जेलों में कैदियों को कोरोना: पैरोल पर भेजेगा प्रबंधन, नए बंदियों के लिए अब परिसर में ही क्वारंटाइन सेंटर
रेवाड़ी। हरियाणा के कई जिलों की जेलों में कोरोना मरीज मिल रहे हैं। कोरोना से संक्रमित 13 खूंखार कैदी हाल ही में रेवाड़ी स्थित जेल से फरार हो गए। इसी प्रकार नारनौल, हिसार, रोहतक की सुनारियां समेत कई जेलों में कोरोना का संक्रमण फैल रहा है। जेलों में पहले से बंद कैदियों एवं बंदियों के मुकाबले नए कैदियों/बंदियों की जो संख्या है..वो कोरोना पॉजिटिव ज्यादा हैं। जिसके चलते सरकार ने जेल परिसर के अंदर ही क्वारंटाइन व आइसोलेशन सेंटर बनवाने का फैसला लिया।
अब नये बंदियों व कैदियों के लिए जेलों में क्वारंटाइन व आइसोलेशन सेंटर कम पड़ रहे हैं, तो कोर्ट द्वारा मामूली वारदातों से जुड़े कैदियों व बंदियों को पैरोल व फरलों पर जेलों से रिहा करने के निर्देश दिए गए हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार ने कोरोना के चलते पिछले साल भी 4 हजार के करीब कैदियों व बंदियों को पैरोल व फरलो पर जेल से बाहर किया था। इस बार इनकी संख्या बढ़कर 6 हजार के करीब हो सकती है। हालांकि, इसका फैसला पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के जस्टिस राजन गुप्त की अध्यक्षता वाली कमेटी लेगी।
बताया जा रहा है कि, हाईकोर्ट की उपरोक्त कमेटी में गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव अरोड़ा व जेल विभाग के महानिदेशक शत्रुजीत कपूर सदस्य हैं। इस कमेटी के लिए सरकार ने पत्र लिख दिया है, जिससे कैदियों/बंदियों को पैरोल पर बाहर करने बारे के बारे में गाइडलाइंस जारी की जा सकें। एक अधिकारी ने बताया कि, इस संबंध में कमेटी की बैठक एक-दो दिन में ही हो सकती है। कमेटी का फैसला आने के बाद कैदियों/बंदियों को जेलों से बाहर निकाला जा सकता है।
उसके उपरांत पहले चरण में 90 दिन यानी तीन महीने की पैरोल/फरलों कैदियों व बंदियों को दी जा सकती है। हालांकि, यह स्पष्ट है कि, जघन्य अपराधों जैसे- हत्या, अपहरण, डकैती, रेप व गैंगरेप आदि अपराधों से जुड़े अपराधियों को बाहर नहीं किया जाएगा। बाकी कैदी पैरोल पर भेजे जाएंगे।