हिमाचल प्रदेश चुनाव 2017: सीट नंबर 15 नगरोटा बगवां (अनारक्षित) विधानसभा क्षेत्र के बारे में जानिये
शिमला। नगरोटा बगवां विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र हिमाचल प्रदेश विधानसभा में सीट नंबर 15 है। कांगड़ा जिला में स्थित यह निर्वाचन क्षेत्र अनारक्षित है। 2012 में इस क्षेत्र में कुल 74,574 मतदाता थे। 2012 के विधानसभा चुनाव में जी एस बाली इस क्षेत्र के विधायक चुने गए। नगरोटा बगवां हिमाचल का एक खास चुनाव क्षेत्र है,जिस पर हर किसी की नजर रहती है। कांग्रेस नेता जीएस बाली ब्राहम्ण होते हुये भी इस ओबीसी बहुल सीट पर लगातार चुनाव जीत कर राजनिति में जातीय समीकरणों को झुठलाते रहे हैं। बाली हालांकि साथ लगते कांगड़ा चुनाव क्षेत्र के रहने वाले हैं। लेकिन इसके बावजूद बाली 1998 से नगरोटा बगवां के विधायक चुने जाते रहे हैं।
यहां 48 प्रतिशत ओबीसी मतदाता हैं
अक्सर हर चुनाव में नगरोटा में धरती पुत्र की मांग तो उठती रही है। लेकिन आज तक उनके विकल्प के तौर पर नगरोटा बगवां में कोई नेता उभर नहीं पाया है। यही वजह है कि बाली का तिलस्म टूट नहीं पाया है। निसंदेह बाली के नेतृत्व में नगरोटा बगवां ने विकास के नये आयाम छुये हैं। एक ओर प्रसिद्ध चामुंडा मंदिर तो दूसरी ओर पालमपुर व बड़ोह तक का इलाका इस चुनाव क्षेत्र में आता है। नगरोटा बगवां शहर को छोड़ दें तो सारा इलाका ग्रामीण ही है।
इस चुनाव क्षेत्र में करीब 48 प्रतिशत ओबीसी मतदाता हैं। व बीस प्रतिशत राजपूत और 17 प्रतिशत ब्राहम्ण मतदाता हैं। जबकि 15 प्रतिशत अन्य जातियां हैं। लेकिन इन जातिये समीकरणों को झुठलाते हुये बाली आज भी इलाके के ओबीसी समुदाय के दिलों पर राज करते हैं। बाली इन दिनों भाजपा के संग अपनी दोस्ती बढ़ाने में लगे हैं। यह आम चरचा है कि बाली कभी भी अपना पाला बदल लेंगे। इसके चलते सीएम को भी पिछले दिनों मजबूरन कहना पड़ा कि बाली जहां भी जाना चाहें ,चले जायें।
नगरोटा बगवां विधानसभा चुनाव क्षेत्र से अभी तक चुने गये विधायक
वर्ष
चुने
गये
विधायक
पार्टी
संबद्धता
2012
जी
एस
बाली
कांग्रेस
2007
जी
एस
बाली
कांग्रेस
2003
जी
एस
बाली
कांग्रेस
1998
जी
एस
बाली
कांग्रेस
1993
हरदयाल
चौधरी
निर्दलीय
1990
राम
चंद
भाटिया
भाजपा
1985
राम
चंद
भाजपा
1982
राम
चंद
भाजपा
1977
हरदयाल
कांग्रेस
कांग्रेसी होते हुये भी बाली की भाजपा है मुरीद
नगरोटा बगवां के विधायक जीएस बाली की बात ही निराली है। कांग्रेसी होते हुये भी इस बार भाजपा अपनी सूचि में टिकट पाने वालों में शुमार कर रही है। यही नहीं अपनी जाति के मतदाता भी नहीं फिर भी चुनाव में जीत दरज करने का हुनर बाली को ही आता है। जिस पर बड़े बड़े उंगली दबाने को मजबूर हो जाते हैं। 63 वर्षीय बाली का एक पुत्र है। उन्होंने मेकेनिकल इंजिनियरिंग में डिप्लोमा किया है। बाली कांग्रेस में सेवा दल से होकर आये। व पहली बार 1998 में विधानसभा सदस्य के तौर पर चुने गये। उसके बाद 2003 व 2007 में चुनाव जीता। 2003 से 2007 के बीच परिवहन मंत्री रहे। 2012 में चौथी बार नगरोटा से चुने गये व परिवहन मंत्री बने। बाली को इस बार कांग्रेस में वीरभद्र सिंह के विकल्प के तौर पर सीएम पद का दावेदार भी माना जा रहा है। खुद बाली भी अपनी इस महत्वाकांक्षा को जाहिर करते आये हैं। आजकल दोनों नेताओं में रिशतों में तनाव साफ देखा जा सकता है।