Farmers Protest: गृहमंत्री विज बोले- हरियाणा में जो हो रहा है, मास्टरमाइंड पंजाब के CM अमरिंदर सिंह हैं
चंडीगढ़। नए कृषि कानूनों के विरोध में किसान संगठनों द्वारा शुरू किए गए आंदोलन को रोकने के लिए हरियाणा सरकार पुरजोर कोशिश कर रही है। भारी पुलिस जाब्ता तैनात होने और रास्ते बाधित किए जाने के बावजूद हजारों की संख्या में किसान दिल्ली कूच कर रहे हैं। पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों से लोग 'दिल्ली चलो' के आवाह्न पर एकत्रित हो रहे हैं। कई जगह पुलिस से झड़पें भी हुई हैं और पुलिस आंसू गैस के गोले दागकर तथा वाटर कैनन चलाकर प्रदर्शनकारियों को भगा रही है। उग्र होते हालातों पर प्रदेश के गृह-स्वास्थ्य और निकाय मंत्री अनिल विज का बयान आया है। विज के मुताबिक, इस बवाल के पीछे पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह जिम्मेदार हैं।
विज
ने
कहा
कि,
आज
जो
हरियाणा
पंजाब
में
हो
रहा
है।
किसान
बवाल
काट
रहे
हैं,
उसके
पीछे
अमरिंदर
सिंह
पूरी
तरह
से
जिम्मेदार
हैं।
अमरिंदर
मास्टरमाइंड
हैं।
मगर,
हम
किसानों
के
मामले
में
सयंम
बरत
रहे
हैं।'
वहीं,
विज
से
पहले
अमरिंदर
ने
हरियाणा
सरकार
को
घेरा
था।
अमरिंदर
ने
पंजाब
से
दिल्ली
निकले
किसानों
को
हरियाणा
में
पुलिस
के
रोकने,
उन
पर
आंसू
गैस
के
गोले
दागने
और
वाटर
कैनन
चलाने
को
ज्यादती
और
पूरी
तरह
से
अलोकतांत्रिक
कहा।
अमरिंदर
ने
हरियाणा
सरकार
के
रवैये
की
निंदा
करते
हुए
मनोहर
लाल
खट्टर
से
सवाल
भी
किए
कि,
'आखिर
किसानों
को
रोकने
की
वजह
क्या
है?
किसान
दिल्ली
जा
रहे
हैं
तो
उन
पर
इस
तरह
से
बर्बरता
क्यों
की
जा
रही
है?'
कब होंगे हरियाणा के पंचायती चुनाव, उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला बोले- तैयारियां शुरू कर दी गई हैं
हरियाणा
की
भाजपा-जजपा
सरकार
को
नेता
प्रतिपक्ष
व
पूर्व
मुख्यमंत्री
भूपेंद्र
सिंह
हुड्डा
भी
निशाने
पर
ले
रहे
हैं।
हुड्डा
ने
किसानों
को
रोकने
के
लिए
चलाई
जा
रही
सरकार-पुलिस
की
कार्रवाई
पर
सवाल
उठाते
हुए
कहा
कि
किसानों
की
मांगों
को
सुनने
के
बजाए
सरकार
उन
पर
अत्याचार
कर
रही
है।
हुड्डा
बोले
कि,
हमारे
देश
के
इस
प्रजातंत्र
में
शांतिपूर्ण
ढंग
से
अपने
हक
की
बात
कहने
वाले
किसानों
के
रास्ते
में
बड़े-बड़े
पत्थर
रखवाना,
वाटर
कैनन
से
रोकना
उनके
लोकतांत्रिक
अधिकारों
का
हनन
है।
किसानों
को
रोकने
के
लिए
सरकार
को
इस
तरह
का
तानाशाही
रवैया
नहीं
अपनाना
चाहिए।
हुड्डा
ने
कहा
कि,
बढ़ती
सर्दी
के
मौसम
और
कोरोना
काल
में
लोगों
पर
पानी
की
तीखी
बौछार
करना
अत्याचार
है।
बताते चलें कि, किसानों के कई संगठन केंद्र सरकार की ओर से लाए गए खेती-किसानी वाले नए कानूनों का विरोध कर रहे हैं। लोगों और कांग्रेस नेताओं का कहना है कि ये कानून खेती को बर्बाद कर देंगे, ऐसे में उनके जो खतरे इन कानूनों को लेकर हैं उन्हें सरकार सुने और हल निकाले। इन्हीं कानूनों के विरोध में हजारों किसान 26 नवंबर को दिल्ली के लिए मार्च पर निकले। आज भी पंजाब से काफी संख्या में किसान दिल्ली के लिए निकले हैं। वहीं, हरियाणा सरकार ने पंजाब से लगी अपनी सभी सीमाओं को सील कर रखा है। बड़ी संख्या में हरियाणा पुलिस की तैनाती की गई है। हरियाणा में अंबाला के सादोपुर बॉर्डर और दूसरे रास्तों पर पुलिस ने दिल्ली आ रहे प्रदर्शनकारी किसानों को तितर-बितर करने के लिये वाटर कैनन और आंसू गैस के गोले का इस्तेमाल किया गया। वहीं, दिल्ली आने वाले सभी रास्ते भी सील कर दिए गए।
दिल्ली से लगते रोहतक-झज्जर बॉर्डर पर पुलिस की 5 कंपनियां तैनात कर दी गई हैं। पुलिस की ओर से कहा गया है कि, जरूरत पड़ी तो और सख्ती करेंगे। हरियाणा से बाहर दिल्ली तक मार्च के लिए इकट्ठा हुए लोगों पर बीते रोज पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे। वहीं, उन पर पानी की तोपें (वाटर कैनन) भी चलाई जा रही हैं। दिल्ली से भिड़े सोनीपत जिले में तो जेल भी तैयार की जा रही है। एक अधिकारी ने बताया कि, पंजाब-हरियाणा और उत्तर प्रदेश की पुलिस जगह जगह रास्तों पर भारी मात्रा में तैनात है। यह सब इसलिए हो रहा है ताकि किसानों के 'दिल्ली चलो' कूच को रोका जा सके। विशेषकर हरियाणा की सरकार ने ज्यादा सख्ती लागू की हुई है। यहां चंडीगढ़ और पंजाब के लिए हरियाणा रोडवेज बस सेवाएं भी बंद कर दीं।