हिमाचल पुलिस के आईजी जहूर जैदी समेत आठ पुलिसकर्मी सस्पेंड
सीबीआई ने रिमांड पर लिए पुलिस अधिकारियों और कर्मियों से नई दिल्ली में कड़ी पूछताछ की। अब इन्हीं से ही कोटखाई रेप मर्डर केस की असलियत जानने के लिए सुराग ढूंढा जा रहा है।
शिमला। कोटखाई गैंगरेप मर्डर केस में आरोपी सूरज की पुलिस हिरासत में मौत पर सीबीआई की ओर से गिरफ्तार किए गए हिमाचल पुलिस के आईजी जहूर जैदी समेत सभी पुलिसकर्मी सरकार ने सस्पेंड कर दिए हैं। लॉकअप में 48 घंटे से ज्यादा समय तक रहने पर इन पर कार्रवाई हुई है। अब दोषी पुलिस कर्मियों के खिलाफ विभागीय जांच की कार्रवाई शुरू होगी। सस्पेंशन वाले केसों में ये जांच जरूरी होती है। अधिकारियों के खिलाफ सस्पेंशन की कार्रवाई की औपचारिकताएं गृह विभाग और नॉन गेजेटेड कर्मचारियों के मामले में एसपी शिमला पूरी करेगी। नियमों के तहत 48 घंटे से ज्यादा पुलिस कस्टडी में रहने पर अधिकारियों, कर्मियों को डीम्ड सस्पेंड माना जाता है।
लिहाजा आठ पुलिस वालों के मामले में सीबीआई ने गिरफ्तारी की सूचना प्रदेश सरकार को दे दी है। ये सूचना गृह विभाग के पास बुधवार को पहुंच गई थी। इसके आधार पर सरकार आईजी और डीएसपी को सस्पेंड करने के औपचारिक आदेश जारी करेगी लेकिन ये सस्पेंड गुरुवार से ही माने जाएंगे। गृह विभाग के एक अधिकारी ने इसकी पुष्टि की है। गिरफ्तारी के तीसरे दिन गुरुवार को सीबीआई ने रिमांड पर लिए पुलिस अधिकारियों और कर्मियों से नई दिल्ली में कड़ी पूछताछ की। अब इन्हीं से ही कोटखाई रेप मर्डर केस की असलियत जानने के लिए सुराग ढूंढा जा रहा है। इस मामले में तीन पुलिस कर्मचारी पहले से ही सस्पेंड चल रहे हैं।
सीबीआई का दावा है कि सूरज हत्याकांड को पुलिसकर्मियों ने ही अंजाम दिया। जांच को बनाई पुलिस एसआईटी के प्रमुख आईजी जैदी ने ना केवल सच्चाई को छिपाने में अहम भूमिका निभाई, बल्कि हत्या का इलजाम हवालात में बंद आरोपी राजू पर थोप दिया। गिरफ्तार किए गए सभी पुलिस वालों को चार सितंबर तक रिमांड पर लिया है। डीजीपी सोमेश गोयल ने कहा कि आईजी और डीएसपी की सीबीआई की ओर से की गई गिरफ्तारी के बाद इसकी सूचना गृह विभाग को दे दी गई थी। डीम्ड सस्पेंशन के बाद गृह विभाग से की गई कार्रवाई की प्रति मिलने के बाद ही इस पर कुछ कह सकते हैं। थाने में तैनात गिरफ्तार पुलिसकर्मियों का सस्पेंशन एसपी शिमला को करना है। उन्होंने कहा कि हो सकता है कि दोनों स्तरों पर इससे संबंधित कार्रवाई कर दी गई हो।
इस बीच सीबीआई ने एसआईटी में शामिल रहे एडीशनल एसपी भजन देव नेगी और डीएसपी रत्न नेगी को सीबीआई ने दिल्ली तलब किया है। सूत्रों के अनुसार दोनों अधिकारी दिल्ली पहुंच गए हैं। सीबीआई हैडक्वार्टर में उनसे लगातार पूछताछ की जा रही है। इससे पहले मनोज जोशी सहित कोटखाई थाने के एक एएसआई से भी सीबीआई ने दिल्ली में पूछताछ की थी। इसके बाद इन दोनों को गिरफ्तार किया गया था। भजनदेव नेगी वैसे ही रिटायरमेंट के बाद एक्सटेंशन पर चल रहे हैं। जबकि रतन चंद शिमला के डीएसपी ट्रैफिक के पद पर कार्यरत हैं। इनसे कोटखाई केस के बारे में पूछताछ हो रही है। डीएसपी के पास सीडीआर डिटेल थी जबकि एएसपी कोटखाई केस में जांच कर रहे थे। हवालात में सूरज की हत्या के बाद जिस दिन थाना फूंका गया उस दिन भी वो वहीं पर तैनात थे।
मुंशी भी बुलाया दिल्ली, गिरफ्तारी की संभावना
कोटखाई थाने के निलंबित मुंशी मुकेश को भी सीबीआई ने दिल्ली बुलाया है। उससे भी पूछताछ होगी। जांच एजेंसी पूछताछ के बाद उसकी गिरफ्तारी कर सकती है जिस रात सूरज की थाने में मौत हुई, उस वक्त इस कर्मी की ड्यूटी थी। हवालात की चाबी उसी के पास थी। उसे वहां से बाहर किसके कहने से लाया गया, ये बात उसे मालूम थी लेकिन उसने भी पुलिस अधिकारियों के साथ ही सच को छिपाया।
कौन हैं आईजी जैदी
जहूर हैदर जैदी हिमाचल प्रदेश काडर के 1994 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। मूल रूप से जौनपुर के बड़ा गांव, शाहगंज के रहने वाले जैदी ने राजस्थान के अजमेर और यूपी के लखनऊ में अपनी पढ़ाई पूरी की। वो 2006 से 2009 तक प्रतिनियुक्ति पर लखनऊ में क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी के पद पर तैनात रह चुके हैं। लगभग सवा तीन साल लखनऊ में रहने के बाद वो इंडोनेशिया में भारतीय दूतावास में काउंसलर के पद पर तैनात रहे। कोटखाई मामले की छानबीन पर सवाल उठने के बाद शिमला पुलिस से ये केस वापस जांच की जिम्मेदारी विशेष जांच टीम (एसआईटी) को दी गई। इस एसआईटी के प्रमुख जहूर हैदर जैदी बनाए गए। जैदी हिमाचल पुलिस की दक्षिणी जोन शिमला में आईजी थे। यानी उनके पास शिमला, सोलन, सिरमौर और किन्नौर जिलों के पुलिस अधीक्षकों की निगरानी भी थी। इस मामले की पुलिसिया छानबीन पर उठे बवाल के बाद आईजी जैदी का दक्षिणी रेंज शिमला से पुलिस मुख्यालय के लिए तबादला कर दिया गया है।
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