हरियाणा: बीच रास्ते में खराब हो गई है गाड़ी तो ना हो परेशान, पुलिस की इनोवा छोड़ेगी घर
चंडीगढ़, 14 अगस्त: अगर आपकी की गाड़ी बीच रास्ते में खराब हो गई है तो अब आपको घबराने की जरूरत नहीं है। पुलिस आपको इनोवा कार से घर तक छोड़ेगी। जी हां...हरियाणा सरकार डायल-112 को और प्रभावी बनाने के लिए कई बड़े बदलाव करने जा रही है। इन नए बदलावों के मुताबिक, अगर आप डायल-112 पर कॉल करके अपने परेशानी बताएंगे तो पुलिस की इनोवा आपको घर तक छोड़ेगी। कॉल आने पर पुलिस थाने, जिले की सीमा या क्षेत्राधिकार का कोई बहाना नहीं चलेगा।

डायल-112 योजना में नई विशेषताएं जोड़ने का काम हरियाणा सरकार ने शुरू कर दिया है। ऐसा बताया जा रहा है कि इस साल के अंत तक इन नई विशेषताओं को लागू कर दिया जाएगा। हालांकि, सितंबर-अक्तूबर इन विशेषताओं का ट्रायल शुरू होगा। बता दें कि पुलिस विभाग के एडीजीपी आधुनिकीकरण और आईटी एएस चावला इस पर काम कर रहे हैं। डायल-112 की गाड़ियों को हाईवे पर बिना किसी कॉल के 70 से अधिक स्पीड पर नहीं भगा सकेंगे।
अपराधियों, असामाजिक तत्वों का पीछा करने पर ही 100 की स्पीड में चलने की अनुमति होगी। बेवजह 100 की स्पीड से चलने पर गाड़ियों में अलार्म बजना शुरू हो जाएगा। गाड़ी में लगे स्पीकर में यह संदेश आएगा कि बिना किसी काम के इतनी तेजी से क्यों चल रहे हैं। अंधाधुंध स्पीड से दौड़ने पर गाड़ियों का पूरा रिकॉर्ड परियोजना मुख्यालय में दर्ज होने के बाद सीएम कार्यालय को भी जाएगा। बार-बार आदेशों की अवहेलना करने वाले स्टाफ पर कार्रवाई भी होगी।
गाड़ी अगर एक स्थान पर काफी समय से खड़ी है, तो गश्त करने का अलर्ट आएगा। हर कॉल पर मौके पर पहुंचना होगा, बेशक शिकायत शरारतपूर्ण ही क्यों न हो। एडीजीपी एएस चावला ने कहा कि डायल-112 की कमियों को दूर करने जा रहे हैं। गृह मंत्री अनिल विज और प्रदेश सरकार को नए बदलावों के बारे में बताया जा चुका है। कमियां दूर करने के साथ जानकर बदनीयती करने वाले को दंडित भी किया जाएगा।
फर्जी शिकायत करने वाले होंगे दंडित
एडीजीपी एएस चावला की मानें तो 97 प्रतिशत शिकायतें ठीक होती हैं, लेकिन 3 फीसदी शिकायतें ही अभी तक शरारतपूर्ण पाई गई हैं। अब सरकार शरारत करने वाले के लिए भी दंड का प्रावधान करने जा रही है। गाड़ियों पर तैनात स्टाफ को साफ हिदायत है कि शिकायतकर्ता के साथ ठीक से बातचीत करें। चूंकि, दाल में नमक ज्यादा डालने की शिकायतें तक भी आती हैं।
डायल-112 की क्यों पड़ी जरूरत
डालय-112 की जरूरत इसलिए पड़ी क्योंकि 100 नंबर पर अधिकांश फोन उठते ही नहीं थे। फोन उठाने पर बातचीत का लहजा ठीक नहीं होता था। घटनास्थल पर पुलिस देरी से पहुंचती थी। अगर कोई घटना सीमा से बाहर या उस थाना क्षेत्र की ना होने का बहाना बना दिया जाता था।
सभी शिकायतों पर पहुंचने का रिकॉर्ड
बताया कि अभी तक का कॉल आते ही डायल-112 की गाड़ियों का शत-प्रतिशत जगह पहुंचने का रिकॉर्ड है। मौके पर पहुंचकर यह देखा जाता है कि शिकायत घरेलू तरह की है या मामला आपराधिक है। उसके आधार पर अगली कार्रवाई की जाती है। शहर में 10-15 मिनट और गांवों में 20 से 30 मिनट पर गाड़ियां मौके पर पहुंचती हैं।