रात को सोते वक्त ई-स्कूटर को चार्जिंग में लगा दिया और निश्चिंत होकर सो गए. देर रात चार्जिंग के दौरान बैट्री में धमाका हुआ और घर में आग लग गई. आग की वजह से कमरे में सो रहे पिता और पुत्री की दम घुटने से मौत हो गई. दुरईवर्मा ने हाल में नया ई-स्कूटर खरीदा था और घर के बाहर चार्जिंग सुविधा नहीं होने के कारण बेडरूम में उसे चार्ज कर रहे थे. बैट्री में धमाके का कारण उसकी क्षमता कम होना बताया जा रहा है.

आग की घटनाएं बढ़ीं

ई-स्कूटर में आग लगने की घटना तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई में भी हो चुकी है. 21 वर्षीय गणेश जब दफ्तर से ई-स्कूटर पर सवार हो कर घर लौट रहे थे तब उन्होंने अपनी गाड़ी से धुआं निकलता देखा. उन्होंने तुरंत ही गाड़ी रोक दी और वह देखते ही देखते जलने लगी. ऐसी ही घटना त्रिची में भी हुई.

पुणे में भी एक ई-स्कूटर में आग लगने का मामला बीते दिनों सामने आ चुका है. वहां ओला के ई-स्कूटर में आग लग गई थी. पार्क किए गए ओला एस1 प्रो स्कूटर में बाहरी हस्तक्षेप के बिना आग लग गई थी. जिससे ग्राहकों के मन में ई-स्कूटरों की सुरक्षा को लेकर शंकाएं पैदा हो रही हैं. ओला के इस स्कूटर में आग लगने की घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया था, जिसके बाद कंपनी को आगे आकर बयान में भी देना पड़ा.

पुणे की घटना पर ओला ने एक बयान कहा, "हम पुणे की घटना से अवगत हैं और इस घटना की वजह को जानने की कोशिश कर रहे हैं. गाड़ियों की सुरक्षा ओला के लिए सबसे महत्वपूर्ण है और हम अपने प्रोडक्टस पर हाई क्वालिटी स्टैंडर्ड का वादा करते हैं. हमने इस हादसे को गंभीरता से लिया है और हम इसके लिए उपयुक्त कदम उठाएंगे."

मीडिया रिपोर्टों में कहा जा रहा है कि ई-स्कूटरों में आग लगने की घटनाओं को सरकार गंभीरता से ले रही है और खासकर पुणे की घटना के बाद उसने जांच के आदेश दिए हैं. भारत की रक्षा अनुसंधान शाखा, सेंटर फॉर फायर, एक्सप्लोसिव एंड एनवायरनमेंट सेफ्टी द्वारा की जाने वाली सरकारी जांच के कारण ओला के लिए अपने उत्पाद डिलीवरी करने में और देरी हो सकती है.

ओला ने जब बाजार में अपने ई-स्कूटर के लिए पिछले साल बुकिंग शुरू की थी तो 24 घंटे के अंदर ही इसे एक लाख ग्राहकों ने बुक कर लिया था. ओला ई-स्कूटर को तमिलनाडु में ओला इलेक्ट्रिक के प्लांट में बनाया जा रहा है.

क्यों लग रही आग

अब सवाल यह खड़ा होता है कि आखिर ई-स्कूटरों में आग क्यों लग रही है. जानकार सबसे पहले इसके लिए बैट्री को जिम्मेदार बताते हैं. उनका कहना है कि ई-स्कूटर्स में बैट्री ही ऐसा हिस्सा है जहां आग लग सकती है. इसे लेकर कड़े सुरक्षा नियम अपनाए जाने की जरूरत है. वे सुझाव देते हैं कि लीथियम आयन बैट्री वाले टू व्हीलर को कठोर परीक्षण के बाद ही बाजार में बिक्री के लिए उतारने की इजाजत होने चाहिए. साथ ही जानकार कहते हैं कि गाड़ी चलाने के तुरंत बाद उसे चार्जिंग में नहीं लगाना चाहिए. हीरो इलेक्ट्रिक के सीईओ सोहिंदर गिल ने हाल में एक टीवी इंटरव्यू में कहा था कि ई-स्कूटरों की सर्विस बेहद जरूरी है और इसको लेकर ग्राहकों के बीच जागरुकता फैलाई जानी चाहिए. गिल का कहना है कि डीलर और ग्राहक के बीच इसको लेकर जानकारी और जागरुकता का स्तर बेहद कम है, ग्राहकों को यह बताया जाना चाहिए कि बैट्री की देखभाल कैसी करनी है.

वे साथ ही यह भी कहते हैं कि कई ग्राहक 40 किलोमीटर तक धूप में गाड़ी चलाते हैं और वापस लौटने के तुरंत बाद बैट्री को चार्ज में लगा देते हैं जिससे बैट्री उबल जाती है.

जानकार कहते हैं कि ई-स्कूटर को उसी चार्जर से चार्ज करना चाहिए जिसे कंपनी ने गाड़ी के साथ दिया है.

भारत में हीरो इलेक्ट्रिक, एथर एनर्जी के साथ ही ओला जैसे स्टार्टअप के नेतृत्व में हाल के महीनों में ई टू व्हीलरों ने दो फीसदी बाजार पर अपनी हिस्सेदारी जमा ली है. केंद्र सरकार भी महंगे ईंधन के बोझ और कार्बन उत्सर्जन से बचने के लिए इलेक्ट्रिक व्हिकल को बढ़ावा दे रही है.

Source: DW

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English summary
india e scooters are going up in flames how safe are they
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